Yoga For Pollution: वायु प्रदूषण से बचने के लिए करें ये 4 योगासन, नहीं होगी सांस से जुड़ी कोई परेशानी
Yoga For Lungs: दिवाली के पास आते ही दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग छाने लगता है. बढ़ता प्रदूषण लोगों की जान का मुसीबत बना हुआ है. अगर आप प्रदूषण के दुष्प्रभाव से बचना चाहते हैं तो रोज ये योगासन करें.
Breathing Yoga And Exercises: दिल्ली और उसके आप-पास के इलाकों में बढ़ता प्रदूषण मुसीबत बनता जा रहा है. हर साल दिवाली के आसपास ये प्रदूषण खतरनाक लेवल पर पहुंच जाता है. जहरीली हवा में सांस लेना मुश्किल हो जाता है. वायु प्रदूषण की वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. गले में दर्द, खांसी की समस्या, आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ होने लगती है.
ऐसे में लोग प्रदूषण से बचने के लिए कई तरह के उपाय करते हैं. लोग घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने लगे हैं. हालांकि एयर प्यूरीफायर काफी महंगे होते हैं जिसे हर कोई नहीं खरीद सकता. आज हम आपको वायु प्रदूषण से बचने के लिए कुछ योगासन बता रहे हैं जिससे आप सांस संबंधी समस्याओं को बढ़ने से रोक सकते हैं. योग से नाड़ी शुद्ध हो जाती है और शरीर में जमा खराब चाजें बहार आने लगती हैं. योग और प्राणायाम के जरिए आप वायु प्रदूषण से बच सकते हैं.
वायु प्रदूषण से बचने के लिए योग और प्राणायाम
अनुलोम-विलोम- वायु प्रदूषण से बचने के लिए आप नियमित रूप से योग करें. अनुलोम विलोम करने से सांस संबंधी समस्याओं को कम किया जा सकता है. रोजाना 5-7 मिनट अनुलोम-विलोम करने से फेफड़े मजबूत बनते हैं. इससे नाड़ी शुद्ध होती है. अनुलोम विलोम करने के लिए नाक के दाएं छिद्र से सांस भरें और बाएं छिद्र से बाहर निकाल दें. इसी तरह फिर नाक के बाएं छिद्र से सांस लें और दाएं छिद्र से सांस निकाल दें. इससे बहुत फायदा मिलेगा.
कपालभाति- वायु प्रदूषण से शरीर को बचाने के लिए रोजाना कपालभाति करें. इसके लिए पालथी मारकर सीधे बैठ जाएं और पेट के निचले हिस्से को अंदर की तरफ खींचे और नाक से तेजी से सांस छोड़ें. आपको ऐसा तब तक करना है जब तक थकान न लगने लगे. इससे शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ती है. कपालभाति करने से मन शांत होता है. इससे सांस धीमी और शरीर स्थिर होने लगता है. ब्लड प्यूरीफाई करने के लिए भी कपालभाति अच्छा प्राणायाम है.
भस्त्रिका- फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए भस्त्रिका प्राणायाम फायदेमंद है. इसे करने से पेट की चर्बी कम होती है. भस्त्रिका आपको तेजी से करना होता है. इससे भूख बढ़ती है और नाड़ी प्रवाह को शुद्ध बनाने में मदद मिलती है. भस्त्रिका करने से श्वास की समस्याएं दूर हो जाती हैं. वायु प्रदूषण के असर को कम करने के लिए आपको रोजाना थोड़ी देर भस्त्रिका प्राणायाम करना चाहिए.
वाह्य- फेफड़ों को स्वस्थ रखने और वायु प्रदूषण के असर को कम करने के लिए वाह्य प्राणायाम फायदेमंद है. इसे करने के लिए बैठ जाएं और गहरी सांस लें. अब सांस को रोकते हुए 3 बार में छोड़ें. हवा को निकालने के लिए पेट और डायाफ्राम का इस्तेमाल करें. हां ध्यान रखें कि सांस छोड़ते वक्त आप किसी भी असहज स्थिति में न रहें. अपनी चिन को सीने से छुएं और पेट को पूरी तरह से अंदर करके थोड़ा ऊपर की ओर खींच लें. मुख्य रूप से इसमें फेफड़ों में अच्छी तरह हवा भरनी है और फिर इसे 3 बार में छोड़ना है. इससे वायु प्रदूषण के असर को कम किया जा सकता है.
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