टीकाकरण के साथ कुछ साइड-इफेक्ट्स निश्चित है. सामने आए नए रिसर्च के मुताबिक, महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले कोविड-19 वैक्सीन के साइड-इफेक्ट्स से पीड़ित होने की अधिक संभावना है. हालांकि, उन्हें कोविड-19 की गंभीरता का खतरा आश्चर्यजनक रूप से कम होता है, लेकिन वैक्सीन के प्रति अतिसंवेदनशीलता हैरान करनेवाली है. आपको जानना चाहिए ये कैसे हो सकता है और अप्रिय लक्षण को दूर करने के क्या तरीके हैं.


रिसर्च से क्या सुझाव मिलता है?
साइड इफेक्ट्स के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अत्यधिक समस्या देखी गई है. हाल में सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन के एक रिसर्च में विभिन्न उम्र के लोगों को दिए गए 13.7 मिलियन कोविड-19 वैक्सीन के डोज का डेटा परीक्षण किया गया. जहां तक साइड-इफेक्ट्स का मामला है, तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में 79.1 फीसद सामने आया.


क्या लिंग का फर्क पड़ता है?
हालांकि, साइड-इफेक्ट्स वास्तव में उन विशेषज्ञों को चौकन्ना नहीं करते हैं जो उसे सिर्फ इम्यून सिस्टम का संकेत मानते हैं और कहते हैं कि ये अपना काम ठीक से कर रहा है. साइड-इफेक्ट्स का अनुभव करना अप्रिय हो सकता है और किसी शख्स को सामान्य काम करना मुश्किल बना सकता है.


कुछ शोधकर्ता जवाब के तौर पर व्यवहार को भी मानते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक, महिलाओं को साइड-इफेक्ट्स का ज्यादा खतरा या पुरुषों के मुकाबले मेडिकल मदद की ज्यादा जरूरत पड़ सकती है. कुछ रिसर्च से ये भी पता चला है कि महिलाओं में संक्रमण से लड़नेवाली एंटीबॉडीज पुरुषों के मुकाबले ज्यादा पैदा होती है. हालांकि, अभी ये चिकित्सकीय रूप से स्थापित नहीं किया गया है.


लक्षण दूर करने के लिए क्या करें?
अगर आप महिला हैं और कोविड-19 वैक्सीन का डोज लेने जा रही हैं, तो गंभीर प्रतिक्रिया से पीड़ित होने का डर न रखें. खुद को वक्त से पहले तैयार करना मददगार हो सकता है और होने वाले किसी लक्षण को नियंत्रित कर सकती हैं. मिसाल के तौर पर, सूजन या इंजेक्शन वाली जगह पर दर्द, कठोरता को कुछ हल्का दर्द निवारक लेकर नियंत्रित किया जा सकता है. उच्च तापमान हालांकि असमान्य होता है लेकिन उसे भी खास दवा से नीचे लाया जा सकता है.


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