World Suicide Prevention Day 2020: आज दुनिया भर में खुदकुशी से रोकथाम का दिवस मनाया जा रहा है. इस मौके पर खुदकुशी को रोकने के लिए पहल का वादा किया जा रहा है. खुदकुशी से रोकथाम का दिवस मनाने का मकसद खुदकुशी और उसके चेतावनी संकेत के प्रति जागरुकता पैदा करना है. साथ ही इसके जरिए ये बताना मकसद है कि आप किसी की जरूरत में कैसे मदद कर सकते हैं. आत्मघाती व्यवहार के बारे में बात करने का संबंध जिंदगी खत्म करने से जुड़ा होता है. खुदकुशी के विचार या प्रवृत्ति को मनोरोग आपातकाल समझे जाने की जरूरत है. अगर ये प्रवृत्ति या व्यवहार किसी शख्स में दिखाई दे रहे हैं तो फौरन स्वास्थ्य सेवाएं देनेवाले की मदद ली जानी चाहिए.


आत्मघाती विचार के चेतावनी संकेत को समझें


आत्मघाती विचार की पहचान करना हमेशा आसान नहीं होता है. व्यक्ति के शरीर में मची उथल-पुथल या एहसास दिखाई नहीं देता. अगर इलाज नहीं कराया गया तो अवसाद जान ले सकता है. अवसाद की खतरनाक सूरत उस वक्त हो जाती है जब कोई शख्स मायूस, मजबूर और खुद को बेकार समझने लगे. उसे इस बात का भरोसा हो जाता है कि अब जिंदगी में कुछ अच्छा नहीं होनेवाला है. हीन भावना, बेकार या हालात बदलने में अक्षम का एहसास पनपने लगता है. हीन भावना से ग्रसित शख्स में खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रवृत्ति उभरती है.


विशेषज्ञों के मुताबित ये विचार आत्मघाती हो सकता है. मनोचिकित्सक डॉक्टर चुग कहते हैं, "खुदकुशी और खुदकुशी की कोशिश पर विचार कर रहा शख्स लंबे समय से मनोरोगी होता है. ऐसे लोग आम तौर से तनावग्रस्त पाए जाते हैं." इसलिए आपके आसपास का कोई शख्स ये कहे कि मैं जिंदगी से तंग आ गया हूं और जीना नहीं चाहता तो ऐसे शख्स को तत्काल मदद की जरूरत होती है. डॉक्टर चुग का कहना है कि परिवार या दोस्तों से तनाव का इलाज कराने की उम्मीद करना बेकार है. ये उसी तरह की स्थिति होती है जैसे हार्ट अटैक. अगर आप समझने में देर इंकार करते हैं तो खुद को जोखिम में डाल रहे होते हैं.


खुदकुशी संबंधी कुछ अन्य चेतावनी संकेत


बहुत ज्यादा या बहुत कम सोना


खुद को नुकसान पहुंचाने का माध्यम तलाश करना


नाटकीय ढंग से मिजाज का बदला


गुस्सा जाहिर करना या बदले की इच्छा


दूसरों से मिलाप को अजरअंदाज करना


विकल्प के तौर पर खुदकुशी के बारे में बात करना


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