इन लोगों को हल्दी का इस्तेमाल करते वक्त क्यों बरतनी चाहिए विशेष सावधानी? जानिए हकीकत
कुछ लोगों को हल्दी का इस्तेमाल करते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. बजाए फायदा होने के उससे आपकी सेहत को नुकसान हो सकता है. हल्दी में करक्यूमिन को सूजन रोधी प्रभावों में शक्तिशाली माना जाता है. लेकिन, चंद लोगों को खास तौर से ध्यान देना चाहिए.
हल्दी पुराने जमाने से लोकप्रिय मसाला बना हुआ है. इसका इस्तेमाल भारतीय पकवानों में रंग और स्वाद के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है. लेकिन पीले मसाले का इस्तेमाल सिर्फ किचन तक सीमित नहीं है. हल्दी में कुछ शानदार औषधीय गुण छिपे हुए हैं और आयुर्वेद में स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं के खिलाफ मुफीद माना जाता है. उसका इस्तेमाल दुनिया भर में अलग-अलग तरीकों से होता है.
जख्मों पर हल्दी लगाने के अलावा दूध में मिलाकर भी पीया जाता है. हल्दी का असली गुण करक्यूमिन है. उसे सूजन रोधी प्रभावों में शक्तिशाली माना जाता है. ये घुटने का दर्द, कोलेस्ट्रोल लेवल नियंत्रण, दिल की बीमारी का खतरा कम और दर्द, बेचैनी के अलावा मल त्याग करने में परेशानी को दूर करता है. लेकिन, कुछ लोगों को हल्दी का इस्तेमाल करते वक्त अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि उसका साइड-इफेक्ट्स हो सकता है.
प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाएं हल्दी को बड़ा इम्यूनिटी बूस्टर माना जाता है. आम तौर से प्रेग्नेंट और स्तनपान करानेवाली महिलाओं के लिए भोजन में लेने पर ये सुरक्षित है क्योंकि करक्यूमिन की मात्रा पकाए गए भोजन में कम होती है. लेकिन ये उस वक्त असुरक्षित हो जाता है जब हल्दी का इस्तेमाल औषधीय शक्ल में किया जाए क्योंकि ये पीरियड्स को बढ़ा सकता है या यूटेरस को उत्तेजित कर सकता है, जिससे प्रेगनेन्सी को खतरा पहुंचने का डर रहता है.
एनीमिया से पीड़ित होने पर एनीमिया आयरन की कमी से होता है. ये उस वक्त होता है जब शरीर काफी लाल रक्त कोशिकाओं को पैदा नहीं कर पाता या ब्लीडिंज की वजह से शरीर में ज्यादा लाल रक्त कोशिकाओं की कमी हो जाती है या ये लाल रक्त कोशिकाओं को बर्बाद करता है. ऐसी स्थिति में बहुत ज्यादा हल्दी का इस्तेमाल आयरन अवशोषण को रोक सकता है, जिससे हालत के और बिगड़ने का अंदेशा रहता है.
डायबिटीज रोगियों के लिए डायबिटीज के रोगियों को अपनी डाइट में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. उन्हें अपना ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करने की जरूरत होती है. ब्लड शुगर लेवल न तो बहुत ज्यादा और न बहुत कम होना चाहिए. करक्यूमिन ब्लड में शुगर की मात्रा को कम करनेवाले के तौर पर जाना जाता है. सावधानीपूर्वक इस्तेमाल नहीं करने पर, ये ब्लड शुगर लेवल को बहुत नीचे कर सकता है, जो हानिकारक हो सकता है.
हल्दी की सुरक्षित मात्रा क्या है? विज्ञान के मुताबिक, रोजाना रस की शक्ल में 500-2 हजार मिलीग्राम हल्दी खाने के संभावित फायदे हो सकते हैं. रस की शक्ल में करक्यूमिन का तत्व आम तौर से ज्यादा होता है. अगर आप 2, 000-2, 500 मिलीग्राम हल्दी को अपने भोजन में शामिल करते हैं, तो उससे आपको रोजाना 60-100 मिलीग्राम करक्यूमिन मिलता है.
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