अगर आप अस्वस्थ्य महसूस कर रहे हैं तो क्या करना चाहिए, जानिए- यूनिसेफ के बताए उपाय
कोविड-19 और फ्लू के लक्षणों में बहुत समानताएं हैं, इसलिए दोनों के बीच बिना जांच के अंतर करना मुश्किल हो जाता है. कोविड-19 के सबसे आम लक्षणों में बुखार, सूखी खांसी और थकान हैं. कुछ मरीजों को गले की खराश, डायरिया, मांसपेशी में दर्द भी हो सकता है. ये लक्षण आम तौर पर हल्के होते हैं और घर पर साधारण उपाय से निपटा जा सकता है.
कोरोना वायरस से फैली महामारी ने सभी लोगों को चिंता में डाल दिया है. अगर आप भी अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं, तो घबराएं नहीं. याद रखें कोविड-19 से ज्यादातर लोग घर पर ठीक हो जाते हैं और उनको अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ती. आपको कुछ फायदेमंद टिप्स बताए जा रहे हैं जो कोविड-19 से आपको या आपके किसी परिजन के ठीक होने में मदद कर सकते हैं. हालांकि, आइसोलेशन की सलाह सिर्फ डॉक्टर के मूल्यांकन के बाद ही दी जाती है.
पहला उपाय
आइसोलेट करें- अस्वस्थ होने के कई लक्षण जैसे गले में खराश, खांसी, हल्का बुखार या दस्त हो सकते हैं. अगर आपको भी उनमें से कोई लक्षण महसूस हो, तो घर के बाकी अन्य सदस्यों से आप खुद को फौरन अलग-थलग कर लें. कोरोना की जांच कराने या उसकी रिपोर्ट मिलने का इंतजार न करें. ये सरल सावधानी जिंदगी बचा सकती है और कोविड-19 संक्रमण के फैलाव को कम करने में मदद कर सकती है. आम तौर से कोविड-19 के मरीज को अस्पताल जाने की जरूरत नहीं होती.
दूसरा उपाय
डॉक्टर की सलाह लें- फोन से किसी डॉक्टर तक संपर्क करने की कोशिश करें. डॉक्टर आपकी स्थिति का मूल्यांकन कर आगे के उपाय सुझा सकता है. हो सकता है उसकी तरफ से आपको घर पर रहते हुए लक्षणों को नियंत्रित करने, या अस्पताल जाने की सलाह की सलाह मिले.
तीसरा उपाय
ऑक्सीजन लेवल को जांचे- पल्स ऑक्सीमीटर की मदद से अपने ऑक्सीजन सेचुरेशन पर नियमित निगाह रखना जरूरी है. डिवाइस में अपनी उंगली रखें, बटन दबाकर अपने ऑक्सीजन लेवल को देखने का इंतजार करें. प्लस रेट स्क्रीन पर दिखाई देगी. हर छह घंटे पर ऑक्सीजन लेवल की जांच करते रहें. अगर ऑक्सीमीटर पर ऑक्सीजन का लेवल 94 फीसद से कम है, तो समझिए तुरंत आपको आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत है.
चौथा उपाय
शरीर का तापमान मॉनिटर करें- हर छह घंटे पर थर्मामीटर का इस्तेमाल करते हुए अपने शरीर के तापमान को जांचें. अगर बुखार 101 डिग्री फॉरेनहाइट (38 डिग्री सेल्सियस) से ज्यादा लगातार तीन दिनों तक बना रहता है, तो आपको तत्काल चिकित्सीय इलाज की जरूरत होगी.
सबसे महत्वपूर्ण बात
सांस लेने में तकलीफ, होंठ या चेहरे का पीला दिखाई देना, भ्रम की स्थिति का अनुभव, छाती में लगातार दर्द या दबाव का एहसास, बोलने में परेशानी, खड़े होने में दिक्कत या बहुत ज्यादा नींद जैसे लक्षणों की सूरत में आपके लिए इमरजेंसी की स्थिति का संकेत हो सकता है.
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