World Biofuel Day 2022 Date: बीते कुछ समय से जलवायु परिवर्तन का असर हम सभी को झेलना ही पड़ रहा है. जलवायु परिवर्तन की वजह से प्राकृतिक संकट आते हैं और साथ ही हमारा पारिस्थितिक तंत्र भी बिगड़ गया है. इससे, जीवन के सभी क्षेत्रों में इसका असर साफ़ दिखाई दे रहा है. इंसान जिस तरह से जैव ईंधन का लगातार बड़े स्तर पर दोहन या इस्तेमाल कर रहे हैं उसका पर्यावरण पर खतरनाक असर देखने को मिल रहा है. इसीलिए, अब समय के साथ अपरंपरागत जीवाश्म ईंधन को इस्तेमाल करने की ज़रूरत समझी गई और लोगों को इस बारे में लगातार जागरुक भी किया जा रहा है. विश्व जैव ईंधन दिवस को हर साल 10 अगस्त के दिन अपरंपरागत जीवाश्म ईंधन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है जो पारंपरिक जीवाश्म ईंधन के विकल्प के रूप में काम कर सकता है. इसे हमारा भविष्य बचाने के लिए एक उम्मीद के तौर पर देखा जा रहा है. 

 

विश्व जैव ईंधन दिवस: इतिहास

विश्व जैव ईंधन दिवस को हर साल 10 अगस्त के दिन सर रूडोल्फ डीजल की याद में मनाया जाता है. इन्होंने डीजल इंजन बनाने का काम किया था. 8 अगस्त साल 1893 को, सर डीजल ने पहली बार एक यांत्रिक इंजन चलाने के लिए मूंगफली के तेल का सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया था. इसके साथ,  इस कल्पना भी एक नई उड़ान मिली थी कि आने वाले समय में जीवाश्म ईंधन की जगह पर वनस्पति तेल का इस्तेमाल किया जा सकेगा. इस उपलब्धि की खुशी को मनाने और लोगों को जागरुक के लिए, विश्व जैव ईंधन दिवस मनाया जाता है और साल 2015 से भारतीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय इसे मना रहा है. 

 

जैव ईंधन क्या है?

जैव ईंधन को पर्यावरण के अनुकूल ईंधन माना जाता है जिसे कार्बन उत्सर्जन कम करने के मकसद इस्तेमाल किया जा सकेगा. जैव ईंधन को बायोमास संसाधनों की मदद से बनाया जाता है इसलिए इसे दोबारा बनाया जा सकता है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि जैव ईंधन पर्यावरण को खतरे में डाले बिना 21वीं सदी की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा. 

 

जैव ईंधन के इस्तेमाल से कई फ़ायदे हो सकते हैं

 

कच्चे तेल पर निर्भरता घटेगी

पर्यावरण में सुधार होगा

ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के मौके बनेंगें 

ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा पहुंचाई जा सकेगी

आर्थिक विस्तार की वजह से परिवहन ईंधन की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सकेगा

 

विश्व जैव ईंधन दिवस: 2022 

10 अगस्त को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व जैव ईंधन दिवस के मौके पर  हरियाणा के पानीपत में दूसरी पीढ़ी (2 जी) के इथेनॉल प्लांट को वीडियो कॉल के ज़रिए देश को समर्पित करेंगे. यह प्रधानमंत्री के ऊर्जा उद्योग से  अधिक आसान, बेहतर और टिकाऊ बनाने के लिए चल रहे प्रयासों को सफल करने का अगला कदम होगा.

 

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