शुगर के मरीजों को कौन सा चावल खाना चाहिए? जानिए ब्राउन राईस के फायदे
शुगर लाइफस्टाइल से संबंधित बीमारी है. यह बीमारी तेजी से लोगों को अपनी गिरफ्त में लेने लगी है. इस बीमारी में डॉक्टर चावल खाने से मना करता है लेकिन लोग चावल खाने से परहेज नहीं करते. हालांकि सभी चावल से डाइबिटीज के बढ़ने की आशंका नहीं होती है. सफेद और चमकीला चावल शुगर के मरीजों के लिए बहुत नुकसानदेह है. उसना और ब्राउन चावल इसका अच्छा विकल्प है.
ब्रिटिश मेडिकल जर्नल के मुताबिक जो लोग सफेद चावल का सेवन ज्यादा करते हैं, उसमें type 2 diabetes होने का जोखिम सबसे ज्यादा रहता है. इसका मतलब यह हुआ कि जो लोग डायबिटीज के शिकार है उसे चावल का सेवन नहीं करना चाहिए. दरअसल, चावल में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) ज्यादा होता है. यह ब्लड में जाते ही शुगर में बदल जाता है. ग्लाइसेमिक इंडेक्स का मतलब यह होता है कि किसी भोजन से खून में शुगर की कितनी मात्रा बनती है. शुगर के मरीजों को एक दिन में सिर्फ 45 से 60 ग्राम के बीच कार्बोहाइड्रेट्स लेने की सलाह दी जाती है. चूंकि चावल में ज्यादा कार्बोहाइड्रेट्स होता है इसलिए इसे मना किया जाता है. हालांकि, ऐसा सभी चावल के साथ नहीं होता. क्योंकि कई ऐसे चावल होते हैं जिसमें GI भी कम होता है और कार्बोहाइड्रेट्स भी कम पाया जाता है.
उसना चावल बेहतर विकल्प
डायबिटीज के रोगियों को ऐसे चावल खाने चाहिए जिनका शुगर लेवल कम हो. इसके लिए ऐसे चावल को चुने जिनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम हो. ग्लाइसेमिक इंडेक्स उन चावलों में कम होता है जिनमें स्टार्च कम पाया जाता है. उसना चावल इसका सबसे बेहतर विकल्प है. इसके अलावा बासमती, ब्राउन और वाइल्ड राइस में भी बहुत कम जीआई होता है. आमतौर पर इसमें 56 से 69 के बीच जीआई मौजूद रहता है जो शुगर लेवल को बढ़ाता नहीं है. सफेद या चमकीले चावल का जीआई 70 से ज्यादा होता है.
ब्राउन चावल का जीआई कम
ब्राउन राइस या भूरे रंग के चावल में भी जीआई कम होता है. डाइबिटीज के मरीजों के लिए ब्राउन राइस भी खाना ठीक रहेगा. इसमें 60 से कम जीआई यानी ग्लाइसोमिक इंडेक्स रहता है. इस भूरे रंग के चावल में बहुत अधिक फाइबर होता है जो जिंक को जल्दी अवशोषित होने से बचाता है. जिंक की उपस्थिति इंसुलिन को सही तरीके से काम करने के लिए जरूरी है. जिंक का जल्दी अवशोषित हो जाना से इंसुलिन सही से प्रभाव नहीं डाल पाता जिसके कारण खून में शुगर का लेवल बढ़ने लगता है. विशेषज्ञों के मुताबिक उसना और ब्राउन राइस का सेवन भी बहुत कम ही करना चाहिए. आधा कप राइस एक दिन के लिए पर्याप्त है. इसमें 15 ग्राम से ज्यादा कार्बोहाइड्राइट नहीं होना चाहिए.
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