बुलंदशहर हिंसा में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई

Bulandshahr violence: बुलंदशहर में हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह का अंतिम संस्कार हो गया है. वहीं जिला न्यायालय ने बुलंदशहर हिंसा के तीन आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

ABP News Bureau Last Updated: 04 Dec 2018 08:25 PM
उत्तर प्रदेश में बुलंदशहर के स्याना कस्बे में हुए बवाल में सोमवार को शहीद हुए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार राठौर को मंगलवार को जैथरा थानाक्षेत्र के उनके पैतृक गांव तरिगवां में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गयी. इस अवसर पर एडीजी अजय आनन्द, डीआईजी अलीगढ़ प्रत्येन्दर सिंह, जिलाधिकारी आईपी पांडे, एसएसपी आशीष तिवारी, भाजपा सांसद मुकेश राजपूत, अलीगंज विधायक सत्यपाल राठौर सहित हजारों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. इससे पहले पुलिसकर्मी शहीद का शव लेकर पुलिस लाइन पहुंचे. इसके बाद शहीद का शव तरिगवां ले जाया गया था.
बुलंदशहर की घटना में शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के परिजनों की मदद के लिए एसएसपी डॉ अजयपाल शर्मा की पहल पर गौतमबुद्धनगर पुलिस ने बड़ा फैसला किया है. जिले में तैनात करीब 23 सौ पुलिसकर्मी अपनी एक दिन की सैलरी (40 लाख रुपये) सुबोध सिंह के परिजनों को प्रदान करेंगे.
जिला न्यायालय ने बुलंदशहर हिंसा के तीन आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के दोनों बेटों ने कहा है कि अचानक से ये जो कुछ भी हुआ है बहुत ज्यादा दुखद है. उनके बेटे श्रेय ने कहा कि सुबह उनके पिता सुबोध सिंह की उनकी मम्मी से फोन पर बात हुई थी तो कह रहे थे कि सोने जा रहा हूं. वीडियो कॉलिंग पर आखिरी बार एक दिन पहले बात हुई थी तो पूछ रहे थे कि क्या खाया? साथ ही कहा कि पढ़ाई करते रहना और तबीयत ठीक रखना. घर पर दोपहर में फोन आया कि साहब को पत्थर लग गया है. मां का मेरे पास फोन आया तो मैं घर पहुंचा और हम भागे. सोसाइटी को भी देखना चाहिए कि अगर कानून उनके लिए बना है तो कानून हाथ में लेना ही नहीं चाहिए. पुलिस का काम ही कार्रवाई करना है. अगर लोग पहले ही आकर अटैक करेंगे तो कैसे काम चलेगा. सुबोध सिंह की हत्या साजिश के तहत हुई है इस सवाल के जवाब में श्रेय ने कहा कि हत्या है या साजिश है अभी कुछ नही कह सकता हूं. अभी एसआईटी की रिपोर्ट आनी है. ऐसे में अगर मैं भी अफवाह फैलाऊंगा तो कैसे काम चलेगा.
गवर्नर राम नाइक ने कहा कि कल जो घटना हुई वो बेहद निंदनीय है. सीएम ने जांच के आदेश दे दिए हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि सच दो दिन में सामने आ जाएगा जैसा कि उन्होंने कहा है. जिन लोगों ने ये अपराध किया है उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. चाहे जो भी कारण हो, इस तरह की घटना की आज्ञा नहीं दी जा सकती है.

उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार बुलंदशहर हिंसा मामले में उचित कदम उठा रही है और जांच के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं. अपराधियों के खिलाफ कड़े से कड़े कदम उठाए जाएंगे.

बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की पत्नी रजनी ने बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि सुबोध को साजिश का शिकार बनाया गया है और उन्हें पहले से धमकियां दी जा रही थी. सुबोध उनसे भी कई-कई दिन तक बाहर निकलने से मना कर देते थे क्योंकि उन्हें परिवार के लिए भी धमकी दी जा रही थी. ये पहला मौका नहीं था, दो बार पहले भी वो गोली से घायल हुए थे. पर अब कोई उन्हें न्याय नहीं दिला रहा है. न्याय तभी होगा जब उनके कातिलों को मारा जाएगा.

भीड़ के हमले में मारे गए शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह को अंतिम विदाई दी गई है. इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के पार्थिव शरीर को अंतिम विदाई के लिए शमशान घाट ले जाया जा रहा है.

शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के पार्थिव शरीर को लेकर परिवार तर्गवा गांव पहुंचा. शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का परिवार प्रशासन और सरकार से नाराज़ है. परिजनों ने कहा कि जब तक योगी आदित्यनाथ नहीं आएंगे, तब तक अंतिम संस्कार नहीं करेंगे.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले में भीड़ की हिंसा के लिये प्रदेश की बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुये बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि हर तरह की अराजकता को संरक्षण देने का परिणाम है कि अब क़ानून के रखवाले भी बलि चढ़ रहे हैं.
एडीजी आनंद कुमार ने कहा कि पुलिस ने योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया है. अभी उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. बजरंग दल का जिला संयोजक है योगेश राज.
बुलंदशहर हिंसा पर एडीजी आनंद कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि जो भी लोग दोषी होंगे सख्त कार्रवाई की जाएगी. शहीद इंस्पेक्टर को पूरे सम्मान के साथ विदाई दी जा रही है. बुलंदशहर में पूरी तरह शांति है. मुस्जिम इज्तिमा में शामिल होने के लिए लाखों लोग आए. अब 15 हजार के करीब लोग वहां हैं. भारी संख्या में पुलिसबल तैनात है.
योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बुलंदशहर हिंसा को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि यह वीएचपी, बजरंग दल और आरएसएस की साजिश है. अब तो पुलिस ने बीजेपी कार्यकर्ताओं का नाम भी शामिल किया है. मुस्लिम इज्तेमा कार्यक्रम के दिन ही क्यों विरोध-प्रदर्शन हुए? यह अशांति फैलाने की कोशिश है.
बुलंदशहर हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबाध कुमार सिंह का शव एटा में उनके गांव लाया गया, थोड़ी देर में अंतिम संस्कार किया जाएगा. परिजनों का रो-रोककर बुरा हाल है. सिंह की बहन ने गांव में शहीद स्मारक बनाए जाने की मांग की है.


शहीद इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की बहन ने कहा कि मेरा भाई अखलाक केस की जांच कर चुका है इसलिए साजिश के तहत उसकी हत्या की गई है. उसे शहीद घोषित किया जाना चाहिए और स्मारक बनाया जाना चाहिए. मुझे पैसे नहीं चाहिए. मेरे पिता की भी मुठभेड़ में मौत हुई थी. मुख्यमंत्री केवल गाय, गाय, गाय करते हैं. खुद क्यों नहीं गो रक्षा करते हैं?
केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि जो कुछ भी बुलंदशहर में हुआ यह मानवता के खिलाफ है. राज्य सरकार ने कहा है कि जो लोग भी इस घटना में संलिप्त हैं उसे कानून के दायरे में लाया जाएगा. मैं लोगों से अपील करता हूं कि अशांति फैलाने वाले लोगों से सावधान रहें.
बुलंदशहर हिंसा पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य का ख्याल रखने के बजाय, योगी तेलंगाना में विष फैला रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि घटना बहुत दुखदायी है, ना तो जनता की ओर से आक्रोश होना चाहिए था और ना पुलिस की ओर से लापरवाही होनी चाहिए थी. हमें घटना का दुख और जांच जारी है. एसआईटी का गठन किया गया है. जब तक जांच पूरी ना हो जाए किसी का नाम लेना उचित नहीं है. किसी का नाम लेना जल्दबाजी होगी.
बुलंदशहर हिंसा मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. आज एसआईटी ने भी घटनास्थल का दौरा किया. पुलिस की एफआईआर में में बजरंग दल-वीएचपी और BJYM के कार्यकर्ताओं का भी नाम है.
इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के मामले में 27 लोगों के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज की गई है. उसमें पहले नंबर पर बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज का नाम है. बीजेपी युवा स्याना के नगराध्यक्ष शिखर अग्रवाल, वीएचपी कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी किया नामजद किया गया है.
सुबोध कुमार सिंह की हत्या के पहले कुछ लोगों ने गोकशी कि शिकायत की थी, आरोप लगाया था की महाव गांव के जंगलों में गाय काटी गई है, इस मामले में शिकायतकर्ताओं ने नामजद एफआईआर दर्ज करवाई थी, पुलिस ने एफआईआर दर्ज भी कर ली थी. इसके बावजूद तकरीबन 1 से 1.30 बजे के बीच भीड़ ने पुलिस पर हमला किया. गोकशी की एफआईआर दर्ज कराने वाले योगेश राज को पुलिस ने हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या के मामले में आरोपी नंबर वन बनाया है. जिसे बुलंदशहर बजरंग दल का संजोयक बताया जा रहा है.
बुलंदशहर में भीड़ के हमले में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध सिंह के बेटे अभिषेक ने कहा कि मेरे पिता चाहते थे की मैं एक अच्छा नागरिक बनूं. वो धर्म के नाम पर समाज में हिंसा नहीं चाहते थे. आज मेरे पिता की हिंदू-मुस्लिम विवाद में मौत हो चुकी है. कल किसके पिता की जान जाएगी?
बुलंदशहर हिंसा मामले में पुलिस ने दो एफआईआर दर्ज की है. एक एफआईआर कथित गोवंश की हत्या और दूसरी हिंसा को लेकर दाखिल की गई है. पुलिस ने 28 लोगों का नाम एफआईआर में शामिल किया है जबकि आठ अन्य को अज्ञात बताया गया है. सभी आरोपी बुलंदशहर के सयाना इलाके के है.
बुलंदशहर हिंसा पर समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री आजम खान ने कहा कि अगर सच में गोवंश का मांस इलाके में मिला है तो इसकी पुलिस जांच करे. क्योंकि उस क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की आबादी नहीं है.
बुलंदशहर हिंसा पर मेरठ जोन के एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि दो लोगों को अब तक हिरासत में लिया गया है. हिंसा क्यों हुई और सुबोध कुमार सिंह को अकेले छोड़कर पुलिस वाले क्यों भागे? इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को बुलंदशहर में हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और इस घटना में शहीद हुए पुलिस इंस्पेक्टर के परिजन को कुल 50 लाख रूपये की सहायता का ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने दो दिन के अंदर मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के आदेश भी दिया है.
भीड़ की हिंसा में मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि दी गई. परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. शहीद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार का परिवार पुलिस लाइन में प्रशासन से काफी नाराज़ नजर आया. सुबोध कुमार के बेटे अभिषेक और बाकी रिश्तेदारों ने एबीपी न्यूज़ से बात की और कहा की ये कैसी श्रद्धांजलि. हमें श्रधांजलि का समय तक नहीं बताया गया. इतना ही नहीं सुबोध कुमार के शरीर को तिरंगे में भी नहीं लपेटा गया. प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गयी.


बैकग्राउंड

Bulandshahr violence: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हिंसा में मारे गये इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को आज नम आंखों से अंतिम विदाई दी जा चुकी है. सूत्रों के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुबोध को गोली मारने वाला एक रिटायर्ड फौजी है, जो महाव गांव का रहने वाला है. सुबोध की हत्या मामले में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. फिलहाल इलाके में धारा 144 लागू है.

दरअसल बुलंदशहर के गांव चिंगरावठी गोवंश के अवशेष मिले थे, जिसकी सूचना स्याना के इंस्पेक्टर को दी गई थी. इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे थे. उन्होंने उत्तेजित ग्रामीणों को समझाया-बुझाया. इसके बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने गोवंश के अवशेष को लेकर पुलिस स्टेशन को घेर लिया और जाम लगा दिया. एक बार फिर समझाया गया. शुरुआत में ग्रामीण सहमत हो गए. बाद में ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर पथराव शुरू कर दिया और सुबोध सिंह को मौत के घाट उतार दिया.

इंस्पेक्टर सुबोध सिंह की हत्या के मामले में 27 लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. उसमें पहले नंबर पर बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज का नाम है. एफआईआर में बीजेपी युवा स्याना के नगर अध्यक्ष शिखर अग्रवाल, वीएचपी कार्यकर्ता उपेंद्र राघव का भी नाम है.

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