World Environment Day 2022: धरती हमारी मां है, धरती हमारी जननी है और प्रकृति हमारा जीवन है. जी हां प्रकृति के बिना मनुष्य का जीवन संभव नहीं है, लेकिन फिर भी हम विकास और आधुनिकता की दौड़ में पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहे हैं. हम प्रकृति से दूर जा रहे हैं. अब झरना, नदी, झील और जंगल देखने के लिए हमें बहुत दूर जाना पड़ता है. पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का खामियाजा हम समय-समय पर भुगत भी रहे हैं. कभी बाढ़ आ जाती है तो कभी बादल फटते हैं. कहीं धरती में पानी सूख रहा है तो कहीं की जमीन आग उगल रही है. ये सब क्लाइमेट चेंज (Climate Change) की वजह से ही हो रहा है. पेडों के कटने से हवा इतनी दूषित हो गई है कि शहरों में सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. शहरों की लाइफ तो पर्यावर (Invironment) और प्रकृति (Nature) से बहुत दूर हो गई है, यहां रहने वाले लोगों को ऐसी बीमारियां हो रही हैं जो पहले न कभी सुनी और न कभी लोगों ने देखी. इन सबकी वजह कहीं न कहीं हमारी खराब होती लाइफस्टाइल (Lifestyle) भी है. विश्व पर्यावर दिवस के मौके पर पूरी दुनिया में पर्यावरण को बचाने के लिए जागरुकता अभियान चलाया जाता है. इसीलिए हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है.
 
विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य
विकास के साथ दुनियाभर में पर्यावरण को नुकसान भी पहुंचाया जा रहा है. वन और जंगल नष्ट किए जा रहे हैं. नदी और झरनों का रुख बदला जा रहा है. जिसकी वजह से पूरी दुनिया में प्रदूषण का लेवल बढ़ रहा है. बढ़ते प्रदूषण और प्रकृति को होने वाले नुकसान को कम करने को लेकर जागरुकता अभियान चलाने के लिए पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. इस दिन पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है. लोगों को प्रकृति को प्रदूषित होने से बचाने की अपील की जाती है. 


विश्व पर्यावरण दिवस की थीम
हर साल पर्यावरण दिवस की कोई न कोई खास थीम होती है. इस साल विश्व पर्यावरण दिवस 2022 की थीम 'Only One Earth' यानी केवल एक पृथ्वी रखी गई है. जिसका मतलब है कि 'प्रकृति के साथ सद्भाव में रहना' जरूरी है. 


विश्व पर्यावरण दिवस का इतिहास
पर्यावर को होने वाले नुकसान को देखते हुए पहली बार साल 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने पर्यावरण दिवस मनाने की घोषणा की थी. तब से पूरी दुनिया में 5 जून पर्यावरण दिवस मनाया जाता है. भले ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की घोषणा की हो, लेकिन पहली बार स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में 5 जून 1972 को पर्यावरण सम्मेलन आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में लोगों को पर्यावरण को बचाने के बारे में जागरुक किया गया था. सम्मेलन में 119 देशों ने हिस्सा लिया था.


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