Gulabi Thand: ठंड की रंगत गुलाबी ही क्यों. भई गुलाबी रंग इसलिए क्योंकि ये रंग तो है प्रेम का. जब मौसम की उमस भरी गर्मी से छुटकारा मिलता है तो ठंडी हवाओं से प्यार हो ही जाता है. हवा का हर झोंका जब छू कर गुजरता है तो पिया के प्यार भरे स्पर्श का एहसास कराता है. यही एहसास गुलाबी रंग लेकर गालों पर बिखर जाता है. इसलिए ही तो हल्की सर्दी का रंग गुलाबी होता है. जिसकी ‘गुलाबियित’ मौसम के साथ मिजाज को भी खुशनुमा बना देती है. अब जरा सोचिए ये रंग गुलाबी न होकर पीला होता तो क्या इस रंगत को पीलिया नाम दे दिया जाता. फिर दिलों का खुश होना तो छोड़िए मिजाज और मर्ज दोनों ही एक से लगने लगते.


तो इसलिए गुलाबी होती है ठंड...
गुलाबी ठंड वैसे कोई ऑफिशियल नाम नहीं है. नवंबर के लास्ट में जब सुबह शाम के लिए स्वेटर निकल जाते हैं और दोपहर को हल्की गर्माहट रहती है तो मौसम सुहाना और आंखों को अच्छा लगने लगता है. सुबह नर्म ओस और हल्के हल्के कुहासे के बीच नर्म और मुलायम सी ठंड पड़ती है औऱ दिल खुश हो जाता है. हमारे साहित्य और रोमांस के पन्नों को छाने तो अच्छी लगने वाली चीजों को हम गुलाबी संदर्भ में लेते आए हैं. गुलाबी गाल, गुलाबी सुरूर और उसी तरह गुलाबी मौसम. यानी ऐसा मौसम जो ना तो बहुत ज्यादा सर्द हो और ना ही बहुत ज्यादा गर्म. ऐसा मौसम जिसमें घूमने पर दिल खुश हो जाए. 


दिल को सुकून देता है गुलाबी रंग 
गुलाबी को प्यार का रंग भी कहा जाता है. दिल को सुकून देने वाला, प्यार का एहसास करने वाला, आंखों को अच्छा लगने वाला रंग है गुलाबी. यही वो मौसम है जब नई ताजे रंग-बिरंगे फूल और उनकी खुशबू चारों तरफ बिखरी होती है और खुशनुमा मौसम दिल को भी गुलाबी कर देता है. इसलिए साहित्य में और रोमांस की डिक्शनरी में इस ठंड को गुलाबी कहते हैं. आपने देखा होगा कि गुलाबी रंग औरतों को बहुत प्यारा लगता है. ये ना बहुत गहरा है और ना ही बेजान और हल्का लगता है. गुलाबी रंग में जिस तरह महिलाएं खूबसूरत लगती हैं, उसी तरह मौमस भी इस गुलाबी रंगत में प्यारा लगता है.  ज्यादातर लोगों का मानना है कि ठंड में गुलाबी गालों को देखकर शायद किसी शायर ने ही ठंड का नाम गुलाबी रख दिया.


 


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