लव का भी होता है केमिकल लोचा, जानें प्यार के लिए कौन सा हार्मोंस होता है जिम्मेदार
प्यार के नशे में डूबने वाले लोगों के दिमाग में कुछ ऐसे केमिकल बनने लगते हैं जिन्हें ‘लव हार्मोंस’ कहते हैं और यही प्यार को और भी गहरा बना देते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में..
कहते हैं प्यार में पड़ना जादू से कम नहीं होता, पर क्या आपको पता है कि इस जादू के पीछे विज्ञान भी है? जी हां, प्यार के इस अद्भुत एहसास के पीछे कुछ खास हार्मोंस जिम्मेदार होते हैं. इन हार्मोंस की वजह से ही हमें किसी के प्रति आकर्षण, खुशी और अपनापन महसूस होता है. ये छोटे-छोटे रसायन हमारे शरीर में 'केमिकल लोचा' पैदा करते हैं, जिससे प्यार का अनुभव और भी खास बन जाता है. आइए जानते हैं कि प्यार के इस सफर में कौन सा हार्मोन हमें गाइड करता है और हमारे दिल और दिमाग पर कैसे राज करता है.
एक खास हार्मोन होता है जिसे हम प्यार का हार्मोन भी कहते हैं, और वो है ऑक्सीटोसिन. ये वाकई में बहुत खास होता है क्योंकि यह हमें जुड़ाव और प्रेम की गहरी भावनाएं महसूस कराता है. जब भी हम किसी के साथ गले मिलते हैं, दोस्ती की गर्माहट महसूस करते हैं, या किसी के प्रति प्रेम की भावना रखते हैं, तब हमारा शरीर ऑक्सीटोसिन नामक हार्मोन छोड़ता है. यह हार्मोन हमें खुशी, सुरक्षा और नजदीकी का एहसास कराता है.
ऑक्सीटोसिन हार्मोन क्या है?
ऑक्सीटोसिन हमें दूसरों के प्रति विश्वास और सहयोग की भावना विकसित करने में भी मदद करता है, जिससे हमारे बीच मजबूत बंधन बनते हैं. इसलिए, यह हार्मोन सिर्फ रोमांटिक रिश्तों में ही नहीं, बल्कि दोस्ती और पारिवारिक संबंधों में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्तर अगर कम हो, तो यह आपके मूड, सामाजिक संबंधों, और आमतौर पर भलाई महसूस करने की क्षमता पर प्रभाव डाल सकता है.
ऑक्सीटोसिन के स्तर को नैचुरली बढ़ाने के लिए, यह उपाय कर सकते हैं.
- फिजिकल टच: गले मिलना, हाथ पकड़ना, और अन्य प्रकार के शारीरिक स्पर्श ऑक्सीटोसिन रिलीज को बढ़ावा देते हैं.
- पेट्स के साथ समय बिताना: जानवरों, खासकर पेट्स के साथ खेलना और उन्हें प्यार करना भी ऑक्सीटोसिन के स्तर को बढ़ा सकता है.
- मसाज और रिलैक्सेशन तकनीक: नियमित मसाज और ध्यान, योग जैसी रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास भी ऑक्सीटोसिन उत्पादन को बढ़ावा दे सकता है.
- सोशल एक्टिविटीज में भाग लेना: सामाजिक संबंधों और गतिविधियों में सक्रिय रहना, दोस्तों और परिवार के साथ समय बिताना ऑक्सीटोसिन के स्तर को बढ़ा सकता है.
- हेल्दी डाइट लेना: मैग्नीशियम, विटामिन C, और ट्रिप्टोफैन युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन भी हार्मोनल संतुलन में सहायक होता है.
- हंसना और मजाक करना: हंसी और खुशी के पल भी ऑक्सीटोसिन के उत्पादन को प्रोत्साहित करते हैं.
- संगीत सुनना: संगीत, खासकर अगर वह साझा अनुभव के रूप में सुना जाए, ऑक्सीटोसिन के स्तर को बढ़ा सकता है.
- एक्सरसाइज: नियमित व्यायाम न केवल स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है, बल्कि यह ऑक्सीटोसिन सहित विभिन्न हार्मोन्स के स्तर को भी बेहतर बनाता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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