Relationship Situations: जब बेटी Shweta Bachchan Nanda के इस सवाल पर निशब्द हो गई थीं Jaya Bachchan, मां बनने के बाद हर महिला फेस करती है ये सिचुएशन
Love For Daughter: एक लड़की की ज़िंदगी तब चेंज हो जाती है जब वो मां बनती है. कई महिलाएं वर्किंग हैं तो बच्चों के बाद अपनी नौकरी को कॉन्टिन्यू रखती हैं तो कई जॉब क्विट कर देती हैं
Relationship Situations : एक लड़की की ज़िंदगी तब एक नया मोड़ लेती है जब उसकी शादी होती है और बच्चे होते हैं. कई महिलाएं अगर वर्किंग हैं तो शादी और बच्चों के बाद अपनी नौकरी को कॉन्टिन्यू रखती हैं तो कई अपनी फैमिली के लिए अपनी जॉब क्विट करने का फैसला कर लेती हैं. कुछ ऐसा ही हुआ था जया बच्चन (Jaya Bachchan) के साथ जब उनकी बेटी की एक बात ने उन्हें अंदर तक इतना झकझोर दिया था कि उन्होनें तुरंत काम छोड़कर अपनी फैमिली पर फोकस करने का फैसला कर लिया था.
जब जया बच्चन बेटी के एक सवाल के आगे हो गई थीं निशब्द-
दरअसल ये उस वक्त की बात है जब जया सिलसिला की शूटिंग कर रही थीं. उन्होंने अपने शूटिंग करियर को बच्चों के बाद भी जारी रखा था. एक दिन उनकी बेटी श्वेता (Shweta Bachchan Nanda) ने उनसे मासूमियत से सवाल किया कि आप हमारे साथ घर पर ही क्यों नहीं रहती हैं. पापा को काम पर जाने दीजिए और आप हमारे साथ घर पर ही रहिए.
जया अपनी बेटी की इस बात को सुनकर निशब्द रह गई थीं. उन्होनें उसी वक्त ये फैसला कर लिया कि किसी भी कीमत पर वो अपने बच्चों से समझौता नहीं करेंगी और इसी के बाद उन्होनें फिल्मों से दूरी बनाना शुरू कर दिया.
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जया की तरह की कई मॉम्स लेती हैं ये बोल्ड डिसीज़न-
दुनिया में कई माएं ऐसी होती हैं जो इस तरह का बोल्ड डिसीज़न एक झटके में ले लेती हैं. वो अपने करियर को छोड़कर अपनी फैमिली और अपने बच्चों को चुनती हैं और लाइफ के इस फेज़ को इंजॉय करती हैं. हालांकि ये फैसला बिल्कुल भी आसान नहीं होता कि अपने करियर के पीक पर अचानक से पीछे हट जाएं लेकिन जब बात फैमिली और बच्चों की आती है तो महिलाएं तुरंत अपनी फैमिली को प्राथमिकता देती हैं.
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कई महिलाएं करती हैं बैलेंस करने की कोशिश-
जहां कई महिलाएं अपनी फैमिली को प्राथमिकता देती हैं तो वहीं कई मॉम्स अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बैलेंस बनाने की कोशिश करती हैं. उनका मानना होता है कि फैमिली को एक अच्छी लाइफ देने के लिए उन्हें जॉब कॉन्टिन्यू करने की ज़रूरत है.
दरअसल दोनों ही तरह से महिलाएं अपनी जगह सही होती हैं. जिन्हें लगता है उनके पास साधनों की कमी नहीं है वो अपनी जॉब क्विट कर देती हैं लेकिन जिन्हें लगता है कि वो काम और बच्चों को बैलेंस करके लाइफ स्पैंड कर सकती हैं वो अपने काम को जारी रखती हैं लेकिन ये डिसाइड करने वाली सिचुएशन किसी भी महिला के लिए कितनी परेशान करने वाली होती है ये शायद ही कोई पुरुष समझ सकता हो.