क्या निकोटीन से भी किया जा सकता है बीमारियों का इलाज, शोध में संभावना पर सामने आई ये बात
क्या नशे का प्रमुख तत्व निकोटीन भी इलाज के काम आ सकता है, इसको लेकर एक रिसर्च में जो दावा किया जा रहा है वो चौंकाने वाला है.
सिगरेट में पाया जानेवाला नशे का मुख्य तत्व निकोटीन शोध में आशाजनक इलाज के तौर पर उभर रहा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ये दिमाग से जुड़ी बीमारी के लिए भी मुफीद हो सकता है. अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिस्ऑर्डर मतलब ध्यान की कमी और अत्यधिक सक्रियता की बीमारी (ADHD), डिमेंशिया और सिजोफ्रेनिया के अलावा कोविड-19 तक में भी निकोटीन के प्रभाव का परीक्षण किया जा रहा है.
क्या निकोटीन से भी किया जा सकता है इलाज?
पार्किसन के मामले में निकोटीन उन कोशिकाओं को सक्रिय करने में सफल साबित रहा है जो डोपामाइन हार्मोन पैदा करती हैं. निकोटीन न सिर्फ तंबाकू बल्कि अन्य पौधों में पाया जानेवाला एक रसायन होता है. शोधकर्ताओं का मानना है कि काली मिर्च, बैंगन में निकोटीन पाया जाता है. ये सभी डाइट के सेवन से पार्किसन बढ़ने का खतरा 30 फीसद कम हो जाता है.
न्यूकैसल यूनिवर्सिटी में साइकोफार्माकोलॉजी रिसर्च ग्रुप के प्रमुख डॉक्टर मोहम्मद शोएब निकोटीन आधारित इलाज के परियोजना पर काम कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि इलाज से पार्किसन की बीमारी को ठीक किया जा सकेगा. अमेरिका में किए गए शोध से पता चला है कि निकोटीन कैल्शियम की मात्रा को बढ़ाता है. ये कैल्शियम हड्डियों की कोशिकाओं में दाखिल होकर हड्डी की क्षति को कम करता है.
डॉक्टर शोएब कहते हैं कि अल्जाइमर और सिजोफ्रेनिया में निकोटीन यौगिकों को इलाज के तौर पर जांचा गया है. लेकिन कुछ को साइड-इफेक्ट के चलते छोड़ देना पड़ा. एनसेनिसलाइन दवा का परीक्षण रोक दिया गया क्योंकि इलाज के दौरान कुछ लोगों में गंभीर पेट की समस्या पैदा हो गई. उन्होंने कहा, "लोगों ने कई बार उम्मीद जाहिर की है, लेकिन मुझे हैरत नहीं होगी अगर निकोटीन का यौगिक किसी दवा कंपनी के लिए रामबाण साबित हो, लेकिन हमारी पहुंच अभी नहीं हो सकी है."
कोविड के खिलाफ क्या हो सकती है भूमिका?
निकोटीन आधारित अनुसंधान पर इसके साइड-इफेक्ट्स और नशे की प्रवृत्ति के डर से उदासीनता बरती गई है. लेकिन एक प्रगति ज्यादा शोध करने के लिए हौसला दे रही है कि ये खोज कोविड-19 के खिलाफ सुरक्षा दिला सकती है. धूम्रपान करनेवालों में संक्रमण बढ़ने का 80 फीसद खतरा कम हो जाता है. हालांकि, संक्रमित होने पर उन्हें बुरी तरह पीड़ित होना भी पड़ सकता है.
पेरिस में 1500 वॉलेंटियर स्वास्थ्य कर्मियों पर परीक्षण करने का मंसूबा बनाया जा रहा है. जिसमें वॉलेंटियर की आधी संख्या निकोटीन पैच पहनेगी, जबकि बाकी को डमी पैच दिया जाएगा. परीक्षण से पता चलेगा कि क्या निकोटीन के संपर्क में आने पर कोविड-19 के खिलाफ कोई फर्क पड़ा. शोधकर्ताओं ने चेताया है कि निकोटीन के फायदे हासिल करने के लिए धूम्रपान शुरू नहीं कर देना चाहिए क्योंकि धूम्रपान जानलेवा होता है. Mirzapur 2: दूसरे सीजन के हीरो हैं गुड्डू पंडित और गोलू, डॉन से एक पिता की तरह व्यवहार करते दिखे कालीन भैयाCheck out below Health Tools-
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