(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
जानिए- रमजान में क्या करें, क्या नहीं, ताकि रोजे का हुक्म भी अदा हो जाए और लॉकडाउन भी न टूटे
विशेष परिस्थिति में रमजान से मुसलमान दुविधा में पड़ गए हैं.उनके लिए इस महीने में चंद बातों का जानना जरूरी हो गया है.
इस बार रमजान का महीना कोरोना वायरस महामारी के बीच पड़ रहा है. मुल्क में लॉकडाउन 3 मई तक जारी है. इसलिए इसका असर रोजेदारों पर भी पड़ना लाजिमी है. सबसे बड़ी समस्या ये है कि मुसलमान किन बातों का ध्यान रखें और किससे बचें. जिससे रोजे का हुक्म भी अदा हो जाए और कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के उपाय भी अपना लिए जाएं.
अगले दो दिन में शुरू होनेवाला रोजा विशेष परिस्थिति में आ रहा है. इसलिए रोजेदार के लिए रमजान के महीने में चंद बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
1. सिर्फ स्वस्थ लोग रमजान के रोजे रखने की पाबंदी करें.
2. रोजे-इफ्तार को अपने घरों पर ही अंजाम दिया जाए.
3. इफ्तार पार्टी या सामूहिक आयोजन से परहेज किया जाए.
4. मस्जिद में पढ़ी जाने वाली तरावीह को घर पर ही पढ़ें.
5. हाफिज के मुहैया नहीं होने की सूरत में सूरत तराबीह भी पढ सकते हैं.
6. हाफिज मुहैया होने पर घर पर कुरआन सुना जा सकता है, लेकिन ये हाफिज घर के सदस्य हों, न कि बाहर से बुलाए गए हों
7. घर पर तरावीह के दौरान बाहरी लोगों को इकट्ठा ना होने दें, बल्कि सिर्फ घर के सदस्य ही नमाज में शामिल हों
8. रमजान की ताक (ऑड) रातों में 21, 23, 25, 27, 29 तारीखों को विशेष इबादत की जाती है, इसमें भी सामाजिक दूरी का खयाल रखें.
9. रमजान के आखिरी अशरे (आखिरी दस दिन) में एतेकाफ होता है, आपसी मशिवरे से मस्जिद में एक आदमी ही एतकाफ करे.
10. रोजा खोलने के लिए मस्जिदों के बजाए घर पर ही खोलें.
11. बीमार लोग न रोजे रखें, न किसी भी स्थति में नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद में जाएं
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