LIVE UPDATES: पीएम मोदी ने देश को सौंपी 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी', कहा- ये मूर्ति नये भारत की अभिव्यक्ति है
Statue of Unity: सरदार पटेल कि यह प्रतिमा मौजूदा समय में विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा चीन के स्प्रिंग टेम्पल ऑफ बुद्ध से भी 29 मीटर ऊंची है. चीन की प्रतिमा की ऊंचाई 153 मीटर है.
ABP News Bureau
Last Updated:
15 Nov 2018 10:26 AM
सरदार पटेल की प्रतिमा पर पूजा आरधना के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रतिमा के ठीक नीचे बने म्यूजियम में गए. इसके बाद म्यूजियम के अंदर बनी लिफ्ट से प्रधानमंत्री सरदार पटेल की मूर्ति के सीने में बनी दर्श दीर्घा पर गए और वहां से पूरा नजारा देखा.
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर तीस नदियों का जल से अभिषेक किया. इस दौरान 30 ब्रहाम्णों ने मंत्रोच्चार किया. प्रधानमंत्री ने पूरे विधि विधान ने सरकार पटेल की प्रतिमा के नीचे खड़े होकर पूजा अर्चना की. इसके बाद प्रधानमंत्री हाथ हिलाकर आस पास खड़े लोगों का अभिवादन भी किया. इसके बाद भारतीय ध्वज तिरंगे के रंग गुब्बारे भी उड़ाए गए.
प्रधानमंत्री ने वॉल ऑफ यूनिटी का का उद्घाटन किया. इसके बाद वायुसेना के हेलीकॉप्टरों ने सरदार पटेल की प्रतिमा के ऊपर फूलों की वर्षा की. वॉल ऑफ यूनिटी के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री मोदी सीधे प्रधानमंत्री मोदी सरदार की प्रतिमा के पास जा रहे हैं. प्रधानमंत्री सरदार पटेल की प्रतिमा में लगी लिफ्ट के जरिए ऊपर तक जाएंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने स्चैच्यु ऑफ यूनिटी के शिल्पकार पद्मभूषण राम सुतार का अभिवादन किया. इस कार्यक्रम के बाद प्रधानमंत्री 'वॉल ऑफ यूनिटी' के उद्घाटन के लिए गए. प्रधानमंत्री के भाषण के बाद बीजेपी सांसद परेश रावल ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''इस काम के पीछे कोई सियासत नहीं है, इससे लोगों को सरदार साहब के काम के बारे में पता चलेगा.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''सरदार साहब कहते थे कि हर भारतीय को भूलना होगा कि वो किस वर्ग या जाति है. उसे सिर्फ एक बात याद रखनी होगी कि वो एक भारतीय है. इस देश से हमें जितनी अपेक्षाएं हैं, उतने ही कर्तव्य भी हैं. पूरा देश इस अवसर से आज इस अवसर से जुड़े हैं, आज एकता का तीर्थ तैयार हुआ है. यहां से हम एक भारत, श्रेष्ठ भारत का सपना लेकर चलें.'' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण के आखिर में एक बार फिर 'सरदार पटेल अमर रहें' और 'देश की एकता जिंदाबाद' के नारे लगवाए.
प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैं हैरान रह जाता हूं जब देश में ही कुछ लोग राजनीति के चश्मे से देखते हैं. देश के सपूतों के सम्मान के लिए हमारी आलोचना की जाती है. ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे मैंने कोई अपराध कर दिया हो. क्या देश के महापुरुषों का स्मरण करना अपराध है ?''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''31 अक्टूबर 2010 को मैंने इसका विचार सबके सामने रखा था. उस वक्त मेरे मन में एक ही भावना थी कि जिस महापुरुष ने देश को एक करने का काम किया है उसका ऐसा सम्मान जरूर होना चाहिए, जिसके वो हकदार हैं. इस प्रतिमा से हजारों आदिवासियों को रोजगार भी मिलने वाला है. सरदार साहब के दर्शन करने वाले पर्यटक सरदार सरोवर बांध और सतपुड़ा के दर्शन भी कर पाएंगे. गुजरात सरकार आसपास के क्षेत्रों को टूरिस्ट स्पॉट के रूप में विकसित कर रहे हैं. मेरा मानना है कि यहां एक ऐसी एकता नर्सरी बने जहां से पर्यटक एकता पौधा ले जाएं और एकता के वृक्ष के साथ जीवन बिताएं.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''बीते करीब साढ़े तीन साल में 2500 कारगारों ने मिशन मोड पर काम किया. 90 की आयु पार कर चुके शिल्पकार राम सुतार के नेतृत्व में कई शिल्पकारों ने इस प्रतिमा का कार्य पूरा किया. ये भारत भक्ति का प्रमाण है कि ये काम इतनी जल्दी हो गया. इस महान काम से जुड़े हर कामगार, इंजीनियर, शिल्पकार का मैं आदरपूर्वक अभिनंदन करता हूं. आप सभी का नाम भी सरदार पटेल के साथ इतिहास का हिस्सा हो गया.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''सरदार साहब के चलते ही आज मौलिक अधिकार हमारे लोकतंत्र का प्रभावी हिस्सा है. ये प्रमिता सरदार पटेल के उसी प्रण, प्रतिभा, पुरुषार्थ और पर्मार्थ का जीता जागता प्रमाम है. यह प्रतिमा उनके साहस और समर्पण का सम्मान तो है ही साथ ही नए भारत के आत्म विश्वास की प्रति भी है. ये प्रतिमा उन किसान के स्वाभिमान प्रतीक है जिनके खेत की मिट्टी और औजार इस प्रतिमा की नींव बनी है. इस प्रतिमा की ऊंचाई भारत के युवाओं को ये याद दिलाने के लिए है कि भविष्य का भारत आपकी आक्षाओं का है जो इतनी ही विराट हैं. इन आकांक्षाओं को पूरा करने का सिर्फ एक ही मंत्र है....एक भारत, श्रेष्ठ भारत''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज कच्छ से लेकर कटक तक और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हम बेरोकटोक जा पा रहे हैं तो इसके पीछे सरदार साहब का प्रयास है. कल्पना कीजिए कि अगर सरदार साहब ने ये प्रयास ना किया तो शायद गिर के शेर, सोमनाथ का मंदिर और हैदराबाद की चार मीनार देखने के लिए वीजा लेना पड़ता. 21 अप्रैल 1947 को आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से सरदार पटेल ने कहा था- अब तक जो इंडियन सिविल सर्विस में ना तो कोई इंडियन था, ना कोई सिविल था और ही कोई सर्विस थी. उन्होंने युवाओं से आवाहन किया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा को मजबूत बनाना है. सरदार पटेल के समय में भारतीय प्रशासनिक सेवा की तुलना स्टील फ्रेम से की गई.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज कच्छ से लेकर कटक तक और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हम बेरोकटोक जा पा रहे हैं तो इसके पीछे सरदार साहब का प्रयास है. कल्पना कीजिए कि अगर सरदार साहब ने ये प्रयास ना किया तो शायद गिर के शेर, सोमनाथ का मंदिर और हैदराबाद की चार मीनार देखने के लिए वीजा लेना पड़ता. 21 अप्रैल 1947 को आईएएस और आईपीएस अधिकारियों से सरदार पटेल ने कहा था- अब तक जो इंडियन सिविल सर्विस में ना तो कोई इंडियन था, ना कोई सिविल था और ही कोई सर्विस थी. उन्होंने युवाओं से आवाहन किया कि भारतीय प्रशासनिक सेवा को मजबूत बनाना है. सरदार पटेल के समय में भारतीय प्रशासनिक सेवा की तुलना स्टील फ्रेम से की गई.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''मेरा सपना है कि सरदार साहब के देश को एक करने के प्रयासों का एक वर्चुअल म्यूजियम तैयार किया जाए. जिस कमजोरी पर दुनिया हमें ताने दे रही थी, उसी को ताकत बनाकर सरदार ने देश को एक बनाया. भारत आज दुनिया से अपनी शर्तों पर संवाद कर रहा है. हिंदुस्तान आज दुनिया की बड़ी आर्थिक, सामरिक शक्ति बनने की ओर अग्रसर है. इसके पीछे सरकार साहब का बहुत बड़ा रोल था.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''सरदार साहब का सामर्थ तब भारत के काम आया था जब मां भारती 550 से ज्यादा रियासतों में बंटी पड़ी थी. दुनिया में भारत के भविष्य के प्रति घोर निराशा थी. उस जमाने निराशावादियों को लगता था कि भारत अपनी विविधिताओं की वजह से बिखर जाएगा. उस दौरान सिर्फ उम्मीद की किरण थी...सरदार बल्लभ भाई पटेल. सरदार पटले में कौटिल्य की कूटनीति और शिवाजी महाराज के शौर्य का समावेश था. उन्होंने 5 जुलाई 1947 को रियासतों को संबोधित करते हुए कहा था- विदेशी आक्रांताओं के सामने हमारे आपसी जगड़े, बैर का भाव हमारी हार की बड़ी वजह थी. अब हमें इस गलती को नहीं दोहराना है. ना ही दोबारा किसी का गुलाम होना है. इसी बात को समझते हुए राजारवाड़ाओं ने अपने राज्यों का विलय कर दिया. सरदार साहब के आवाहन पर राजवाड़ों ने त्याग की मिशाल पेश की थी.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''मुझे आज वो दिन याद आ रहे हैं जब देश भव के गांव से मिट्टी मागी गई थी और खेती में काम किए गए पुराने औजारों को इकट्ठा करने का काम चल रहा था. तब किसानों ने इस काम को एक आंदोलन बना दिया. मुझे याद है कि जब ये विचार सामने रखा था तब बहुत शंकाएं थीं. उस दौरान मैंने ये भी सोचा कि कोई ऐसी चट्टान मिल जाए जिससे सरदार की प्रतिमा को उकेरा जा सके. इसके बाद आज जो देख रहे हैं उस विचार ने जन्म लिया. दुनिया की ये सबसे ऊंची प्रतिमा पूरी दुनिया को और भविष्य के युवाओं को उस व्यक्ति की याद दिलाती रहेगी.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''मैं जिस मिट्टी में पला बढ़ा, जिन के बीच में संस्कार पाए और जैसे मां अपने बेटे की पीठ पर हाथ रखती है तो बेटे की ताकत, उत्साह हजारों गुना बढ़ जाता है. आज आपके सम्मान पत्रमें उसी ऊर्जा का अनुभव कर रहा हूं. आज मुझे लोहा अभियान के तहत मिला पहला लोहे का टुकड़ा और दौरान फहरायी गई ध्वजा के भी सौंपी गई. मैं इसे यहीं छोड़ कर जाऊंगा जिससे इसे म्यूजियम में रखा जाए.''
प्रधानमंत्री ने कहा, ''किसी भी देश के इतिहास में ऐसे अवसर आते हैं जो पूर्णता का एहसास कराते हैं. ऐसे अवसर को मिटा पाना मुमकिन नहीं होता है. आज का दिन भी ऐसा ही एक क्षण है. आज जब धरती से लेकर आसमान तक सरदार साहब का अभिषेक हो रहा है तब भारत ने ना सिर्फ अपने लिए एक इतिहास लिखा है बल्कि भविष्य के लिए गननचुंबी प्रेरणा बनाने का भी काम किया है. मुझे इस बात का एहसास नहीं था कि एक दिन प्रधानमंत्री के तौर पर मुझे ही ये काम करने का मौका मिलेगा, इसके लिए मैं खुद को धन्य मानता हूं.''
सरदार पटेल की प्रतिमा के अनावरण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण से पहले 'सरदार पटेल अमर रहें' और 'देश की एकता जिंदाबाद' के नारे भी लगवाए. इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज पूरा देश सरदार बल्लभभाई पटेल की याद में राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है. इस मौके पर देश के कोने कोने में नौजवान 'रन फ़ॉर यूनिटी के लिए दौड़ लगा रहे हैं. भारत भक्ति की इसी भावना के बल पर हमारी सभ्यता फल फूल रही है.''
सरदार पटेल की प्रतिमा के अनावरण के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण से पहले 'सरदार पटेल अमर रहें' और 'देश की एकता जिंदाबाद' के नारे भी लगवाए. इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा, ''आज पूरा देश सरदार बल्लभभाई पटेल की याद में राष्ट्रीय एकता दिवस मना रहा है. इस मौके पर देश के कोने कोने में नौजवान 'रन फ़ॉर यूनिटी के लिए दौड़ लगा रहे हैं. भारत भक्ति की इसी भावना के बल पर हमारी सभ्यता फल फूल रही है.''
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण किया. इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को देश को समर्पित कर दिया. इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी, डिप्टी सीएम नितिन पटेल, राज्यपाल ओपी कोहली, पूर्व सीएम आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार पटेल की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का अनावरण किया. इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को देश को समर्पित कर दिया. इस दौरान प्रधानमंत्री के साथ बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के सीएम विजय रूपाणी, डिप्टी सीएम नितिन पटेल, राज्यपाल ओपी कोहली, पूर्व सीएम आनंदी बेन पटेल भी मौजूद रहीं.
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास सांस्कृतिक कार्यक्रमों का दौर भी जारी है. इसके साथ ही पहले दिन ही प्रतिमा को देखने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं. सरदार पटेल की इस प्रतिमा का काम साल 2014 में शुरू हुआ था. 2500 मजदूरों ने दिन रात काम करके इस मूर्ति को तैयार किया है.
सरदार पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति बनाने वाले मूर्ति राम सुतार ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''मूर्ति बनाने में जो भी मेहनत लगी वो आज सफल हो गई. मेरी बचपन से इच्छा थी बड़े से बड़ा काम करूं मेरी ये इच्छा आज पूरी हो गई.'' राम सुतार ही मुंबई में शिवा जी प्रतिमा बना रहे हैं. साल 2016 में राम सुतार को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.
सरदार पटेल की सबसे बड़ी मूर्ति बनाने वाले मूर्ति राम सुतार ने एबीपी न्यूज़ से कहा, ''मूर्ति बनाने में जो भी मेहनत लगी वो आज सफल हो गई. मेरी बचपन से इच्छा थी बड़े से बड़ा काम करूं मेरी ये इच्छा आज पूरी हो गई.'' राम सुतार ही मुंबई में शिवा जी प्रतिमा बना रहे हैं. साल 2016 में राम सुतार को पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था.
'प्रधानमंत्री का स्वागत नहीं करेंगे'- आदिवासी नेताओं ने मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के पास स्थित 22 गांवों के सरपंचों ने कहा है कि जब प्रधानमंत्री समारोह के लिए पहुंचेंगे तो ग्रामीण उनका स्वागत नहीं करेंगे. पत्र में अहमदाबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित नर्मदा जिले के गांवों के सरपंचों के दस्तखत हैं. पत्र में लिखा है, ‘‘हम गांववासी आपको अत्यंत दुख के साथ बताना चाहते हैं कि हम 31 अक्टूबर को आपका स्वागत नहीं करेंगे. आप यहां बिन बुलाए मेहमान की तरह आएं तो भी आपका यहां स्वागत नहीं है.’’ उन्होंने आरोप लगाया है कि इलाके में अब भी स्कूलों, अस्पतालों और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास बनी टेंट सिटी का उद्घाटन किया. इस टेंट सिटी में सभी सुविधाओं से युक्त 250 तंबू हैं. इनमें 500 पर्यटक ठहर सकते हैं. एक नवंबर से इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा. यहां से पर्यटक नर्मदा बांध, सरदार पटेल की प्रतिमा और आस पास के खूबसूरत नजारे देख सकते हैं.
क्यों खास है स्टैच्यू ऑफ यूनिटी: 182 मीटर ऊंची यह दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा है. यह गुजरात के नर्मदा जिला के केवड़िया में स्थापित की गई. पूरे प्रोजेक्ट पर 2989 करोड़ का खर्च आया है. पीएम मोदी ने प्रतिमा के लिए 'लोहा दान' कैंपेन चलाया था. 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' को बनाने में 5,700 मीट्रिक टन स्ट्रक्चरल स्टील का इस्तेमाल हुआ. प्रतिमा को बनाने के लिए 2 करोड़ 25 लाख किलोग्राम सीमेंट का इस्तेमाल किया गया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के केवाड़िया पहुंच चुके हैं. तय कार्यक्रम के मुताबिक प्रधानमंत्री सबसे सरदार पटेल की प्रतिमा के पास मौजूद वैली ऑफ फ्लॉवर्स यानी फूलों की घाटी देखने पहुंचे. प्रधानमंत्री यहां करीब 15 मिनट का वक्त गुजारेंगे. प्रधानमंत्री इसके बाद टेंट सिटी के दौरे के लिए जाएंगे. मुख्य कार्यक्रम करीब 10 बजे से शुरू होगा और 12 बजे तक चलेगा.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू, गृह मंत्री राजनाथ सिंह और कई अन्य गणमान्य लोगों ने बुधवार को सरदार वल्लभ भाई पटेल को उनकी जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की. राष्ट्रीय राजधानी के पटेल चौक पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति और अन्य लोगों ने देश के प्रथम गृह मंत्री को उनकी 143 वीं जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की. सरदार पटेल की जयंती ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के तौर पर मनाई जाती है. इस अवसर पर शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी, दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल और अन्य लोग उपस्थित थे.
प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम: पीएम मोदी सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण करने गुजरात पहुंच चुके हैं. सुबह करीब 8 बजकर 50 मिनट पर पीएम केवडिया पहुंचेगे. सुबह 9 बजकर 5 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक वैली ऑफ फ्लॉवर्स का दौरा करेंगे. सुबह साढ़े नौ बजे से 9 बजकर 50 मिनट तक टेंट सिटी का दौरा करेंगे. सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित कार्यक्रम में पीएम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित करेंगे.
पीएम मोदी जब 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का उद्धघाटन करेंगे तो वायु सेना के तीन विमान ऊपर उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद तथा हरे रंग से आसमान में तिरंगे की छवि बनाएंगे. पटेल की प्रतिमा के पास मोदी 'वॉल ऑफ यूनिटी' का भी उद्घाटन करेंगे. उस समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे. वहीं स्टैच्यू के नीचे एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है, जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी जाएंगी. सरकार सरदार पटेल की प्रतिमा को पर्यटन से भी जोड़ रही है.
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धांजलि दी. अमित शाह ने ट्वीट किया, ''
राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार पटेल हर भारतवासी के दिल में बसते हैं, आज उनकी जयंती के अवसर पर करोड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से उनके चरणों में कोटि-कोटि वंदन व समस्त देशवासियों को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं.'' शाह ने आगे लिखा, '' सैकड़ों रियासतों में बंटे भारत को एक अखंड राष्ट्र का रूप देना लौह-पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के अथक प्रयासों का ही परिणाम है. भारत की एकता एवं अखंडता के अग्रदूत सरदार पटेल यदि न होते तो देश का स्वरूप कैसा होता, इसकी हम कल्पना ही नहीं कर सकते.''
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने सरदार पटेल की जयंती पर श्रद्धांजलि दी. अमित शाह ने ट्वीट किया, ''
राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार पटेल हर भारतवासी के दिल में बसते हैं, आज उनकी जयंती के अवसर पर करोड़ों भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से उनके चरणों में कोटि-कोटि वंदन व समस्त देशवासियों को 'राष्ट्रीय एकता दिवस' की हार्दिक शुभकामनाएं.'' शाह ने आगे लिखा, '' सैकड़ों रियासतों में बंटे भारत को एक अखंड राष्ट्र का रूप देना लौह-पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी के अथक प्रयासों का ही परिणाम है. भारत की एकता एवं अखंडता के अग्रदूत सरदार पटेल यदि न होते तो देश का स्वरूप कैसा होता, इसकी हम कल्पना ही नहीं कर सकते.''
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर दिल्ली में 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई. पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी और अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित जफर इकबाल, पांच बार वल्र्ड बॉक्सिंग चैम्पियन मैरी कॉम, जिमनास्टिक और ओलम्पिक मेडेलिस्ट दीपा करमाकर भी मौजूद रहे. राजनाथ ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर मेजर ध्यान चंद स्टेडियम से इस दौड़ को हरी झंडी दिखाई. इस एक किलोमीटर तक की दौड़ में सात से 70 साल की उम्र के बीच के हजारों ने हिस्सा लिया. यह दौड़ इंडिया गेट के अमर जवान ज्योति पर समाप्त होगी. यह दिन एकता, अखंडता और सुरक्षा को समर्पित है. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, हरदीप सिंह पुरी और आर.के.सिंह भी मौजूद रहे.
प्रधानमंत्री मोदी गांधी नगर से सीधे केवड़िया रवाना हुए.
प्रधानमंत्री मोदी 30 नदियों के जल से सरदार पटेल की प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक करेंगे. इस दौरान तीस ब्राह्मण मंत्रोच्चार करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी 30 नदियों के जल से सरदार पटेल की प्रतिमा के पास स्थित शिवलिंग का अभिषेक करेंगे. इस दौरान तीस ब्राह्मण मंत्रोच्चार करेंगे.
दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 'स्टेच्यू ऑफ यूनिटी' के अनावरण से पहले प्रपधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी. पीएम ने सरदार पटेल पर ब्लॉग भी लिखा.
बैकग्राउंड
Statue of Unity Inauguration live
LIVE UPDATES: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देश के पहले गृहमंत्री और लौहपुरुष सरदार पटेल की प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' देश को समर्पित करेंगे. दुनिया की सबसे उंची यह प्रतिमा गुजरात के नर्मदा जिले में सरदार सरोवर बांध पर बनी है. 182 मीटर उंची पटेल की प्रतिमा को तैयार होने में पांच साल का वक्त लगा है.
'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' की आधारशिला तब गुजरात के सीएम रहे नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर 2013 को रखी थी और इस प्रतिमा के लिए देशभर से लोहा इकट्ठा करने का अभियान भी चलाया गया था. सरदार पटेल की प्रतिमा पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में से एक है जिसके बहाने वो कई मौकों पर कांग्रेस पर सरदार की उपेक्षा करने का आरोप लगा चुके हैं.
'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के लोकार्पण की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. स्टेज के सेट को हेवेन ऑफ द वर्ल्ड की थीम से सजाया गया है, मूर्ति के लिए देश भर से जमा की गई मिट्टी और जल भरे कलश को भी रखा गया है. स्टैच्यू के नीचे एक म्यूजियम भी तैयार किया गया है, जहां पर सरदार पटेल की स्मृति से जुड़ी कई चीजें रखी जाएंगी. सरकार सरदार पटेल की प्रतिमा को पर्यटन से भी जोड़ रही है.
प्रधानमंत्री मोदी का कार्यक्रम पीएम मोदी सरदार पटेल की प्रतिमा का अनावरण करने गुजरात पहुंच चुके हैं. सुबह करीब 8 बजकर 50 मिनट पर पीएम केवडिया पहुंचेगे. सुबह 9 बजकर 5 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक वैली ऑफ फ्लॉवर्स का दौरा करेंगे. सुबह साढ़े नौ बजे से 9 बजकर 50 मिनट तक टेंट सिटी का दौरा करेंगे. सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक आयोजित कार्यक्रम में पीएम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को देश को समर्पित करेंगे.
'वॉल ऑफ यूनिटी' का भी होगा उद्घाटन प्रतिमा के अनावरण के बाद वायु सेना के तीन विमान वहां उड़ान भरेंगे और भगवा, सफेद और हरे रंग से आसमान में तिरंगा उकेरेंगे. पटेल की प्रतिमा के पास पीएम मोदी ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का भी उद्घाटन करेंगे. उसी समय तीन जगुआर लड़ाकू विमान काफी नीचे से उड़ान भरते हुए जाएंगे.
प्रतिमा पर हेलिकॉप्टर से की जाएगी फूलों की बारिश ‘वॉल ऑफ यूनिटी’ का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी, सरदार पटेल की मूर्ति को पुष्पांजलि अर्पित करेंगे. इसी दौरान दो एमआई-17 हेलीकॉप्टर प्रतिमा पर फूलों की वर्षा करेंगे. कल यानि 31 अक्टूबर को सरदार पटेल की जयंती भी है.
सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी होगा आयोजन सरदार पटेल जयंती के इस अवसर पर गुजरात पुलिस, सशस्त्र और अर्द्धसैनिक बलों के बैंड सांस्कृतिक और संगीत कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे. कार्यक्रम में 29 राज्यों और दो केंद्रशासित प्रदेशों के कलाकार भी नृत्य और संगीत की प्रस्तुति देंगे.
सरदार पटेल के म्यूजियम का भी होगा लोकार्पण इस अवसर पर कई आकर्षण होंगे, जिनमें 17 किलोमीटर लंबी फूलों की घाटी का उद्घाटन, प्रतिमा के पास पर्यटकों के लिए तंबुओं के शहर और सरदार पटेल के जीवन पर आधारित संग्रहालय का लोकार्पण भी शामिल है. प्रतिमा के अंदर 135 मीटर की ऊंचाई पर एक दर्शक दीर्घा बनाई गयी है, जिससे पर्यटक बांध और पास की पर्वत श्रृंखला का दीदार कर सकेंगे.
आदिवासियों ने किया है प्रतिमा का विरोध नर्मदा जिले के कुछ आदिवासी समूहों ने सरदार पटेल की इस प्रतिमा निर्माण का विरोध किया था. इसी बीच स्थानीय आदिवासी नेताओं ने बुधवार के आयोजन का बहिष्कार करने की घोषणा की है. उन्होंने दावा किया है कि इस परियोजना से प्राकृतिक संसाधनों को बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचेगा.
'प्रधानमंत्री का स्वागत नहीं करेंगे' आदिवासी नेताओं ने मोदी को एक पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बांध के पास स्थित 22 गांवों के सरपंचों ने कहा है कि जब प्रधानमंत्री समारोह के लिए पहुंचेंगे तो ग्रामीण उनका स्वागत नहीं करेंगे. पत्र में अहमदाबाद से करीब 200 किलोमीटर दूर स्थित नर्मदा जिले के गांवों के सरपंचों के दस्तखत हैं.
पत्र में लिखा है, ‘‘हम गांववासी आपको अत्यंत दुख के साथ बताना चाहते हैं कि हम 31 अक्टूबर को आपका स्वागत नहीं करेंगे. आप यहां बिन बुलाए मेहमान की तरह आएं तो भी आपका यहां स्वागत नहीं है.’’ उन्होंने आरोप लगाया है कि इलाके में अब भी स्कूलों, अस्पतालों और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है.