40 साल की शुरुआत में महिलाओं के ब्लड प्रेशर में हल्की बढ़त से 50 साल की उम्र में सामान्य ब्लड प्रेशर वालों के मुकाबले एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम का दोगुना खतरा होता है. ये खुलासा विश्व हाइपरटेंशन दिवस पर यूरोपीय जर्नल ऑफ प्रीवेंटिव कार्डियालोजी में प्रकाशित रिसर्च से हुआ है. रिसर्च में सुझाया गया है, "महिलाओं के स्वस्थ महसूस करने के बावजूद उन्हें अपना ब्लड प्रेशर डॉक्टर से जांच कराते रहना चाहिए और नियमित अंतराल पर होना चाहिए."
पूर्व के रिसर्च से पता चला था कि हाई ब्लड प्रेशर पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में दिल की बीमारी का ज्यादा मजबूत जोखिम कारक है. उसके अलावा, युवा और अधेड़ उम्र की महिलाओं का औसत ब्लड प्रेशर पुरुषों की तुलना में कम होता है. रिसर्च का मकसद ये पता लगाना था कि क्या ब्लड प्रेशर में मामूली बढ़त (130-139/80-89 mmHg) पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम का ज्यादा मजबूत जोखिम कारक है. सामुदायिक आधारित रिसर्च में 41 साल की उम्र पर 6,381 महिलाओं और 5,948 पुरुषों के ब्लड प्रेशर को मापा गया और 16 साल के दौरान हार्ट अटैक को भी रिकॉर्ड किया गया.
शोधकर्ताओं ने पाया कि महिलाओं के ब्लड प्रेशर में मामूली बढ़त होने से जिंदगी के बीच में एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम दोहरे खतरे से जुड़ा है. यूनिवर्सिटी ऑफ बर्गेन, नार्वे की शोधकर्ता डॉक्टर इस्टर क्रिंगलैंड ने कहा، "हमारे विश्लेषण पुष्टि करते हैं कि ब्लड प्रेशर में मामूली बढ़त लिंग विशिष्ट तौर तरीकों में एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम के खतरे को प्रभावित करती है. नतीजे उभरते हुए सबूत में संकेत देते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर विशेष रूप से महिलाओं के दिल पर प्रतिकूल प्रभाव रखता है." उन्होंने बताया कि नतीजे शायद महिलाओं और पुरुषों के बीच अंतर को उजागर करते हैं कि कैसे छोटी धमनियां हाई ब्लड प्रेशर के खिलाफ रिस्पॉन्स करती हैं, लेकिन इस सिलसिले में आगे और रिसर्च की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "युवा महिलाओं का ब्लड प्रेशर पुरुषों के मुकाबले औसतम ज्यादा कम होता है, लेकिन तीसरे दशक शुरू होने पर महिलाओं में तेज वृद्धि देखी गई. चूंकि हाई ब्लड प्रेशर का तीन गुना दोनों लिंग में समान है, इसलिए युवा महिलाओं का वास्तव में तुलनात्मक रूप से हाई ब्लड प्रेशर पहचान होने से पहले पुरुषों के मुकाबले ज्यादा बढ़ता है." रिसर्च की लेखिका ने कहा, "महिलाओं को अपना ब्लड प्रेशर जानना चाहिए. सामान्य ब्लड प्रेशर बनाए रखने के लिए सलाह दी जाती है कि शरीर का सामान्य वजन बनाए रखें, स्वस्थ डाइट का इस्तेमाल करें और नियमित व्यायाम करें.
उसके अलावा, ये भी सलाह योग्य है कि धूम्रपान से बचें और अल्कोहल, नमक के अत्यधिक इस्तेमाल से परहेज करें." यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन में प्रोफेसर ब्रायन विलियम्स ने कहा, "मजबूत संदेश के साथ ये बहुत महत्वपूर्ण खोज है. हमें दिल की बीमारी के खतरे का अंदाजा लगाने के लिए प्रेरित किया जाता है, कि हृदय जोखिम का संबंध महिलाओं के मुकाबले पुरुषों को उम्र के बीच में ज्यादा होता है. महत्वपूर्ण बात ये है कि इस रिसर्च से ऐसा पता नहीं चलता है. शुरुआती और मध्य उम्र में महिलाओं को ब्लड प्रेशर का मामूली इजाफा नजरअंदाज नहीं करना चाहिए."