Bihar Shikhar Sammelan: RSS के विचारों से सहमत नहीं हूं-नीतीश कुमार

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर देश का माहौल सियासी हो चुका है. सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी हो या फिर क्षेत्रीय दल हो, जनता को अपनी तरफ खींचने की कवायद शुरू कर दी है. ऐसे में 40 लोकसभा सीटों वाला बिहार 2019 में अहम भूमिका निभाने जा रहा है. जहां एक तरफ नीतीश कुमार के आने से बिहार में एनडीए के हौसले बुलंद हैं वहीं तेजस्वी यादव महागठबंधन के साथ जीत के दावे कर रहे हैं.

ABP News Bureau Last Updated: 15 Jan 2019 10:00 PM
नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर हमारे साथ 2015 में काम कर चुके हैं और एक बार फिर वो हमारे साथ आ गए हैं. प्रशांत किशोर ने काम किया है और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के कहने पर प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल किया. दो बार अमित शाह ने कहा कि प्रशांत किशोर को पार्टी में शामिल किया जाए और वो वैसे भी व्यक्तिगत तौर पर प्रशांत किशोर से बहुत स्नेह रखते हैं. प्रशांत किशोर के आने के बाद उनको युवाओं को राजनीति में लाने के लिए प्रेरित करने का काम सौंपा है.
संसद में राहुल गांधी के आंख मारने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले लगने पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी इस तरह की बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है. राहुल गांधी को राफेल पर बोलने का अधिकार है और वो लगातार बोल रही है. राफेल पर कोर्ट फैसला दे चुका है और संसद में बहस हो गई है तो इसकी चर्चा अब बंद होनी चाहिए. हालांकि उन्होंने कहा कि वो किसी को क्लीन चिट देने का अधिकार नहीं रखते हैं.
संसद में राहुल गांधी के आंख मारने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गले लगने पर उनकी क्या प्रतिक्रिया है इस पर नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी इस तरह की बातों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं है.
नीतीश कुमार ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण देना गलत नहीं है और इसके लिए सरकार के सामने मांग रही होगी. ये अतिरिक्त व्यवस्था लागू की जा रही है नई आरक्षण व्यवस्था से किसी को कोई नुकसान नहीं होगा. इस आरक्षण से गरीब सवर्णों को फायदा होगा. इसका लोकसभा में बीजेपी को नुकसान नहीं होगा बल्कि फायदा ही होगा.
नीतीश कुमार ने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान बिहार में सड़क नहीं बनी. एनडीए के शासनकाल में बिहार को भारत सरकार का सहयोग मिला और राज्य के विकास में मदद मिली.
बिहार के लोग मेहनत के बल पर खाते हैं और आज बिहार में भी इतना काम हो रहा है कि लोगों को बाहर जाने की कम जरूरत पड़ रही है.
नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार में उद्योग नहीं हैं लेकिन लोगों की कमाई बढ़ी है. बिहार में बड़ा उद्योग आएगा इसकी संभावना कम है. ज्यादातर इंडस्ट्री पानी के नजदीकी एरिया के करीब लगती है और बिहार लैंड लॉक स्टेट है. फिर भी बिहार में हम माहौल ऐसा बना रहे हैं जिससे यहां व्यापार बढ़ रहा है. अब बिहार के लोग काम करने के लिए बाहर के राज्य कम जा रहे हैं. बिहार के युवाओं को बिहार में ही काम मिल रहा है. बिहार में हमेशा कुछ लोगों की बाहर जाने की इच्छा होती है और जो लोग जा रहे हैं वो इसी इच्छा के तहत जा रहे हैं.
नीतीश कुमार ने कहा कि वो आरएसएस के विचारों से सहमत नहीं हैं लेकिन उन्होंने आरएसएस के काम की तारीफ की. उत्तर भारत में भी आरएसएस ने आधार बनाया है और हरेक संगठन के काम करने का तरीका अलग अलग होता है. आरएसएस नियमित तरीके से काम करता है. आरएसएस का आठ में से एक हिस्सा ही दिखता है. उन्होंने कहा कि वो गांधी, जयप्रकाश और लोहिया के विचारों से सहमत प्रभावित हैं. आरएसएस के बदौलत बीजेपी का नेटवर्क बढ़ा है.
नीतीश कुमार ने कहा कि एनडीए के नेता पीएम मोदी ही हैं. देश में 2019 का चुनाव एनडीए उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेगा. शराबबंदी से बिहार को फायदा हुआ है, बाल विवाह, दहेज प्रथा के खिलाफ सरकार ने अभियान चलाया है जिसका नतीजा आने वाले चुनावों में देखने को मिलेगा. विपक्ष में इस समय घबराहट है और इसी के चलते किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है ये पूरा देश देख रहा है.
नीतीश कुमार ने कहा कि हम चाहते हैं पूरे देश में शराबबंदी लागू हो. बिहार में चुनावी कैंपेन के समय पीएम मोदी और एलजेपी दोनों के साथ की जरूरत होगी क्योंकि बिहार में हमारा
गठबंधन है. देश के भावी पीएम नरेंद्र मोदी हैं और केंद्रीय राजनीति में जाने का फिर उनका कोई विचार नहीं है. उन्हें बिहार को संभालने का जिम्मा मिला हुआ है और इसे वो आगे भी जारी रहेंगे.
नीतीश कुमार ने कहा कि आरजेडी के साथ बिहार सरकार में काम करते हुए मेरे बारे में बहुत कुछ उल्टा सीधा कहा गया और मीडिया में जबर्दस्त तरीके से मेरे खिलाफ दुष्प्रचार किया गया. इसके बाद हमें अलग होने का फैसला लेना पड़ा. हमने गठबंधन इसलिए किया क्योंकि आरजेडी ने पहले ही इसका एलान कर दिया. एलान करने की मजबूरी के चलते हमने सरकार में साथ आने का फैसला लिया जो कि ज्यादा लंबा नहीं चला. मैंने पहले इस्तीफा दिया और इसके बाद बीजेपी की तरफ से गठबंधन का ऑॉफर मिला था. लालू यादव से हमारा राजनीतिक मतभेद हो सकता है लेकिन व्यक्तिगत तौर पर कोई मतभेद नहीं है.
बिहार के सीएम ने कहा कि हमने आरजेडी का साथ इसलिए छोड़ा क्योंकि आरजेडी के काम करने का तरीका गलत था. हमें लालू परिवार के कामकाज के तरीके से आपत्ति थी. हालांकि मैंने पहले ही कह दिया था कि गठबंधन ज्यादा दिनों तक नहीं चलेगा और ऐसा ही हुआ. आरजेडी दबाव में काम करवाना चाहती थी. जब हमने कहा कि मामले को समझा दीजिए तो उन्होंने इससे इंकार कर दिया. सरकार का काम ठीक ढंग से करने देते तो हमें बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ती.
नीतीश कुमार ने कहा कि पटना में 2005 में शाम ढलने के बाद कोई घर से बाहर निकलता था क्या? आज क्राइम का रेट इतना कम हो गया है कि हर छोटी-बड़ी घटना की रिपोर्ट होती है. बिहार में अपराधियों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और इसका असर है कि राज्य में क्राइम रेट लगातार घटा है.
बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि राम मंदिर पर जो स्टैंड पहले था वो अब भी है. मंदिर का फैसला आपसी सहमति या कोर्ट से बने. कश्मीर के लिए धारा 370 पर वही स्टैंड है जो पहले था. आज तक तीन चीजों से मैंने कोई समझौता नही किया. क्राईम, करप्शन और कम्यूनलिज्म. चाहे गठबंधन कोई भी हो वो रहे या नही.

महागठबंधन के सवाल पर नीतीश कुमार ने कहा कि मैंने ही महागठबंधन नाम दिया था और अब हम ही उसमें शामिल नहीं हैं. महागठबंधन के साथ कितनी पार्टियां हैं ये सबके सामने है जबकि एनडीए की ताकत और मजबूत हुआ है. एनडीए के साथ तो हम पहले से जुड़े रहे हैं और 2014 में अलग होने के बावजूद आज हम साथ हैं. सीट के बारे में बात करें तो कांग्रेस और आरजेडी मिलकर लड़ी थी तो उन्हें चार सीटें मिली थीं. इस बार तो स्थिति और अलग है.

नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी के साथ हम पहले से जुड़े रहे हैं और 2014 में अलग हुए थे क्योंकि उस समय की परिस्थिति अलग थी. उसको गलती कहना न कहना ठीक नहीं होगा लेकिन ये मानना होगा कि 2014 चुनाव में बीजेपी की लहर थी. अब हम फिरसे साथ आए हैं और बिहार के हित में हमने ही ये फैसला किया है.

नीतीश कुमार ने कहा कि बीजेपी के साथ हम पहले से जुड़े रहे हैं और 2014 में अलग हुए थे क्योंकि उस समय की परिस्थिति अलग थी. उसको गलती कहना न कहना ठीक नहीं होगा लेकिन ये मानना होगा कि 2014 चुनाव में बीजेपी की लहर थी. अब हम फिरसे साथ आए हैं और बिहार के हित में हमने ही ये फैसला किया है.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस समय शिखर सम्मेलन बिहार में बोल रहे हैं.
2019 में एनडीए को बिहार में कितनी सीटें मिलेंगी इस पर सुशील मोदी ने कहा कि अब तक के आंकड़ों को देखें तो हमेशा हमें 30 से ज्यादा सीटें मिलती रही हैं और इस बार भी 32 से 34 सीटें हमें मिल पाएंगी. नीतीश कुमार के साथ आने से एनडीए और मजबूत हुआ है जबकि महागठबंधन कमजोर हुआ है. महागठबंधन के लिए ये चुनाव बहुत मुश्कि रहने वाला है और एनडीए को शानदार जीत मिलने वाली है.
सुशील मोदी ने कहा कि 2003-04 में जहां बिहार में 11 हत्याएं रोजाना हो रही थीं वहीं अब ये आंकड़ा घटकर 7 पर आ गया है. हमने वादा किया था कि बिहार मे अपराधियों को संरक्षण नहीं दिया जाएगा और ऐसा ही हो रहा था. शाहबुद्दीन से लड़ने का काम मैंने किया है और विपक्ष में भी रहते हुए मैंने अपराधियों के सामने कभी घुटने नहीं टेके. सवाल ही नहीं उठता कि मैं अपराधियों के आगे झुक जाऊं.
बिहार के मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए का डीएनए पहले की ही तरह है और इसमें रामविलास पासवान जुड़ गए है. अब ये 'डीएनए प्लस' हो गया है, इसलिए इसकी ताकत का अंदाजा लगाया जा सकता है. सुशील मोदी ने रामविलास पासवान को देश का सबसे बड़ा दलित चेहरा बताया. हम चाहते थे कि कुशवाहा एनडीए में बने रहे लेकिन वे चले गए. हमें सहयोगी दलों का भी खयाल रखना था और इसका भी ध्यान रखना था कि कौन कितने वोट ट्रांसफर करा सकता है. इस मामले में कुशवाहा फेल हैं.
नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए कहा कि सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में विकास की जो लकीर खींची है, ये मिसाल है. नीतीश कुमार का मैं आदर करता हूं. ईमानदार नेतृत्व ही नीतीश कुमार की ताकत है, जिससे वे समझौता नहीं करते हैं.
पटना साहिब से बीजेपी का उम्मीदवार कौन होगा, इसपर सुशील मोदी ने कहा कि ये पार्टी तय करेगी. लोकसभा चुनाव लड़ेंगे या नहीं इस पर उन्होंने कहा कि इसका फैसला भी पार्टी ही करेगी. तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि 27 साल की उम्र में वो करोड़ों के मालिक कैसे हो गए.
तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए सुशील मोदी ने कहा कि क्या लालू यादव का यही सपना था कि एसपी और बीएसपी के गठबंधन से कांग्रेस को अलग कर दिया जाए. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की वजह से बिहार में कांग्रेस को 27 सीटें आ गईं. पूरे हिंदुस्तान के मानचित्र में कांग्रेस सिमट गई है. तीन राज्यों के चुनाव नतीजों पर उन्होंने कहा कि वोट शेयर देखने से पता चल जाएगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे और लोकसभा चुनाव के नतीजे अलग होते हैं.


शत्रुघ्न सिन्हा के सवाल पर सुशील मोदी ने कहा कि कुछ लोगों को अपने बारे में गलतफहमी हो जाती है, ऐसा ही शत्रुघ्न सिन्हा के साथ हुआ है. जिस पार्टी ने शत्रुघ्न सिन्हा को दो दो बार राज्यसभा, दो दो बार लोकसभा पहुंचाया, कैबिनेट मंत्री बनाया उसे पार्टी के बारे में इस तरह की भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए. शत्रुघ्न सिन्हा को बीजेपी छोड़ देना चाहिए.
शत्रुघ्न सिन्हा ऐसे लोगों से मिलने पहुंच जाते हैं जो भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं. तेजस्वी यादव 29 साल की उम्र में करोड़ो रुपये की संपत्ति के मालिक हैं. रघुनाथ झा जब तेजस्वी को दो मंजिला मकान उपहार में दे रहे थे तब उन्होंने इंकार क्यों नहीं किया.
सुशील मोदी ने कहा कि हम नहीं चाहते थे कि उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से बाहर जाएं. वो 5 सीटें मांग रहे थे जबकि हम उन्हें तीन सीटें देना चाहते थे. अगर उनकी मांग के मुताबिक सीटें मिल जातीं तो उनके लिए एनडीए बहुत अच्छा होता. उनकी पसंद की सीटें नहीं मिलीं तो वो विरोध कर बाहर चले गए. अब जबकि नीतीश और रामविलास पासवान एनडीए के साथ हैं तो एनडीए का डीएनए प्लस हो गया है.
इस समय बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी बिहार शिखर सम्मेलन में बोल रहे हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति में घुटने टेकना जैसी कोई बात नहीं है. रामविलास पासवान को 6 सीटें देकर हमने कोई आत्मसमर्पण नहीं किया है. रामविलास पासवान ने हमेशा एनडीए की सरकार का मजबूती से समर्थन किया है और ऐसे में उनकी मांग को मानना सरेंडर करने के रूप में नहीं देखा जा सकता है.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि मैं बहुत सिद्धांतवादी हूं. मुझे पार्टी का मंच ही नहीं मिल रहा तो कहां अपनी बात कहूं. पीएम मोदी से एक बार फीडबैक देने के लिए मिलने को कहा तो मुझे बताया गया कि पार्टी अध्यक्ष से मिलिए. मैं शिकायत नहीं कर रहा बल्कि बस आइना दिखा रहा हूं. व्यक्ति से बड़ा पार्टी और पार्टी से बड़ा देश होता है. मैं देश हित की बात करता हूं. मीडिया में इसलिए बात कर रहा हूं क्योंकि लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ है.
जब शत्रुघ्न सिन्हा से पूछा गया कि क्या बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात होती है, इसपर उन्होंने कहा कि तीन राज्यों के चुनावों के दौरान वे व्यस्त रहे इसलिए मुलाकात नहीं हो पाई. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मायावती और अखिलेश यादव के बीच गठबंधन के बाद अमित शाह सदमे में हैं और किसी से नहीं मिल रहे हैं. शत्रुघ्न सिन्हा ने मायावती और अखिलेश यादव के गठबंधन को सोने पर सुहागा बताया.
बीजेपी क्यों नहीं छोड़ देते, इस सवाल के जवाब में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा-लोग कहते हैं आप बीजेपी क्यों नहीं छोड़ देते, मैं पूछता हूं बीजेपी मुझे क्यों नहीं निकाल देती. अच्छे दिन अब तक नहीं आए. अगर पार्टी उन्हें नहीं छोड़ रही है तो इसके पीछे कोई वजह तो होगी.
शत्रुघ्न सिन्हा ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि सिचुएशन कुछ भी हो, लोकेशन तो वही रहेगी. यानी वो चुनाव तो पटना साहिब से ही लडेंगे. पटना साहिब के साथ शत्रुघ्न सिन्हा ने वाराणसी से भी चुनाव लड़ने के संकेत दिेए हैं. उन्होंने कहा कि मां गंगा ने उन्हें बुलाया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि वो एनर्जी के भंडार हैं. चाहे कैंपेन के वक्त हो, या चुनाव के वक्त हो उनकी ऊर्जा भरपूर रहती है. हालांकि बीजेपी की पहले की सरकार को देखकर और आज की सरकार को देखकर ये साफ है कि अटल जी की सरकार के समय लोकशाही थी और आज तानाशाही हो गई है. जो भी सरकार को खटक रहा हो उस पर केस कर दिया जाता है. सरकार जिस तरह से काम कर रही है उससे साफ है कि सरकार के वादों और इरादों के बीच की खाई नहीं पटेगी.
लालकृष्ण आडवाणी के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनको हाशिए पर डाले जाने से वो बेहद दुखी रहे हैं. उन्होंने कभी भी इस बात से इंकार नहीं किया कि वो लालकृष्ण आडवाणी के प्रति हुए रुख से नाराज हैं. उनका कैंप का होने की वजह से ही मुझे मंत्री नहीं बनाया गया, ये साफ है. बीजेपी में इस समय गलत बात ये हो रही है कि उनकी राय में जो उनके साथ नहीं है वो देश विरोधी है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पटना साहिब से चुनाव लड़ना ही उनकी पहली, दूसरी, तीसरी और आखिरी पसंद है. हालांकि वो किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे इसको लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं है क्योंकि किस-किस पार्टी से मुझे ऑफर है, इसकी जानकारी अभी नहीं दे सकता हूं. वाराणसी से भी चुनाव लड़ने की अटकलों पर उन्होंने इंकार नहीं किया और कहा कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पटना साहिब से चुनाव लड़ना ही उनकी पहली, दूसरी, तीसरी और आखिरी पसंद है. हालांकि वो किस पार्टी से चुनाव लड़ेंगे इसको लेकर अभी तक कुछ साफ नहीं है क्योंकि किस-किस पार्टी से मुझे ऑफर है, इसकी जानकारी अभी नहीं दे सकता हूं. वाराणसी से भी चुनाव लड़ने की अटकलों पर उन्होंने इंकार नहीं किया और कहा कि मां गंगा ने मुझे बुलाया है.
मैं बीजेपी का हमेशा से समर्थित कार्यकर्ता रहा और राजनीतिक नारों में यकीन नहीं रखता. इंदिरा गांधी अगर आज जीवित होती तो मैं कांग्रेस में होता. मैं उनका बड़ा सम्मान करता हूं.
पीएम मोदी के बाद या पीएम मोदी के खिलाफ कौन जैसे सवालों का जवाब वक्त मिलने पर मिल जाएगा. इंदिरा गांधी जैसी कद्दावर नेता चुनाव हारेंगी ये कभी नहीं सोचा गया था. इसी तरह जो लोग कह रहे हैं कि पीएम मोदी को हराया नहीं जा सकता उन्हें इतिहास याद रखना चाहिए.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि किसी पार्टी का अध्यक्ष बनाए जाने के एक साल के भीतर 3 राज्यों में सरकार बनवाने वाले राहुल गांधी से लोगों को सीखना चाहिए. उन्होंने प्रशंसनीय काम किया है और जो काम उन्होंने किया है उसकी तारीफ की जानी चाहिए.
राफेल को लेकर शत्रुघ्न सिन्हा ने कई सवालों का जिक्र किया कि क्यों एचएएल से हटाकर नई कंपनी को ठेका दिलाया गया. क्यों विमानों की कीमत बढ़ाई गई. उनके मुताबिक कई सवालों का जवाब मिलना अभी भी बाकी है. सरकार के पास इनके जवाब नहीं हैं तो उनको सुनना तो पड़ेगा. मैंने पहले भी कहा था कि राफेल को लेकर सबकुछ ठीक नहीं हैं. अगर सच कहना बगावत है तो समझो मैं बगावती हूं.
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पूरे देश में सबसे ज्यादा वोट प्रतिशत था तो वो मेरा था. मैंने अटल बिहारी वाजपेयी के समय में एम्स को बढ़ाने के मुद्दे पर काम किया. मेरा प्रदर्शन अच्छा था लेकिन उसके बावजूद मुझे मंत्री नहीं बनाया गया. प्रधानमंत्री ने एक टीवी एक्ट्रेस को सीधा एचआरडी मंत्रालय सौंप दिया. तथाकथित चाय बेचने वाला कहां से कहां पहुंच सकता है तो मैं कहीं क्यों नहीं बन सकता.


शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि पीएम मोदी से मेरा कोई विरोध नहीं है. पीएम मोदी मुद्दा नहीं है, मुद्दे मुद्दा हैं. मैं आडवाणी कैंप का था शायद इसीलिए मंत्री नहीं बनाया गया.
मैं किसी व्यक्ति पूजा का समर्थन नहीं करता. व्यक्ति से बड़ी पार्टी होती है और पार्टी से बड़ा देश होता है.

शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि चूंकि मैं किसी से खौफ नहीं खाता इसलिए सरकार की जो बात गलत होती है उसके खिलाफ खुलकर बोलता हूं. मैं देश की जनता और उसकी भलाई को सामने ऱखकर काम करता हूं इसलिए इस बात की परवाह नहीं करता कि सत्ता पक्ष में हूं या नहीं. हालांकि सरकार किसी व्यक्ति विशेष की भक्ति करने लगे ये गलत है. नोटबंदी जैसे तुगलकी फरमान से देश के करोड़ों लोगों को नुकसान हुआ.
बीजेपी नेता और पटना साहिब से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा इस समय शिखर सम्मेलन बिहार में बोल रहे हैं.

विनोद नारायण झा ने कहा कि जब 2014 में हमारे साथ नीतीश कुमार नहीं थे तब हमारा प्रदर्शन इतना अच्छा था तो इस बार तो नीतीश कुमार हमारे साथ हैं. हम बिहार की 40 की 40 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करेंगे. वहीं मनोज झा ने कहा कि इस बार शून्य तो नहीं पर कहीं एनडीए बिहार में 1 सीट पर न सिमट जाए.

मनोज झा ने कहा कि जेडीयू के राज में शेल्टर हाउस कांड हुआ और बच्चियों को वोट बैंक न समझें. बिहार में क्राइम का क्या हाल है ये सबके सामने है और जेडीयू अपराध को नियंत्रित करने में असफल साबित हुई है. लोग इस बात से डरे हुए हैं और अपराध का रेट बिहार में दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है.
विनोद नारायण झा ने राहुल गांधी से पीएम मोदी की तुलना के सवाल पर कहा कि आंख मारने वाले इंसान से पीएम मोदी की तुलना नहीं की जा सकती है. राहुल गांधी कभी भी पीएम मोदी की तरह विजन रखकर बात नहीं करते हैं. उनके भाषण में झूठ होता है.
मनोज झा ने कहा कि सीबीआई समेत कई बड़ी संस्थाएं सरकार के हाथ की कठपुतली बन गई हैं. देश में सीबीआई बनाम सीबीआई पहले कभी नहीं हुआ था. राफेल को लेकर सीबीआई में जांच होने वाली थी इसलिए डायरेक्टर को हटा दिया गया. सरकार सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है.
बीजेपी के नेता विनोद नारायण झा ने कहा कि राफेल के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से क्लीनचिट मिल चुकी है और बार बार इस मुद्दे को उठाकर लोगों में भम्र फैलाया जा रहा है. राफेल को लेकर लोगों को गुमराह किया जा रहा है. इसको लेकर जब सरकार कोर्ट के सामने सारे दस्तावेज दे चुकी है तो फिर सवाल की कहां गुंजाइश है.
बीजेपी के नेता विनोद नारायण झा ने कहा कि पहले की सरकारों के कार्यकाल में दंगे हुए, आज प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सभी एकजुट हो रहे हैं क्योंकि पीएम की ताकत से विपक्ष डर रहा है.

आरजेडी के नेता मनोज झा ने कहा कि साढ़े चार सालों में बीजेपी सरकार में मॉब लिंचिंग बढ़ी है. हत्यारी भीड़ को किसने पैदा किया. पीएम मोदी की नीतियों से जनता को डर है.
आरजेडी के नेता मनोज झा और बीजेपी के विनोद नारायण झा इस समय शिखर सम्मेलन बिहार में बोल रहे हैं.
सीपी ठाकुर ने कहा कि 2019 के चुनाव में एनडीए बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से 35 सीटों पर जीतेगा. वहीं रघुवंश प्रताप सिंह ने कहा कि इन चुनाव में एनडीए का खाता खोलने नहीं देना है.
रघुवंश प्रताप सिंह ने सवाल पूछा कि सरकार ने 1000 रुपये के नोट को बंद करके 2000 रुपये का नोट क्यों चलाया. इसके जरिए उल्टा काले धन को बढ़ावा मिला. मोदी सरकार के आने के बाद बेरोजगारी बढ़ गई है. लोग जुमलेबाजी से परेशान हैं.

रघुवंश प्रताप सिंह ने कहा कि सरकार के तीन फैसले जो उल्टे पड़े उसमें नोटबंदी सबसे पहला है. नोटबंदी के बाद लगभग सभी इकोनॉमिस्ट ने इसकी खिलाफत की. दूसरा रोजगार के मौके तो क्या बने बल्कि छंटनी हो गईं. तीसरा 15 लाख रुपये जो सबके खाते में आने थे और काले धन को वापस लाने की बात कही थी उसका क्या हुआ. इसके जवाब में सीपी ठाकुर ने कहा कि नोटबंदी के जरिए घरों में पड़ा हुआ पैसा सर्कुलेशन में आ गया. रोजगार के मुद्दे पर भी सरकार ने अलग अलग मोर्चों पर काम किया है, छोटे उद्योगों को आगे बढ़ाया है.
रघुवंश प्रताप सिंह ने कहा कि जुमलेबाजी से देश नहीं चलता इस बात को मोदी सरकार को समझना चाहिए. वहीं सीपी ठाकुर का कहना है कि गरीब सवर्णों को आरक्षण के मुद्दे पर वो प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखेंगे. 8 लाख के पैमाने में सुधार की गुंजाइश है.


बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर ने कहा कि गरीब सवर्णों को आरक्षण मिलना ठीक है.

रघुवंश प्रताप सिंह ने कहा कि 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार ने कहा था कि दो करोड़ रोजगार हर साल दिए जाएंगे लेकिन सरकार इसमें फेल रही है. अब जब चुनाव आने वाले हैं तो मोदी सरकार सवर्ण आरक्षण का नया जुमला लेकर आई है. मैं पीएम मोदी को चुनौती देता हूं कि जैसे सवर्ण आरक्षण के लिए 8 लाख रुपये तक की सीमा रखी है वैसे ही इनकम टैक्स छूट की सीमा 8 लाख रुपये तक करके दिखाएं.
आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रताप सिंह के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सीपी ठाकुर इस समय शिखर सम्मेलन बिहार में बोल रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि चुनाव के बाद एनडीए के साथ जाने का कोई सवाल नहीं है और 2019 चुनाव में महागठबंधन को दो तिहाई सीटें मिलेंगी. साफ तौर पर 2019 में मोदी सरकार को हराकर महागठबंधन की सरकार बनेगी.
पीएम मोदी और अमित शाह को लेकर कुशवाहा ने कहा कि ये लोगों को झांसा देने में माहिर हैं और जुमलेबाजी में फंसाकर लोगों पर राज कर रहे हैं. लोगों को अब समझ में आने लगा है कि मोदी सरकार देश को बर्बाद करने पर तुली है.


राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार मानते हैं या नहीं इसको लेकर कुशवाहा ने कहा कि निश्चित तौर पर आरएलएसपी राहुल गांधी को पीएम पद का उम्मीदवार मानती है. इसको लेकर कोई संदेह नहीं है. अभी गठबंधन में जो लोग प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी की बात कर रहे हैं वो चुनाव से पहले की बात है. चुनाव से पहले की बात और चुनाव के बाद की स्थिति अलग हो जाती हैं. महागठबंधन में प्रधानमंत्री को लेकर कोई समस्या नहीं होगी.
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार से उनका कोई व्यक्तिगत झगड़ा नहीं है लेकिन बिहार के कई मुद्दों को लेकर वो उनसे संतुष्ट नहीं थे. शिक्षा व्यवस्था को लेकर बिहार में कुछ नहीं किया जा रहा था जिसके लिए उन्होंने नीतीश से मांग भी की लेकिन इसका कोई जवाब नहीं मिला. वहीं जनता के बीच से आवाज आने लगी थी कि नीतीश कुमार का साथ छोड़ देना चाहिए जिसका हमने सम्मान किया है.


उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि सत्ता को मलाई काटने का साधन, मलाई काटने की जगह बताया जा रहा है ये गलत है. मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो सत्ता को मलाई काटने का साधन मानते हैं. जब मैंने बीजेपी छोड़ी तो मुझे इस बात का कोई मलाल नहीं था क्योंकि मैंने सत्ता को अपनी व्यक्तिगत हितों का साधने का जरिया कभी नहीं माना.
आरएलएसपी अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा इस समय एबीपी न्यूज के शिखर सम्मेलन बिहार में बोल रहे है.
पिछले 5 सालों में केंद्र सरकार की कई ऐसी योजनाएं हैं जिनका लाभ आम लोगों को मिला है और इसी के आधार पर कह सकता हूं कि मोदी लहर 2014 से भी ज्यादा होगी. गरीब सवर्णों के आरक्षण का लाभ लोगों को मिलेगा. हमारी पार्टी के संविधान में भी इसका जिक्र है. जो लोग इसका विरोध करते हैं वे गरीब का विरोध करते हैं. जब हम यूपीए सरकार में तब भी हमलोगों ने इसकी मांग की थी.
मौसम वैज्ञानिक के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे पता नहीं कि ये आरोप है या तारीफ की जाती है. हमलोगों ने हमेशा प्री-पोल एलायंस किया है. नीतीश कुमार से सतर्क रहने की सलाह पर कहा कि वे एक ऐसे मुख्यमंत्री रहे हैं जिन्होंने प्रदेश को विकास के रास्ते पर ऱखा है. अपराध पर लगाम लगाया. इसको श्रेय उनको दूंगा. एक बिहारी होने के नाते उनपर मेरा भरोसा है.
उपेंद्र कुशवाहा के सवाल पर उन्होंने कहा कि हमें ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वो गठबंधन छोड़कर चले जाएंगे. उन्होंने जिस समय मिलने का समय मांगा उस समय राज्यों के चुनाव चल रहे थे जिसकी वजह से बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व उनसे मिल नहीं पाया. नीतीश कुमार के साथ तल्खी को लेकर उन्होंने गठबंधन छोड़ा या नहीं इसको निश्चित तौर पर नहीं कहा जा सकता है. जिस समय उन्होंने गठबंधन छोड़ा उस समय सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल भी नहीं रही थी.
अगर 2019 में एनडीए की सरकार नहीं आती है तो एलजेपी निश्चित तौर पर विपक्ष में बैठेगी. हमने चुनाव उनके साथ लड़ा है और सरकार में उनके साथ रहे हैं तो चुनाव के बाद गठबंधन से अलग होने का सवाल नहीं उठता.
नोटबंदी के मामले पर चिराग पासवान ने चिट्ठी लिखने के सवाल पर कहा कि उन्हें इस पत्र का जवाब नहीं मिला. उस फैसले का देश की जनता को क्या लाभ हुआ यह जानने का बतौर सांसद हमारा हक है. जब लोग मुझसे पूछते हैं कि क्या फायदा हुआ तो मैं चाहते हूं कि मैं फैक्ट के साथ उनको इसकी सफलता के बारे में बताऊं.

अपने सहयोगी शिवसेना पर हमला करने को लेकर उन्होंने कहा कि जब शिवसेना या बीजेपी चुनाव आते ही राम मंदिर का मुद्दा उठाती है तो मुझे लगता है विकास ही हमारा एक मात्र मुद्दा होना चाहिए. 2014 में भी इसी मुद्दे पर जीते थे. राम मंदिर पर न्यायलय का जो भी फैसला होगा स्वीकारेंगे. आप इसे एक एजेंडा तो बना सकते हैं लेकिन यही एक मात्र मुद्दा नहीं हो सकती. मुझे लगता है बेरोजगारी, किसानों की आत्महत्या जैसे मुद्दे भी हैं. आप चार साल तक इस पर काम कर सकते थे लेकिन चुनाव आते ही इसको मुद्दा नहीं बनान चाहिए.
हाजीपुर से कौन लड़ेगा चुनाव इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि हमने मां को चुनाव लड़ने को कहा था लेकिन वह घर संभालना चाहेगी. अब इसका फैसला पार्लियामेंट्री बोर्ड करेगा. मां पूरी तरह सक्रिय राजनीति से दूर रहती है. हालांकि रामविलास पासवान इस बार हाजीपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे. मैं जमुई से चुनाव लड़ूंगा.
हाजीपुर से कौन लड़ेगा चुनाव इस सवाल के जवाब में चिराग पासवान ने कहा कि हमने मां को चुनाव लड़ने को कहा था लेकिन वह घर संभालना चाहेगी. अब इसका फैसला पार्लियामेंट्री बोर्ड करेगा. मां पूरी तरह सक्रिय राजनीति से दूर रहती है. हालांकि रामविलास पासवान इस बार हाजीपुर से चुनाव नहीं लड़ेंगे. मैं जमुई से चुनाव लड़ूंगा.
शिवसेना के ऊपर इसलिए ट्वीट किया क्योंकि सिर्फ चुनाव के समय राम मंदिर के मुद्दे को उठाना सही नहीं है. बीजेपी के मेनिफेस्टो में राम मंदिर का मुद्दा है और इस समय मामला कोर्ट में है तो पीएम ने भी कहा है कि कोर्ट में मामला चलने तक अध्यादेश नहीं लाएगी. लेकिन शिवसेना सिर्फ चुनाव के समय राम मंदिर के मुद्दे को उठा रही है.
एलजेपी नेता और रामविलास पासवान के बेटे चिराग पासवान ने कहा कि बीजेपी के साथ सीटों के बंटवारे पर मामला अच्छी तरह सुलझने में उन्होंने कुछ ज्यादा नहीं किया. 2019 में राजनीति का मौसम नहीं बदलेगा और पीएम मोदी के आगे राहुल गांधी कहीं नहीं हैं.
शादी के सवाल पर तेजस्वी यादव ने मजाकिया लहजे में कहा-अगर आपके पास कोई प्रपोजल है तो बताइए. वैसे उनसे बड़े चिराग पासवान हैं. उनकी शादी हो जाये तो हम भी अपने माता-पिता से बोलेंगे. वैसे हमें ऐसी लड़की चाहिए जो सबको साथ लेकर चले और सबको खुश रखे.
कन्हैया कुमार के सवाल पर तेजस्वी यादव ने कहा कि उन्होंने देश विरोधी नारे लगाए थे या नहीं इसका फैसला कोर्ट करेगी. कोर्ट में अब ये मामला चला गया है तो इस पर ज्यादा टिप्पणी करना ठीक नहीं होगा. हालांकि इतना सच है कि बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ जो भी जाएगा उसको इस तरह की कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. सरकार जिस तरह से संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है उससे अब लोगों के मन में डर है.
आरजेडी नेता ने कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन के बाद तो ये सवाल पूछा जाना चाहिए कि नरेंद्र मोदी बनारस से चुनाव लड़ेंगे कि नहीं. उन्होंने दावा किया कि इस बार बीजेपी की सरकार नहीं आ रही है और नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनने जा रहे हैं. लोगों को धोखा दिया जा रहा है और वादे पूरे नहीं किए जा रहे हैं. बीजेपी को सारे सहयोगी छोड़ कर जा रहे हैं, क्योंकि जनता छोड़ कर जा रही है. तीन राज्यों के चुनाव में ये देखने को मिला. नौजवान बेरोजगार हैं और किसान आत्महत्या कर रहे हैं. पूरी अर्थव्यवस्था चौपट है. संवैधानिक संस्थाओं को हाई जैक कर लिया है. सीबीआई डायरेक्टर ने इस्तीफा दे दिया. हमलोगों के पीछे सीबीआई-ईडी को लगा दिया गया है.
तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में क्राइम बढ़ गया है लेकिन नीतीश कुमार चुप है. नीतीश चाचा का मुंह जम गया है. मुजफ्फरपुर शेल्टर हाऊस पर भी उन्होंने निशाना साधा. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में अब मॉब लिंचिंग भी शुरू हो गई है. जब बिहार में दंगा होता था तो लालू यादव खुद वहां पहुंच जाते थे. क्या मीसा भारती लोकसभा चुनाव लड़ेंगीं इसपर उन्होंने कहा कि ये राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू यादव तय करेंगे.

तेजस्वी यादव से जब सवाल किया गया कि 2019 में मायावती और राहुल गांधी में से कौन पीएम पद का उम्मीदवार होगा तो उन्होंने कहा कि ये चुनाव किसी व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने का चुनाव नहीं है. ये चुनाव संविधान और देश को बचाने का चुनाव है. हमें संविधान बचाना है. जो भी बीजेपी को हराएगा हम उसका समर्थन करेंगे. इस दौरान तेजस्वी ने फूलपुर और गोरखपुर में हुए लोकसभा उपचुनाव के नतीजों को भी जिक्र किया. उन्होंने ये भी कहा कि यूपी में कांग्रेस बड़ी पार्टी है. आने वाला चुनाव दो विचारधार के बीच का चुनाव है. एक तरफ अंबेडकर, नेहरू, लोहिया और कर्पूरी की विचारधारा है तो दूसरी तरफ गोडसे और गोलवलकर की विचारधारा है. ये चुनाव नरेंद्र मोदी वर्सेज देश की जनता के बीच है.

तेजस्वी यादव ने कहा कि हमारे लिए घर से ज्यादा बिहार और देश की जनता है. किसी के घर में क्या होता है इससे किसी और को मतलब नहीं होना चाहिए. परिवार में क्या हो रहा है इसको लेकर मीडिया में बातें ज्यादा होती हैं. अखिलेश यादव और मायवती से मिलने को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा कि ये एक शिष्टाचार मुलाकात थी. इसका कोई छुपा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए.


तेजस्वी यादव ने बिहार के सीएम के तौर पर अपना नाम सामने आने पर कहा कि इसका फैसला जनता करेगी. गठबंधन के नेता का फैसला पार्टियां करती हैं. पार्टी का समर्थन रहा तो मैं उपमुख्यमंत्री बना. अगर पार्टी चाहेगी और जनता का साथ होगा तो सीएम क्यों नहीं बनना चाहेंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा कि लालू यादव एक व्यक्ति नहीं विचारधारा का नाम है

तेजस्वी यादव ने कहा- समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी की सोच एक है इसलिए एक साथ आए. बीजेपी का यूपी में खाता भी नहीं खुलेगा.
तेजस्वी यादव ने कहा- नीतीश जी के जाने के बाद भी उपचुनाव में हम जीते. कोई दिक्कत नहीं है. हम लोगों का एक मकसद है कि गठबंधन में जो भी हो उनका सम्मान होना चाहिए. हम बोलेंगे तो ज्यादा अच्छा नहीं लगेगा. मोदी जी डायलॉग ज्यादा अच्छा बोलते हैं. बिहार की जनता लालू जी को मिस कर रहे हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा- नीतीश जी ने धोखा देने का काम किया है. देश में दूसरा नीतीश कुमार कोई नहीं है. अब कोई धोखा नहीं देगा.
सीटों के बंटवारे को लेकर तेजस्वी यादव ने कहा- बिहार ने हमारा महागठबंधन कमाल करने वाला है. हम कांग्रेस के साथ चुनाव लड़ने को तैयार है. जब सीटों को लेकर फैसला हो जाएगा तब सबसे पहले मीडिया को बताएंगे.


तेजस्वी यादव ने कहा- बिहार में पुलिस कमिश्नर कह रहा है कि उनकी बात डीआईजी नहीं मानते. नीतीश जी कहते हैं कि सुशासन का राज है, कानून का राज है लेकिन बिहार में हालपात देखिए. ये अपराधियों के आगे हाथ जोड़ कर खड़े हैं.
तेजस्वी यादव ने कहा- हर धर्म और वर्ग के लोग मोदी जी से परेशान हैं. बिहार के लोग हमारे चाचा से परेशान हैं. अपराध बढ़ गया है, सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में कितने घोटाले हुए. हम क्राइम, करप्शन और कम्युनिलिज्म से समझौता नहीं करेंगे. नीतीश जी बताएं कि बीजेपी की साथ क्यों छोड़ा था? बिहार में मॉब लिंचिंग हो रही है.
तेजस्वी यादव ने कहा- हर धर्म और वर्ग के लोग मोदी जी से परेशान हैं. बिहार के लोग हमारे चाचा से परेशान हैं. अपराध बढ़ गया है, सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में कितने घोटाले हुए. हम क्राइम, करप्शन और कम्युनिलिज्म से समझौता नहीं करेंगे. नीतीश जी बताएं कि बीजेपी की साथ क्यों छोड़ा था? बिहार में मॉब लिंचिंग हो रही है.
तेजस्वी यादव ने कहा- हर धर्म और वर्ग के लोग मोदी जी से परेशान हैं. बिहार के लोग हमारे चाचा से परेशान हैं. अपराध बढ़ गया है, सीएजी की रिपोर्ट बताती है कि बिहार में कितने घोटाले हुए. हम क्राइम, करप्शन और कम्युनिलिज्म से समझौता नहीं करेंगे. नीतीश जी बताएं कि बीजेपी की साथ क्यों छोड़ा था? बिहार में मॉब लिंचिंग हो रही है.
तेजस्वी यादव ने कहा- राहुल गांधी ने कहा कि वो गठबंधन में रहे ना रहें बीजेपी को हराएंगे. हमारा भी मानना है कि जो बीजेपी को हराएगा हम उसके साथ रहे. गठबंधन में हम सुई की भुमिका निभा रहे हैं. अगर कुर्ता फटता है तो जोड़ने का काम सुई ही करती है. बीजेपी को हराना है, संविधान को बचाना है.
बिहार के दिग्गज नेता एबीपी न्यूज़ के 'बिहार शिखर सम्मेलन' में देश की सियासत पर अपनी बात रखेंगे. एबीपी न्यूज़ के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी, एलजेपी नेता, चिराग पासवान, रजेडी नेता, तेजस्वी यादव, आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाह, आरजेडी नेता रघुवंश प्रसाद सिंह, बीजेपी के बागी नेता शत्रुघ्न सिन्हा, आरजेडी नेता मनोज झा और बीजेपी नेता सीपी ठाकुर मौजूद होंगे.
तेजस्वी यादव ने कहा- मायावती जी को सबसे पहले जन्मदिन की बधाई मैंने दी. लालू जी की गठबंधन की कल्पना साराकर हुई इसलिए हमने एसपी और बीएसपी के नेताओं के बधाई दी. बीजेपी के सारे सहयोगी छोड़ कर जा रहे है. विपक्ष एक साथ आ रहा है, इस बार दो विचारधाराओं की लड़ाई है. नागपुरिया कानून लागू करने की कोशिश कामयाब नहीं होगी.

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