सर्दी का मौसम आता देख मेडिकल विशेषज्ञ जल्द से जल्द आम लोगों के लिए कोविड-19 वैक्सीन पेश करना चाहते हैं. तेजी से बढ़ते फ्लू के मौसम ने उनकी चिंता में और इजाफा कर दिया है. इन्फलुएंजा का प्रकोप और कोविड-19 से ‘ट्विंडेमिक’ खतरे के कारण वैज्ञानिक और मेडिकल समुदाय लोगों को फ्लू का डोज लेने की सलाह दे रहे हैं.


कोविड-19 वैक्सीन की गैर मौजूदगी में इन्फ्लुएंजा की वैक्सीन जरूरी हो गया है. उन्हें डर है कि कोरोना वायरस और मौसमी फ्लू का प्रकोप चिकित्सा सुविधाओं पर दबाव डाल सकता है. आम तौर पर कोविड और मौसमी फ्लू के लक्षण में समानता होती है. खांसी, गले में खराश, जुकाम और बुखार के लिए इस साल फ्लू वैक्सीन ज्यादा जरूरी हो गया है. कोरोना वायरस महामारी में फ्लू का डोज इस साल लेने से न सिर्फ इन्फलुएंजा और कोविड-19 संक्रमण के खतरे को कम करेगा बल्कि सर्दी के महीनों में मरीजों की संख्या को घटाएगा.


फ्लू की वैक्सीन लेने का अक्टूबर बेहतर महीना


अगर आप सही समय में फ्लू की वैक्सीन लेने का इंतजार कर रहे हैं तो अक्टूबर सबसे बेहतरीन महीना है. इस महीने में वैक्सीन लेने से वायरस के खिलाफ सुरक्षा ज्यादा मिल सकेगी. सीडीसी के मुताबिक, अक्टूबर के अंत में फ्लू की वैक्सीन लेने का आदर्श महीना है. अमेरिका के महामारी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची की सलाह है कि अक्टूबर के मध्य और अंत में फ्लू की वैक्सीन ले लेनी चाहिए. उससे इम्यूनिटी पूरे फ्लू के मौसम तक बरकरार रहेगी.


उनका कहना है कि सितंबर के महीने में वैक्सीन लेने पर इम्यूनिटी फरवरी या मार्च तक मिट सकती है. 65 साल से ऊपर के बुजुर्गों के लिए जरूरी हो जाता है कि फ्लू की वैक्सीन के लिए अक्टूबर तक इंतजार करें. उसके विपरीत, फ्लू वैक्सीन लेने पर एंटी बॉडीज करीब दो सप्ताह में विकसित होगी. सितंबर में वैक्सीनेशन फ्लू के मौसम के अंत तक वायरस के खिलाफ सुरक्षा प्रदान नहीं कर सकता.


फ्लू वैक्सीन लेने से बीमारी का खतरा कम होता है


ज्यादातर इन्फ्लुएंजा वैक्सीन फ्लू वायरस के चार अलग-अलग स्ट्रेन के खिलाफ सुरक्षा मुहैया कराते हैं. फ्लू की वैक्सीन लेने से बीमारी का खतरा 40-60 फीसद तक कम हो जाता है और बीमार पड़ने पर जोखिम में भी कमी आती है. अधिकतर लोगों में फ्लू वैक्सीन का किसी तरह साइड-इफेक्ट विकसित नहीं होता है. फिर भी, खास हल्के साइड-इफेक्ट्स का कुछ लोगों को सामना करना पड़ सकता है. मामूली साइड-इफेक्ट्स में इंजेक्शन की जगह का लाल हो जाना और मामूली सूजन, कम दर्जे का बुखार, मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन, चक्कर और सिर दर्द की शिकायत हो सकती है. इसलिए ध्यान देना जरूरी है कि अगर आपको फ्लू वैक्सीन के इस्तेमाल से गंभीर एलर्जी हो रही है तो डॉक्टर से जरूर मिलें.


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