World Migratory Bird Day 2020: प्रवासी पक्षी पारिस्थितिकी तंत्र का संतुलन बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. पारिस्थितिकी तंत्र के ठीक रहने से पृथ्वी पर इंसानों और पक्षियों की जिंदगी भी संभव है. इसलिए लोगों के बीच जागरुकता फैलाने के लिए विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का आयोजन किया जाता है.


भारत में प्रवासी पक्षी पेश करते हैं अद्भुत नजारा


प्रवासी पक्षी मौसम के मुताबिक एक मुल्क से दूसरे मुल्क का सफर करते हैं. प्रवासी पक्षियों को हमेशा भोजन, प्रजनन और आवास के अनुकूल वातावरण की तलाश रहती है. भारत में सर्दी के मौसम की दस्तक के साथ ही साइबेरियन पक्षियों का आना शुरू हो जाता है. साइबेरियन पक्षियों में सारस के नाम से हर भारतीय परिचित है. प्रवासी पक्षी दिवस मनाने के लिए कोई तारीख नहीं तय है.


साल में दो बार प्रवासी पक्षी दिवस मनाया जाता है. इसकी शुरुआत 2006 में हुई थी. मई और अक्टूबर के दूसरे शनिवार को हर साल जैव-विविधता और जैव संरक्षण में पक्षियों के योगदान पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. पक्षियों की प्रजातियों को दुनिया भर में दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है. एक खतरा शिकारी का है तो जलवायु परिवर्तन भी प्रमुख चुनौतियों में शामिल है.


10 अक्टूबर को दुनिया में मनाया जा रहा कार्यक्रम


विशेषज्ञों के मुताबिक, जलवायु परिवर्तन पक्षियों के आवास और आदतों को प्रभावित कर रहा है. दूसरी तरफ, पक्षियों के शिकार से भी संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है. कई प्रजातियां तो विलुप्त होने के कगार पर हैं. शिकारियों के चंगुल से बचाने के लिए कई देशों की सरकारों ने पक्षियों के शिकार को प्रतिबंधित कर दिया है. इस बार विश्व प्रवासी पक्षी दिवस का थीम 'पक्षी हमारे संसार को जोड़ते हैं' रखा गया है.


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