थर्मामीटर इंसान के शरीर का तापमान मापने वाले मेडिकल उपकरणों में से एक होता है. थर्मामीटर हर घर में जरूर होना चाहिए. अगर आप में या आपके बच्चे में बुखार जैसे लक्षण नजर आ रहे हों तो आप घर में मौजूद थर्मामीटर का उपयोग कर तापमान माप सकते है. लेकिन थर्मामीटर का सही इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है ताकि आप ठीक प्रकार से बुखार नाप सके. दरअसल शरीर के तापमान को थर्मामीटर द्वारा सही प्रकार से जांचने से इलाज भी सही तरीके से ही किया जा सकता. चलिए जानते हैं थर्मामीटर कितने प्रकार के होते हैं और इसके इस्तेमाल का सही तरीका क्या है.


दो प्रकार के होते हैं थर्मामीटर


बाजार में थर्मामीटर दो तरह के मिलते हैं. एक मरकरी थर्मामीटर जो ज्यादातर डॉक्टरों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है और दूसरा डिजिटल थर्मामीटर जिसे आसानी से घर में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.


मरकरी थर्मामीटर- यह थर्मामीटर कांच की ट्यूब की तरह होता है. इसमें मरकरी (पारा) भरा हुआ होता है और कांच की ट्यूब के ऊपर सामान्य तापमान लिखे होते हैं. अगर तापमान में बदलाव होता है तो मरकरी भी फैलने या सिकुड़ने लगता है और इस तरह शरीर के तापमान का पता लगाया जा सकता है. यह थर्मामीटर एक स्ट्रॉ या पाइप के जैसे आकार का होता है. इसके भीतर सिल्वर या सफेद रंग का लिक्विड भरा होता है. हालांकि इन थर्मामीटर का चलन अब बीते जमाने की बात हो चुकी है क्योंकि अब इनकी जगह बाजार में डिजिटल थर्मामीटर आ गए हैं, जिनहें इस्तेमाल करना भी आसान है और इनके परिणाम भी सटीक रहते हैं.


डिजिटल थर्मामीटर- आजकल डिजिटल थर्मामीटर का चलन बढ़ गया है. इसमें बुखार की स्थिति का आसानी से सही पता लगाया जा सकता है. यह गिरने पर टूटता भी नहीं है. बैटरी से चलने वाले इस थर्मामीटर में सेंसर और एलसीडी स्क्रीन होते हैं. तापमान एलसीडी स्क्रीन पर आ जाता है. इसे कहीं भी ले जाया जा सकता है और इसे इस्तेमाल करना भी आसान होता है


थर्मामीटर का सही इस्तेमाल है जरूरी


शरीर के तापमान को मापने के लिए मरकरी थर्माटीर का इस्तेमाल करें या फिर डिजिटल थर्मामीटर का इस्तेमाल करें. ध्यान ये रखे कि इन्हें सही प्रकार से ही उपयोग करना चाहिए.


बच्चों में थर्मामीटर का इस्तेमाल काफी सावधानी से करना चाहिए. तीन साल तक की उम्र के बच्चों में गुदा से डिजिटल थर्मामीटर का इस्तेमाल कर शरीर का सही तापमान मापा जा सकता है.


वहीं सामान्य प्रकार के थर्मामीटर को मुंह, बगल या गुदा में लगाकर तापमान लिया जा सकता है. ये थर्मामीटर नवजात शिशुओं, बड़े बच्चों और वयस्कों के लिए भी सही माने जाते हैं.


बता दें कि पांच साल की उम्र के बाद शरीर के किसी भी भाग में किसी भी तरह के थर्मामीटर का इस्तेमाल किया जा सकता है.


मुंह से कैसे तापमान लें


अगर किसी एडल्ट या 15 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे का तापमान माप रहे हैं तो मुंह से तापमान लें. इसके लिए पीछे की तरफ जीभ के नीचे थर्मामीटर रखकर तापमान लेना सटीक माना जाता है. अगर आप डिजिटल थर्मामीटर से तापमान ले रहे है तो सबसे पहले उसे ऑन करें. इसके बाद जीभ के नीचे जितना हो सके उतना पीछे की तरफ इसे रखे और अपने होंठ बंद कर लें और थर्मामीटर से बीप की साउंड आने तक मुंह को बंद ही रखें. इसमें कुछ समय लग सकता है. तापमान लेने के बाद थर्मामीटर को साबुन और हल्के गुनगुने पानी से साफ कर दें और फिर ठंडे पाना से धो लें.


बगल से कैसे तापमान लें


कम उम्र के बच्चों का तापमान उनके बगल में थर्मामीटर रखकर लिया जा सकता है. हालाकिं इसके लिए सबसे पहले बगल को अच्छे से सुखा लें. इसके बाद थर्मामीटर की नोक को बगल के बीच के हिस्से में रखें और बांह को नीचे कर दें. थर्मामीटर से साउंड आने तक इंतजार करें.


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