गर्भावस्था का समय केवल 40 हफ्ते यानी 9 महीने क्यों होती है, यह सवाल अकसर लोगों के मन में आता है. कि यह समय और भी लंबी क्यों नहीं हो सकती या फिर और छोटी क्यों नहीं हो सकती है. इस सवाल के जवाब को समझने के लिए हमें मानव शरीर विज्ञान और भ्रूण विकास की प्रक्रिया को गहराई से समझना होगा. वैज्ञानिकों के अनुसार, 40 सप्ताह का समय नवजात शिशु के सही विकास और जन्म के लिए एक सही समय होता है  यदि गर्भावस्था इससे अधिक लंबी होती तो गर्भ में पल रहे बच्चे का आकार और वजन बहुत अधिक हो जाएगा. इतने समय में वह पेट में रहकर पूरा विकसित कर लेता है और बाहर आने के लिए तैयार हो जाता है. 


जन्म देने में मुश्किल
40 हफ्ते यानी 9 महीने में ही गर्भ में पल रहे बच्चे के सारे अंग और शरीर के हिस्से पूरी तरह तैयार हो जाते हैं. इतने समय में वह बाहर निकलने के लिए पूरा रेडी हो जाता है. अगर गर्भ इससे ज्यादा महीनो तक रहता तो बच्चा बहुत बड़ा और भारी हो जाता. फिर मां के लिए उसे जन्म देना बहुत मुश्किल हो जाता है.





प्रकृति देन
महिलाओं के शरीर की बनावट ही ऐसी है कि वो 9 महीने से ज्यादा समय तक गर्भ नहीं रख सकतीं. इसलिए प्रकृति ने भी बच्चे को पूरा बनने में 9 महीने का समय दिया है. 40 हफ्ते यानि करीब 9 महीने में ही गर्भ में पल रहे बच्चे के सारे अंग और हिस्से पूरी तरह तैयार हो जाते हैं. उसके बाद बच्चे को मां के पेट से बाहर निकलने के लिए भी तैयार होना पड़ता है. इसलिए प्रकृति ने इतने ही समय में बच्चे का सही ढंग से विकास करवाने की व्यवस्था की है ताकि वो स्वस्थ रूप से जन्म ले सके और मां के लिए भी डिलीवरी आसान हो.


शिशु का सही कब होता है
अगर किसी बच्चे का जन्म समय से पहले हो जाता है, तो इन अंगों का विकास अधूरा रह जाता है. जिससे बच्चे की सेहत पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए पूरे 9 महीने तक गर्भ में रहना बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बेहद जरूरी होता है. दरअसल, 9 महीने के समय में ही भ्रूण के सारे महत्वपूर्ण अंग व शरीर के हिस्से पूरी तरह से विकसित हो पाते हैं. इनमें दिमाग, हृदय, फेफड़े, गुर्दे आदि शामिल हैं. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

 

ये भी पढ़ें