डेंगू दुनिया में फैलने वाली सभी बीमारियों में से एक प्रमुख रोग है. डेंगू एक वायरल बीमारी है और एडीज एजेप्टाइ नामक मच्छर के काटने से फैलती है. डेंगू वायरस का ट्रांसमिशन मादा मच्छरों के काटने से होता है. वायरस संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से इंसानों में फैलता है. डेंगू फैलाना वाला एडीस मच्छर अत्यधिक गर्म माहौल में भी जिंदा रह सकता है.
इसके साथ ही, सर्दी का मौसम उसकी वृद्धि के लिए ज्यादा अनुकूल माना जाता है. डेंगू से होनेवाले बुखार को 'हड्डी तोड़' बुखार भी कहा जाता है. कई बार डेंगू की वजह से पीड़ित की मृत्यु भी हो सकती है. डेंगू वायरस उम्र या लिंग का भेदभाव किए बिना किसी को भी अपनी चपेट में ले सकता है. डेंगू में खतरनाक बुखार होने पर कई बार बच्चों की मौत भी हो जाती है. एडीज मच्छर के काटने पर तुरंत डेंगू के लक्षण दिखाई नहीं देंते हैं. स्पष्ट लक्षणों के दिखने में कम से कम तीन से चौदह दिन लग सकते हैं.
डेंगू से पीड़ित शख्स को नजर आनेवाले लक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, डेंगू के मामले अप्रत्याशित रूप से हाल के वर्षों में दुनिया भर में बढ़े हैं. ज्यादातर मामले एसिम्पटोमैटिक होते हैं या मामूली लक्षण वाले होते हैं और खुद से नियंत्रित किया जा सकता है. डेंगू बुखार के लिए खास इलाज निर्धारित नहीं है. बुखार को कम करनेवाली और दर्द निवारक दवाइयों के इस्तेमाल से मांसपेशियों में ऐंठन और दर्द समेत बुखार को रोका जा सकता है. आम तौर से डेंगू से पीड़ित शख्स में फ्लू के लक्षण उजागर होते हैं. बुखार, आंखों में दर्द, जोड़ों में दर्द, बहुत अधिक सिर दर्द और शरीर पर दाने प्रमुख लक्षणों में शामिल है. डेंगू में बुखार की वजह से स्थिति अधिक खराब हो सकती है. स्थिति के बहुत अधिक खराब होने से पेट के निचले हिस्से में दर्द, उल्टी और डायरिया का भी सामना करना पड़ सकता है.
सर्दी में डेंगू से खुद को कैसे रखा जाए सुरक्षित?