नई दिल्ली: कैंसर का नाम किसी भी व्यक्ति में खौफ भरने के लिए काफी है. भारत में प्रति वर्ष हजारों लोग इस जनलेवा बीमारी के चलते असमय ही काल के गाल में समा जाते हैं. हाल ही में जारी नेशनल हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैंसर के मरीज चिंता जनक रूप से देश में बढ़ रहे हैं. 4 फरवरी को विश्व कैंसर दिवस पर इस बीमारी को लेकर एक जाकरूकता अभिजान चलाए जाने की आवश्यकता है.


डॉक्टरों का मानना है कि कैंसर की जानकारी प्रारम्भिक चरण में होने पर इसको पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है. वैसे तो कैंसर के सभी रूप जानलेवा हैं, लेकिन सबसे खतरनाक ब्रेन ट्यूबर को माना जाता है.


कैंसर से होने वाली मौतों में 2 फीसदी ब्रेन ट्यूमर के मरीज

कैंसर से होने वाली कुल मौतों में 2 प्रतिशत लोग ब्रेन ट्यूमर के मरीज होते हैं. 2018 के एक ग्लोबल रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रति वर्ष करीब 28142 लोग ब्रेंन ट्यूमर से प्रभावित होते हैं. इस बीमारी के चलते मरीज के जीवन और उसके परिवार पर नकारात्मक असर होता है.


ब्रेन ट्यूमर के शुरूवातद में ब्रेन का कुछ हिस्सा अचानक बढ़ने लगता है. जो ब्रेन के सेल्स, उसकी परतों और नसों में हो होता है. हालांकि ये सिल्स कैंसरस और नॉनकैंसर हो सकते हैं. नॉन कैंसरस ट्यूमर को आसानी से ऑपरेशन करके निकाला जा सकता है.


वहीं कैंसरस ट्यूमर का विकास बहुत तेजी से होता है. साथ ही यह तेजी से शरीर के अन्य हिस्सों में फैलता है, यह जानलेवा हो सकता है. हालांकि 70 प्रतिशत ब्रेन ट्यूमर नॉन-कैंसरस होते हैं.


कैसे होता ब्रेन ट्यूमर

ब्रेन ट्यूमर का सही कारण बता पाना मुश्किल है. हालांकि ब्रेन ट्यूमर के अधिकांस मरीजों में जान का जोखिम नहीं होता है. केवल कुछ घटनाओं में ही यह खतरनाक होता है.


-ब्रेन ट्यूमर को लेकर ऐसा देखा गया है कि यह बढ़ती उम्र के साथ बढ़ता जाता है.
- रेडिएशन के साथ ब्रेन ट्यूमर का खतरा बढ़ जाता है. विशेष रूप से बच्चों में इस बीमारी का खतरा बढ़ने की संभावना अधिक होती है.
-ब्रेन ट्यूमर का खतरा अनुवांशिक होता है. परिवार में किसी व्यक्ति को अगर यह बीमारी हुई है तो आने वाले लोगों में इस बीमारी का खतरा अधिक होता है.
-ब्रेन ट्यूमर होने के अन्य कारणों में मोबाइल फोन रेडिएशन, हार्मोनल फैक्टर, कम फ्रीक्येंसी वाली चंबकीय क्षेत्र और औद्योगिक इलाकों में इसका खतरा अधिक रहता है.


बीमारी के लक्षण

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण उसके स्थान, विकास की दर और आकार पर निर्भर करता है. ये हैं कुछ खतरनाक लक्षण-


-ब्रेन ट्यूमर के अधिकांश मरीजों को सिर दर्द की शिकायत होती है. साथ ही उल्टी होने की भी शिकायत होती है.
-शरीर के किसी हिस्से में गांठ का होना
-ब्रेन ट्यूमर के मरीज को देखने, बोलने और सिर के किसी हिस्से में अनियत्रित रूप से किसी गांठ का विकसित होना आम है.


ब्रेन ट्यूमर का इलाज

ब्रेन ट्यूमर का इलाज न्यूरोसर्जरी, रेडिएशन और दवाओं द्वारा किया जाता है. बीमारी के लक्षण के आधार पर ही इलाज का तरीका चुना जाता है. प्रारम्भिक चरण में कीमोथेरपी के जरिए इलाज किया जाता है. जबकि विकसित चरण में ऑपरेशन और रेडियोथेरपी की जाती है.


हालांकि इस बीमारी से बचने का सबसे कारगर इलाज जागरूकता ही है. समय में की गई पहचान और इलाज से इस बीमारी से पूरी तरह मुक्त हुआ जा सकता है.


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