World Suicide Prevention Day 2022: नाम, पैसा और शोहरत कमाने की जल्दबाजी में आजकल हर दूसरा व्यक्ति मानसिक तनाव (Mental Stress) जैसी समस्याओं से जूझ रहा है. लोगों में सहनशीलता तेजी से खत्म होती जा रही है, छोटी-छोटी बातों को लेकर मारपीट, हत्या व आत्महत्या जैसी घटनाएं बढ़ती जा रही है. जरा सी नाकामयाबी अखरने लगती है और लोग अपना जीवन तक दांव पर लगा रहे हैं. कोविड-19 के दौरान बहुत से लोगों की नौकरी, रोजगार उनसे छिन गया, जिसकी वजह से लोग तनाव में आ गए, लेकिन अपनों के साथ बैठकर उस विषय पर चर्चा की तो जीवन यापन करने का रास्ता निकला. इसलिए हमें कभी भी जल्दबाजी में फैसला नहीं लेना चाहिए. ऐसे ही मामलों को देखते हुए हर साल 10 सितम्बर को "विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस" (World Suicide Prevention Day) मनाया जाता है.


साल 2003 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के साथ मिलकर विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य आत्महत्या को लेकर लोगों में जागरूकता पैदा करना था. जिससे सुसाइड के मामलों में कमी आ सके. अगर हम बात करें दुनिया के किन देशों में लोग सबसे अधिक आत्महत्या करते हैं तो उसमें एक रिपोर्ट के अनुसार लेसोथो सबसे ऊपर है.


सबसे ज्यादा आत्महत्या दर वाले 10 देश (1 लाख पर आत्महत्या) 2019 की रिपोर्ट



  • लेसोथो- 72.4

  • गुयाना- 40.3

  • इस्वातिनी- 29.4

  • दक्षिण कोरिया- 28.6

  • किरिबाती- 28.3

  • माइक्रोनेशिया के संघीय राज्य- 28.2

  • लिथुआनिया- 26.1

  • सूरीनाम- 25.4

  • रूस- 25.1

  • दक्षिण अफ्रीका- 23.5


आत्महत्या एक गंभीर समस्या
विशेषज्ञों की मानें तो आत्महत्या एक बहुत ही गंभीर समस्या है आत्महत्या करने वाले कहीं न कहीं चाहता है कि कोई उसकी उस समय मदद करें जब वह पूरी तरह से जीने की उम्मीद खो चुका होता है. उस समय किसी भी करीबी या प्रोफेशनल का हस्तक्षेप करना बहुत ही अधिक महत्वपूर्ण साबित हो सकता है.


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