क्या आपने कभी गौर किया है आखों से बहनेवाले आंसू नमकीन क्यों होते हैं? उनका स्वाद क्यों होता है? खुशी हो या गम हमारी आखों से भावनाओं का पता चलता है. अच्छी या बुरी खबर सुनने पर हमारी आंखों से आंसू निकलने लगता है. कभी-कभी खुशी के मारे भी आंखें गीली हो जाती हैं. बिना बोले ही आखों से इंसान के मूड का पता चलता है. जबान साथ दे या न दे मगर बहनेवाले आंसू भावनाओं का इजहार कर देते हैं.
आंसू नमकीन क्यों होते हैं?
जब हम तकलीफ, दुख और परेशानी से घिरे होते हैं तो आंखों से आंसू फूट पड़ते हैं. लेकिन कभी एक मिनट के लिए भी सोचा है कि आंसू नमकीन क्यों होते हैं. दरअसल इसके पीछे खास कारण है. आंसू हमारी आंख के लैक्रिमल ग्लैंड में बनते हैं. दुखी होने पर हमारे थायराइड ग्लैंड ज्यादा सक्रिय हो जाते हैं और दिल की धड़कन तेज हो जाती है. जिसके चलते ग्लैंड का घनत्व तब्दील हो जाता है और इस तरह हमारे आंसू नमकीन हो जाते हैं. लेकिन इसके विपरीत जब हम खुश होते हैं और आंखों से आंसू छलक उठते हैं तो उस वक्त उसका कोई टेस्ट नहीं होता है.
आंसुओं को तीन श्रेणियों में रखा गया है
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि रोने से दिमाग के मानसिक तंत्र पर जोर पड़ता है. वैज्ञानिकों के मुताबिक आंसुओं को तीन श्रेणियों में रखा गया है. बेसल आंसू आंख की नमी को बनाए रखने में मददगार होते हैं. रेफ्लेक्स आंसू उस वक्त निकलते हैं जब आंख में धूल या कोई अन्य पड़ जाए. तीसरी श्रेणी का इमोशन्स आंसू होता है. ये किसी तरह के तनाव या भावनाओं से जुड़ा होता है.
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