(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जानिए सेल्फ-मेडिकेशन क्या है और क्यों खतरनाक है, बचने के लिए क्या करना जरूरी है?
डॉक्टर की पर्ची के बिना सेल्फ-मेडिकेशन काफी है, तो आप गलत हो सकते हैंसेल्फ-मेडिकेशन के कई नुकसान हैं जिसका असर बाद में जाहिर हो सकता है
सर्दी, खांसी और शरीर में दर्द से राहत के लिए लोग सेल्फ-मेडिकेशन को चुनते हैं. इसके पीछे उनका मानना होता है कि इलाज का ये सस्ता और सुविधाजनक जरिया है. इलाज के सरल माध्यम की प्रक्रिया पर उन्हें विश्वास होता है. उनकी सोच होती है कि दुकानदार से स्थिति बताकर दवाइयों का सेवन कर लिया जाए.
कुछ लोग आधुनिक दवाइयों के प्रति संदेह रखने की वजह से भी सेल्फ-मेडिकेशन की तरफ जाना पसंद करते. लेकिन आपको मालूम होना चाहिए बुखार की किस्में आज कल पहले की तरह सामान्य नहीं रहीं. हमारी वायु नुकसानदेह टॉक्सिन्स से भरी है. इसलिए, वास्तव में जहरीली हवा हमारी सांसों के जरिए शरीर तक पहुंच रही है और हवा में मौजूद खतरनाक बीमारी को हम निगल रहे हैं.
सेल्फ-मेडिकेशन क्या है? सेल्फ-मेडिकेशन डॉक्टर या हेल्थ वर्कर की निगरानी के बिना किसी बीमारी या अन्य सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं का खुद से इलाज करने को कहते हैं. इसे बिना प्रिस्क्रिप्शन उपलब्ध सेवा या बिना पर्ची के भी कहा जाता है. इसके तहत लोग डॉक्टर से संपर्क किए बिना दवाइयों की खरीदारी करते हैं. इसका कई बार बहुत ज्यादा नुकसान हो सकता है क्योंकि दुकानदार की सुझाई दवाइयों का आपके स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक समस्या हो सकती है.
जल्द राहत और प्रभावी सस्ती दवा हासिल करने की रोशनी में लोग बीमारी के इलाज के तौर पर सेल्फ- मेडिकेशन का माध्यम अपनाते हैं. इसमें मरीजों का पुराना पर्चा, दोस्तों की सलाह और इंटरनेट से हासिल जानकारी भी शामिल होती है. किसी बीमारी के इलाज के लिए रिसर्च करना ठीक है, लेकिन डॉक्टर की पुष्टि के बिना दवाइयों का सेवन सबसे खराब है.
सेल्फ-मेडिकेशन के नुकसान अगर आप सोच रहे हैं कि डॉक्टर की पर्ची के बिना सेल्फ-मेडिकेशन काफी है, तो आप गलत हो सकते हैं. सेल्फ-मेडिकेशन के कई नुकसान हैं जिसका असर लंबे समय में जाहिर हो सकता है. बुनियादी तौर पर जब दवाइयां आपके शरीर में प्रवेश करती हैं तो तेजी से अवशोषित हो जाती हैं और प्रतिक्रिया पैदा कर सकती हैं.
हो सकता है कभी आपको राहत मिल जाए या बाद में साइड-इफेक्ट्स जाहिर हो. खरीदी गई कुछ दवाइयां बहुत नशीली और खतरनाक हो सकती हैं. मिसाल के तौर पर, बेनाड्रिल सिरप गले में खराश के इलाज में बहुत मशहूर है. इस्तेमाल करने पर मरीज नींद से भरा हुआ महसूस करने लगता है. लेकिन अधिकतर लोग राहत के लिए दवा का सेवन करने लगे हैं.
वर्तमान में ये सिरप डॉक्टर की सलाह पर बेचा जा रहा है. इसके विपरीत, कई एंटी बॉयोटिक्स डॉक्टर की पर्चे के साथ बेची जाती हैं. एंटी बॉयोटिक्स की खरीदारी डॉक्टर के सुझाव पर करनी चाहिए. बिना पर्ची के उसकी बिक्री को अपराध समझना चाहिए. कभी-कभी लोग डॉक्टर के मशविरे के बिना पेन किलर को खरीद लेते हैं. शरीर में पहुंचने पर पेन किलर भविष्य में दर्द का कारण बन सकते हैं.
सेल्फ-मेडिकेशन रोकने के तरीके कई तरीकों से सेल्फ-मेडिकेशन को रोका जा सकता है. सबसे पहले इसकी शुरुआत खुद से करनी चाहिए. आपको बिना पर्ची के दवाइयों की खरीदारी छोड़ देनी चाहिए. इसके अलावा भी, सोशल मीडिया के माध्यम से सेल्फ-मेडिकेशन के खतरे से लोगों को अवगत कराया जा सकता है. सबसे ज्यादा अहम है दुकानदार को बिना पर्ची के दवा की बिक्री रोकने के लिए शिक्षित किया जाए.
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