World Diabetes Day 2020: कोरोना वायरस संक्रमण से दुनिया भर में इस साल होनेवाली मौत के बीच डायबिटीज के मरीज सबसे ज्यादा जोखिम में हैं. उन्हें विशेष कर गंभीर खतरे की ऊंची कीमत चुकानी पड़ रही है और आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं में बाधा का सामना करना पड़ा है.


दुनिया भर में आज मनाया जा रहा है डायबिटीज दिवस


विश्व डायबिटीज दिवस 2020 कोविड-19 के बीच 14 नवंबर को मनाया गया. इस मौके पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वैश्विक डायबिटीज के प्रभाव को एक छत के नीचे लाने का ऐलान किया है. WHO की सभी सामग्री डायबिटीज के बचाव और नियंत्रण के लिए मुहैया है जबकि मोटापा कम करने पर भी फोकस है.


हाल ही में जारी एक बयान में WHO ने अनुमान लगाया कि दुनिया की आबादी का छह फीसद डायबिटीज से पीड़ित है जबकि डायबिटीज मरीजों की कुल संख्या 1980 के मुकाबले चार गुना है. बीमारी निम्न और मध्यम आय वाले मुल्कों के लिए अत्यधिक चिंता का कारण है. गरीब मुल्कों में मरीजों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और इलाज के सबसे कम संसाधन मौजूद हैं.



WHO के मुताबिक, हालात की गंभीरता को देखते हुए सभी संगठनों को एकजुट और मजबूत प्रयास करने की आवश्यकता है. बीमारी के इलाज और रोक थाम में लगे संगठनों से खासकर ज्यादा अपेक्षा है. ग्लोबल डायबिटीज कैम्पैक्ट के तहत WHO बीमारी के नियंत्रण और रोकथाम के लिए प्रभावकारी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में देशों की मदद करता है. ग्लोबल डायबिटीज कैम्पैक्ट की कामयाबी का मुख्य आधार निजी और सार्वजनिक क्षेत्रों के एकजुट प्रयास में छिपा है.


WHO ने बीमारी को गंभीरता से लेने का किया आह्वान


जानकारों का कहना है कि डायबिटीज के एक मरीज को हर महीने दवा, जांच, इंसुलिन और डाइट पर 3-4 हजार रुपए खर्च करने पड़ते हैं. कई शोध से पता चला है कि बीमारी मुख्य रूप से शिथिल जीवन शैली की वजह से होती है. उसका संबंध मोटापा, शारीरिक गतिविधि में कमी, तनाव और नुकसानदेह डाइट के सेवन से जुड़ा है.


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