देश में सबसे ज्यादा हीरे का उत्पादन किस राज्य में होता है? अगर जवाब गुजरात है तो आप ग़लत हैं
क्या आप जानते भारत में सबसे ज्यादा हीरा कहां पाया जाता है? नहीं जानते तो हम आपको हीरे से संबंधित कुछ अहम जानकारी बता रहे हैं.
त्यौहारों का सीजन शुरू हो चुका है और नवरात्रि के बाद विजयदशमी, करवाचौथ, दीवाली, भैया दूज और छठ पूजा जैसे बड़े त्यौहार आएंगे. ये त्यौहार आते ही लोगों का ध्यान गुजरात के हीरा व्यापारी सावजी ढोलकिया की और जाता है. सावजी ढोलकिया उस वक्त चर्चा में आए थे जब उन्होंने अपने कर्मचारियों को कारें, फ्लैट और एफडी बांटी थी. उन्होंने कुछ कर्मचारियों को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी कुछ कर्मचारियों को चाभी दिलवाई थी.
अब इस दीवाली पर सावजी ढोलकिया अपने कर्मचारियों को क्या गिफ्ट देंगे इस पर चर्चा बनना शुरू हो गई है. इससे पहले हम आपको हीरे से संबंधित कुछ अहम जानकारी बताते हैं. क्या आप जानते भारत में सबसे ज्यादा हीरा कहां पाया जाता है? सावजी ढोलकिया के बारे में जानने के बाद आपको लगता होगा किये गुजरात में सबसे ज्यादा होता होगा? लेकिन ऐसा नही हैं. हीरा सबसे ज्यादा मध्यप्रदेश में पाया जाता है.
मध्यप्रदेश में होता है सबसे ज्यादा उत्पादन
मध्यप्रदेश देश का 32 प्रतिशत हीरा उत्पाद करता है. मध्यप्रदेश में हीरे का भंडार तकरीबन 45,80,336 कैरेट है जो कि 31.5% पन्ना जिले में स्थित हैं. इसके अलावा हीरे का उत्पादन करने वाले अन्य राज्य छत्तीसगढ़, झारखंड, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और केरल हैं. आपको जानकार हैरानी होगी की गुजरात में हीरा ना के बराबर होता है, लेकिन देश की सबसे बड़ी हीरा निर्माता कंपनी हरिकृष्णा एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड है. इसी के मालिक हैं सावजी ढोलकिया.
सूरत, मुंबई और कोलकाता में हीरे के सबसे बड़े प्लांट
मध्यप्रदेश में इतनी बड़ी मात्रा में हीरा उत्पादन के बाद भी यहां कोई हीरे का बड़ा प्लांट नहीं है. देश में हीरे के तीन सबसे पड़े प्लांट सूरत, मुंबई और कोलकाता में है. कोरोना वायरस के चलते यहां 70-80 प्रतिशत कर्मचारी ही काम कर रहे हैं. पिछले साल दुनिया की नंबर एक हीरा कंपनी डी बीयर्स ने पिछले साल भी घाटे में थी. पिछले साल एक इंटरव्यू में सावजी ढोलकिया ने बताया था हीरा उद्योग से 40 हजार लोगों की नौकरियां गई. डी बीयर्स ने अपना उत्पादन घटा दिया.
डी बीयर्स जैसी कंपनी को घाटा
इस साल कोरोना वायरस महामारी ने पूरी दुनिया को प्रभावित किया. इससे डी बीयर्स जैसी बड़ी अंतरराष्ट्रीय कंपनी को और भी घाटा हुआ है. जेम एंड ज्वैलर्स एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अध्यक्ष कोलिन शाह के मुताबिक, इस मार्च के आखिरी तक अतंरराष्ट्रीय बिक्री में कटौती कर दी गई और अनपॉलिश्ड हीरे में 20 से 25 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि पिछले साल इस टाइम पीरियड में यह 18.66 बिलियन डॉलर था.
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