Covid-19 के खिलाफ वैक्सीन का दुनिया को शिद्दत से इंतजार है. वैज्ञानिक अब इस बात पर शोध कर रहे हैं अगर महामारी का इलाज मिल भी गया तो मोटे लोगों पर इसका असर कैसा होगा. अमेरिका में एक शोध में बताया गया है कि कोविड वैक्सीन मोटे लोगों पर अप्रभावी रह सकती है. कोविड-19 की जटिलता उच्च बॉडी मास इंडेक्स (BMI) वाले लोगों की स्थिति को खराब कर देती है.
मोटे लोगों पर कोविड वैक्सीन असरदार होगी?
विशेषज्ञों ने कोरोना वायरस से संक्रमित 812 मरीजों के BMI का अध्ययन किया. ये संक्रिमत मरीज या तो बीमारी से ठीक हो चुके थे या अभी भी संक्रमण से जूझ रहे थे. शोध में पाया गया कि 812 लोगों में 70 फीसद मोटे लोग थे. जबकि कोविड-19 के चलते मरनेवालों की 82 फीसद तादाद ज्यादा वजन वाले लोगों की थी. शोधकर्ताओं ने रिपोर्ट में बताया कि मोटे लोग कोरोना वायरस के प्रति ज्यादा संवेदनशील साबित हुए.
उन्होंने आगे बताया कि मोटापा शरीर के इम्युन रिस्पॉंस को कमजोर कर सूजन को गंभीर कर देता है. जिससे शरीर कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में कमजोर हो जाता है. अलाबामा यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर चड पेटिट कहते हैं, "सवाल ये नहीं है कि वैक्सीन वायरस से बचाएगी या नहीं बल्कि सवाल वैक्सीन के असरदार होने को लेकर है. आसान शब्दों में कहा जाए तो वैक्सीन काम कर सकती है मगर जरूरी नहीं कि हर किसी के लिए एक जैसी साबित हो."
शोधकर्ताओं ने बताई अप्रभावी रहने की वजह
सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मोटापे से जुड़ी समस्या कोविड-19 के असर खत्म कर सकती है. शोधकर्ताओं ने हाल में किए गए शोध के आधार पर कहा है कि है कि भारत की पांच फीसद आाबादी मोटापे से जूझ रही है. और दुनिया में अगले एक दशक तक मोटे लोगों की संख्या 40 फीसद तक होने का अनुमान है. उन्होंने चेतावनी दी है कि लॉकडाउन से मोटापे की दर में और बढ़ोतरी हो सकती है. उनके मुताबिक वैक्सीन को असरदार बनाने के लिए T Cells बहुत अहम किरदार अदा करते हैं. T Cells संक्रमण से बचाता है और इम्युन सिस्टम को बीमारी के खिलाफ लड़ने में मदद पहुंचाता है. जबकि मोटे लोगों में सूजन के कारण T Cells फायदा पहुंचाने का गुण खो देते हैं. इसलिए मोटे लोगों पर वैक्सीन के असरदार नहीं होने का अनुमान है.
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