कैंसर के इलाज में बालों का झड़ना एक आम बात है, जिसे मेडिकल भाषा में 'एलोपेसिया' कहा जाता है. यह ज्यादातर तब होता है जब मरीज कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी से गुजर रहा होता है. कैंसर के इलाज में इस्तेमाल होने वाली कीमोथेरेपी दवाएं तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं को निशाना बनाती हैं. इसमें कैंसर कोशिकाएं तो आती ही हैं, साथ ही हमारे शरीर की अन्य तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाएं भी, जैसे कि बालों के रोम की कोशिकाएं जब ये कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो बाल झड़ने लगते हैं.
जानें बाल क्यों झड़ जाते हैं
रेडियोथेरेपी, जो कि कैंसर के एक विशेष क्षेत्र पर केंद्रित होती है, भी तब बालों के झड़ने का कारण बन सकती है जब इलाज सिर या गर्दन के आस-पास के क्षेत्र में हो. विशेषज्ञों का कहना है कि यह बालों का झड़ना अस्थायी होता है. इलाज के समाप्त होने के बाद, बालों के रोम फिर से सक्रिय हो सकते हैं और बाल उगना शुरू हो जाते हैं. हालांकि, नए उगने वाले बालों की बनावट और रंग पहले से भिन्न हो सकते हैं. कई बार, बाल पहले से अधिक मुलायम या कर्ली हो सकते हैं.
क्या दोबारा बाल आते हैं
इस प्रक्रिया में समय लगता है, और मरीजों को धैर्य रखने की जरूरत होती है. इलाज के खत्म होने के लगभग 3 से 6 महीने बाद, बालों का विकास दोबारा शुरू होता है, लेकिन पूर्ण विकास में एक साल या उससे अधिक का समय लग सकता है. इस दौरान, मरीजों को अपने सिर की त्वचा का खास ख्याल रखने की आवश्यकता होती है. उदाहरण के लिए, सूरज की सीधी किरणों से बचाव, नरम और हल्के शैम्पू का इस्तेमाल, और बालों को नैचुरली सूखने देना.
जानें कैंसर के मरीजों को अपना खास ख्याल रखना चाहिए
- हर रोज़ संतुलित खाना खाएं
- काफी नींद लें
- नियमित एक्सरसाइज करें
- योग और ध्यान से तनाव कम करें
- अपनी पसंद के काम करके मन हल्का रखें
- हमेशा डॉक्टर की सलाह मानें
- दवाओं के साइड इफेक्ट से बचाव के उपाय करें
- खुद का ख़ास खयाल रखें
- हमेशा मुस्कुराते रहें
- अपनों का साथ लें और जरूरत पड़ने पर मदद मांगें
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