महिलाएं सभी लोगों की जिम्मेदारी उठाने में इतनी मशरूफ हो जाती है कि वह खुद का ध्यान रखना भूल ही जाती है. 35 की उम्र के बाद अक्सर महिलाओं का बढ़ता वजन जोड़ो और कमर में दर्द, थायराइड डायबिटीज जैसी समस्याएं होने लगती हैं. लेकिन आप यह नहीं जानती हैं कि आप अपने परिवार की हेल्थ का ध्यान रखने के साथ साथ अपने आपको भी को भी फिट रख सकती हैं. कुछ ऐसे योग जिनको आप अपने रोजमर्रा की जिंदगी में अपना कर अपने आप को फिट और हेल्दी रख सकती हैं. चलिए जानते हैं कैसे.


चक्रासन - चक्रासन करने के लिए अपनी पीठ के बल लेट जाएं. अपने पैरों को मोड़े अपने पैरों को फर्श पर मजबूती से रख ले. अब अपनी हथेलियों को उल्टा करें और उन्हें अपने कानों के पास या कंधों के नीचे रख लें. आपकी उंगलियां आगे की ओर होनी चाहिए. जैसे आप सांस लेंगी अपनी हथेलियों और पैरों को सहारे के लिए जमीन पर दबाए. अपनी बांहों और पैरों को सीधा करके अपनी पेल्विक को ऊपर की ओर उठाएं.  शुरुआत में आप अपने सिर के शीर्ष को नीचे रख सकती है. धीरे-धीरे अपने पूरे शरीर को आर्च  बनाने के लिए ऊपर की ओर उठाएं. सिर को धीरे से पीछे की ओर रखकर अपनी गर्दन को आराम दें और फिर अपना वजन अपने अंगों के बीच समान रूप से वितरित रखें.


फायदे - चक्रासन की मदद से आपके चेस्ट का विस्तार होता है और फेफड़ों को अधिक ऑक्सीजन मिलती है. यह मुद्रा अस्थमा के रोगियों के लिए बहुत अच्छी होती है. यह शरीर से तनाव को भी कम करती है. आंखों के तेज को बढ़ाती है. यह आसन पीठ को मजबूत करने में भी आपकी काफी मदद करता है. इसके साथ-साथ पेट के हिस्से और डाइजेशन और रिप्रोडक्टिव अंगों को ट्यून भी करता है. आपको बता दें कि यह आसन हाथों और पैरों की मसल्स को मजबूत बनाता है और साथ ही शरीर के मेटाबॉलिज्म लेवल को भी बनाए रखता है.


हलासन- हलासन एक ऐसा आसन होता है. इसमें आपके शरीर की मुद्रा हल एक कृषि उपकरण की तरह दिखाई देती है. इस आसन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर मैट बिठाकर कमर के बल सीधा लेट जाएं. फिर दोनों हाथों को था. इसके पास जमीन पर रखें. सांस लेते हुए धीरे-धीरे दोनों पैरों को सीधा ऊपर की ओर उठाएं. हाथों को नीचे की ओर दबाएं और कमर को मोड़ते हुए पैरों को सिर के पीछे हाल की तरह लगा ले. फिर अब बिना सिर को उठाएं. दो से 3 मिनट बाद धीरे-धीरे नॉर्मल पोजीशन में वापस आ जाएँ.


फायदे -हलासन पीठ की मसल्स और रीड की हड्डी की ताकत में सुधार लाता है. यह स्पाइनल नर्व्स पर दबाव बनाकर रीड की नसों के कामकाज में सुधार भी करता है. हलासन ब्लड सरकुलेशन को बढ़ाता है. मनुष्य को प्रणाली को सक्रिय गर्म और हल्का भी करता है. इसके साथ-साथ ये अस्थमा के लिए भी उपयोगी होता है. लचीलापन बढ़ाने के लिए आपको इस आसन को कर सकते हैं. रीड की हड्डी को मजबूत और लचीला बनाता है. पाचन तंत्र में सुधार करता है.


अंजनेयासन- इस आसन को करने के लिए सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं. अपने बाएं पैर को पीछे की तरफ ले जाए और फिर दाहिने पैर के तलवे को जमीन पर रखें. दोनों हाथों को सिर के ऊपर से ले जाकर आपस में जोड़ लीजिए. धीरे-धीरे पीछे की तरफ झुकने की कोशिश करें और फिर इस दौरान अपने हाथों को जितना संभव हो सके, पीछे की तरफ ले जाए. कुछ देर इसी पोजीशन में रहे और फिर वापस पुरानी पोजीशन में आ जाए.


फायदे- अंजनेयासन के बहुत सारे फायदे होते हैं. यह थायराइड ग्रंथियों के कार्य को सक्रिय करती है. अंजनेयासन दिल को खोल देने वाली योग मुद्रा  है. अगर आपके निचला हिस्सा लचीला नहीं है तो उसको लचीला बनाने में आपकी मदद करती है. साथ ही साथ यह साइटिका में भी बेहद फायदेमंद करार होती है. पीठ के लिए भी इस  मुद्रा को  अपनाना काफी फायदेमंद रहता है.


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