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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
विश्व मधुमेह दिवस: सावधान, जहरीली हवा में सांस लेने से हो सकती है डायबिटीज
जहरीली हवा में सांस लेने से कई गंभीर बीमारियां भी सामने आ रही हैं. उन्हीं में से एक है डायबिटीज.
नई दिल्लीः दिल्ली में जहरीली हवा के कारण लोगों का सांस लेना दूभर हो रहा है. ऐसे में डॉक्टर्स लोगों को घरों से बाहर ना निकलने की सलाह दे रहे हैं. डॉक्टर्स के मुताबिक, जरूरी हो तभी घर से बाहर निकलें.
इस जहरीली हवा में सांस लेने से कई गंभीर बीमारियां भी सामने आ रही हैं. उन्हीं में से एक है डायबिटीज. जी हां, आपको जानकर हैरानी होगी प्रदूषण भी डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है.
विश्व मधुमेह दिवस के मौके पर आईएमए अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल बता रहे हैं डायबिटीज का खतरा पॉल्यूशन के कारण कैसे बढ़ सकता है.
- वातावरण में फैला पॉल्यूशन, ट्रैफिक से होने वाले पॉल्यूशन और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड से होने वाले पॉल्यूशन से पीएम 2.5 की मात्रा बढ़ जाती है, जो कि डायबिटीज जैसी बीमारियों के लिए जिम्मेदार मानें जाते हैं.
- कई शोध से पता चला है कि एयर पॉल्यूशन की चपेट में लंबे समय तक रहने पर टाइप-2 डाइबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. जिन लोगों को पहले से ये बीमारी हो उनके लिए ये ज्यादा घातक होता है.
- डब्लूएचओ के मुताबिक हवा में PM2.5 की मात्रा 10 μg/m3 से कम होनी चाहिए, लेकिन भारत में आमतौर पर इसकी मात्रा हमेशा 60 μg/m3 पाई जाती है. इसका मतलब ये हुआ कि भारत की मौजूदा स्थिति कुछ ज्यादा ही चिंताजनक है.
- भारत दुनिया में दूसरा सबसे ज्यादा डाइबिटिज से पीड़ित लोगों का मुल्क है. इनकी संख्या 69.2 मिलियन है. ये हालात इस बात की मांग करते हैं कि जितनी जल्दी हो सके वायु प्रदूषण को रोका जाए.
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