World Tuberculosis Day 2021: कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से दुनिया भर की सरकारों ने लोगों के लिए सार्वजनिक जगहों पर फेस मास्क पहनने को अनिवार्य कर दिया है. रिसर्च से पता चला है कि मास्क पहनने से बहुत हद तक खतरनाक वायरस के प्रसार को रोकने में मदद मिली. अब, बहुत सारे स्वास्थ्य विशेषज्ञ अन्य संक्रामक बीमारियों जैसे टीबी के फैलाव को रोकने के लिए फेस मास्क इस्तेमाल की इस आदत को जारी रखने पर जोर दे रहे हैं. गौरतलब है कि ट्यूबरक्लोसिस भारत में हर साल 400,000 से ज्यादा लोगों की जान ले लेती है.


विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, भारत में 10 मिलियन से ज्यादा टीबी के एक्टिव मामले हैं. विश्व ट्यूबरक्लोसिस दिवस पर भारत के डॉक्टरों ने इस बीमारी के बारे में जागरुकता बढ़ाने और प्रभावी उपायों की तत्काल जरूरत पर जोर दिया है, जिससे संक्रामक बीमारी को फैलने से रोका जा सके. उन्होंने फेस मास्क के अनिवार्य इस्तेमाल समेत कोविड-19 महामारी के फैलाव को रोकने के लिए उपाय को सुझाया है. उनका कहना है कि ये उपाय टीबी की बीमारी को काबू करने में भी मददगार हो सकते हैं.


कोविड-19 और ट्यूबरक्लोसिस के बीच समानता


खराब रहने की स्थिति और भीड़-भाड़ ट्यूबरक्लोसिस के फैलाव में योगदान कर सकती है, जो माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है और जो एक शख्स से दूसरे शख्स में हवा के जरिए फैलता है. टीबी की बीमारी से पीड़ित के खांसने, छींकने, बात करने, बलगम और थूक की बहुत छोटी-छोटी बूंदों का हवा में प्रसार होता है और उसमें मौजूद बैक्टीरिया कई घंटों तक हवा में रहने के बाद दूसरे के शरीर में पहुंच जाते हैं और बीमारी पैदा करते हैं. नोवल कोरोना वायरस से होनेवाली बीमारी कोविड-19 भी वायु जनित बीमारी है.


मुख्य रूप से लंग्स पर अटैक करते हैं दोनों रोग


दोनों बीमारियां मुख्य रूप से लंग्स को प्रभावित करती हैं. किम्स हॉस्पिटल्स के डॉक्टर मोहम्मद नवाज ने आईएएनस को बताया, "भारत घनी आबादी वाला देश है, लोगों के बीच शारीरिक निकटता खास संक्रामक बीमारियों जैसे खतरनाक ट्यूबरक्लोसिस के फैलाव को बढ़ाती हैं." उनका कहना है कि कोरोना वायरस की शुरुआत से महामारी को रोकने के लिए मास्क पहनने, शारीरिक दूरी बनाने के आह्वान का सख्ती से भारत में पालन किया गया. इससे वायरस को फैलने से रोकने में बड़ी हद तक मदद मिली.


टीबी को रोकने में कोविड-19 के उपायों पर जोर


इसके सकारात्मक नतीजों से पता चलता है कि भारत अनुशासित राष्ट्र है. लिहाजा टीबी के फैलाव को रोकने में भी अच्छी आदतों के पालन करने के लिए नागरिकों का हौसला बढ़ाया जा सकता है. ग्लेनेगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल्स के डॉक्टर तपस्वी कृष्णा पी ने कहते हैं, "भारत समान रणनीतियों को सफलतापूर्वक टीबी की बीमारी के खिलाफ लागू कर सकता है जो उसने कोविड-19 के खिलाफ अपनाया था." कोविड-19 की तरह टीबी के संक्रमण को शारीरिक दूरी और सार्जविक जगहों पर संक्रमित शख्स के मास्क पहनने को सुनिश्चित बनाकर रोका जा सकता है. उनकी सलाह है कि पारिवारिक सदस्य और टीबी मरीजों के संपर्क में आने वाले लोगों को चाहिए कि फेस मास्क का इस्तेमाल करें.


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