बच्चे के जन्म से घर में खुशियों की बहार आ जाती है. मगर ये खुशी चंद दिनों में उस वक्त खत्म हो जाती है जब बच्चे नींद की समस्या से जूझना पड़ता है. ऐसा इसलिए होता है कि क्योंकि बच्चा नए वातावरण में 8 घंटे लगातार सोने का आदी नहीं होता है. आप कुछ साधारण उपाय अपनाकर बच्चे की नींद में इजाफा कर सकते हैं.


बच्चे का समय 24 घंटे के हिसाब से


बच्चा अभी भी अपने अंदरुनी घड़ी का पालन कर रहा होता है. जिसके मुताबिक शरीर के सोने-जागने की प्रक्रिया होती है. नवजात को 12 सप्ताह दिन और रात के समय का अंतर करने में लग जाता है. इस दौरान आप धीरे-धीरे समय को बढ़ा सकते हैं जिससे बच्चा दिन के समय में जागकर रात में थोड़ा ज्यादा सो सके. प्राकृतिक रोशनी का सामना कराने के लिए बच्चे को बाहर ले जाया सकता है. इस तरह उसके नींद चक्र को रिसेट करने में मदद मिलेगी.


आपका बच्चा भूखा है


नवजात को अपनी जरूरत बयान करने की क्षमता नहीं होती है. इसलिए आपको उसके इशारे, संकेत या गतिविधि को समझना होगा. अगर आपका बच्चा सो नहीं पा रहा है तो इसका मतलब है भूख या प्यास. चाहे आपने उसे एक घंटा पहले ही क्यों न खिला दिया हो मगर फिर भी बच्चे को भूख, प्यास जल्दी लगती है. इसलिए बार-बार उसे खिलाते रहने की जरूरत होती है.


क्या आपका बच्चा असुविधा महसूस कर रहा है


क्या आपके बच्चे के लिए तापमान बहुत ज्यादा गर्म है या ठंडा? क्या डाइपर बहुत ज्यादा टाइट है, गीला है या गंदा है? अगर आप पता नहीं चला पा रहे हैं कि क्यों आपका बच्चा सो नहीं पा रहा है तो उसकी असुविधा पर ध्यान दीजिए.


बच्चा आपके साथ ज्यादा समय बीताना चाहता है


आपका बच्चा सोने से पहले आपकी मौजूदगी के बारे में सुनिश्चित होना चाहता है. गोद, स्पर्श, आलिंगन की अनुभूति बच्चे की नींद में मददगार हो सकते हैं.


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