Cumin Benefits : पारंपरिक रूप से भारतीय रसोई में दाल-सब्जी बनाते समय जीरे का तड़का जरुर डाला जाता है. यह एक ऐसी मसाला है जिसके बिना भारतीय खाना अधूरा लगता है. जीरा हमारे रसोई की सबसे लोकप्रिय और स्वादिष्ट मसालों में से एक है. इसका उपयोग दाल, सब्जी, रायता आदि में तड़के लिए सबसे ज्यादा किया जाता है. जीरा स्वाद बढ़ाने के साथ कई इसमें कई औषधीय गुण होते हैं जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होते हैं. जीरे के तड़के से दालें व सब्जियां हल्की और पाचनशील हो जाती है. इसमें मौजूद गुण पाचन प्रक्रिया को बेहतर बनाते हैं. यही नहीं जीरे में एंटीबैक्टीरियल गुण भी होते हैं जो दालों और सब्जियों को खराब होने से बचाते हैं. आए जानते हैं इसके बारे में ..
पाचन में सुधार
जीरे में जीरिन नामक एक सक्रिय तत्व पाया जाता है जो पाचन रसों के स्राव को बढ़ाता है. यह पित्त की मात्रा और गुणवत्ता को बेहतर बनाकर भोजन के पाचन में मदद करता है. जीरे के तेल में कार्मिनेटिव गुण होते हैं जो आंतों की गतिशीलता बढ़ाते हैं और कब्ज दूर करने में सहायक होते हैं. इसके अलावा, जीरे में मौजूद फाइबर पेट को साफ रखते हैं और पाचन में मदद करते हैं. जीरे के एंटी-बैक्टीरियल गुण भी पाचन तंत्र संबंधी संक्रमणों से लड़ने में मदद करते हैं.
बवासीर में फायदेमंद
जीरा बवासीर (हेमरॉयड्स) के जोखिम को कम करने में मददगार हो सकता है. जीरे में मौजूद फाइबर पाचन में सुधार करता है और मल त्याग को आसान बनाता है. इससे कब्ज की समस्या कम होती है जो बवासीर का एक प्रमुख कारण है.
जारी याददाश्त को बढ़ाता है
जीरे में एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो ब्रेन सेल्स की रक्षा करते हैं और उन्हें नुकसान से बचाते हैं. एंटीऑक्सीडेंट ब्रेन के स्वास्थ्य के लिए उपयोगी होते हैं. जीरे में मेमोरी बूस्टिंग हार्मोन एसेटाइलकोलाइन पाया जाता है जो याददाश्त और फोकस करने में मदद करता है.
इम्यूनिटी को बढाता है.
जीरे में एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं.इसमें विटामिन सी और जिंक आदि मिनरल्स पाए जाते हैं जो इम्यूनिटी बूस्ट करते हैं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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