SP-BSP गठबंधन पर बीजेपी बोली- हम लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त देंगे

आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मायावती और अखिलेश यादव के साथ आने की खुशी में यूपी में कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं. जिसपर मायावती और अखिलेश के फोटो के साथ 'सपा-बसपा आई है. नई क्रांति लाई है' जैसे नारे लिखे हैं.

ABP News Bureau Last Updated: 12 Jan 2019 02:17 PM
एसपी-बीएसपी के बीच गठबंधन होने से कार्यकर्ताओं में खुशी. छोड़े पटाखे, एक दूसरे को खिलाई मिठाईयां.


उत्तर प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने एसपी-बीएसपी गठबंधन पर एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि बीजेपी के कामों से दोनों पार्टियों की निंद उड़ी है. इसी वजह से दोनों साथ आए हैं. हम लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त देंगे.
मायावती की प्रधानमंत्री उम्मीदवारी पर अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश से हमने प्रधानमंत्री दिया है. हमें खुशी होगी कि आगे भी उत्तर प्रदेश से ही प्रधानमंत्री बने.
अखिलेश यादव ने कहा कि एसपी-बीएसपी का केवल चुनावी गठबंधन नहीं है, यह गठबंधन भाजपा के अत्याचार का अंत भी है.
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार ने उत्तर प्रदेश को 'जाति प्रदेश' बना दिया. उन्होंने भगवानों को भी जाति में बांट दिया है.
लोकसभा चुनाव मायावती लड़ेंगी या नहीं? एबीपी न्यूज़ के इस सवाल पर बीएसपी प्रमुख ने कहा कि वह इस संबंध जो भी होगा एलान करेंगी.
मायावती के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि मायावती द्वारा देशहित में लिए गए ऐतिहासिक निर्णय का स्वागत करता हूं. समय के साथ एसपी और बीएसपी और अधिक मजबूत होंगे.
मायावती के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी के नेता सुन लें कि उनके अत्याचारों से जनता को मुक्ति दिलाने के लिए सपा-बसपा ने एक होने का फैसला किया है.
मायावती का एलान- बीएसपी और एसपी 38-38 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, कांग्रेस के लिए छोड़ी 2 सीटें, छोटी पार्टियों को भी देगी दो सीटें. उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 सीटें है.
मायावती ने कहा कि एसपी-बीएसपी गठबंधन की भनक लगते ही बीजेपी ने अखिलेश यादव को बदनाम करने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल किया. हमारी पार्टी इसकी निंदा करती है.
मायावती ने कहा कि कांग्रेस ने देश में इमरजेंसी लगाई, एसपी का कांग्रेस के साथ कड़वा अनुभव रहा. समाजवादी पार्टी को गठबंधन करने से कोई फायदा नहीं मिला.
मायावती ने कहा कि रक्षा सौदों में बीजेपी और कांग्रेस के शासनकाल में जबरदस्त घोटाले हुए. कांग्रेस पार्टी को बोफोर्स की वजह से अपनी सरकार गंवानी पड़ी. बीजेपी को राफेल की वजह से सत्ता गंवानी पड़ेगी.
एसपी-बीएसपी गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किये जाने पर मायावती ने कहा- कांग्रेस लंबे समय तक देश में सत्ता में रही. उनके कार्यकाल में गरीबी बढ़ी, भ्रष्टाचार हुआ.
बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने कहा कि हमने आगामी लोकसभा चुनाव साथ लड़ने का फैसला किया है. ताकि बीजेपी एंड कंपनी को केंद्र की सत्ता तक पहुंचने से रोका जाए. एसपी-बीएसपी गठबंधन ने उपचुनाव में शानदार प्रदर्शन किया है. बीजेपी को हमने हराया है. यह गठबंधन लोकसभा चुनाव में भी अच्छा प्रदर्शन करेगा.
मायावती ने कहा कि अब हम गेस्ट हाउस कांड से आगे बढ़ चुके हैं. 25 साल पुराना हमारा गठबंधन कुछ गंभीर कारणों से नहीं चल पाया था.
अखिलेश यादव के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायावती ने कहा- जनहित को लखनऊ गेस्ट हाउस कांड से ऊपर रखते हुए हमने आपस में चुनावी समझौता करने का फैसला लिया है.
मायावती और अखिलेश यादव प्रेस कांफ्रेंस के लिए होटल ताज पहुंच चुके हैं. थोड़ी देर में गठबंधन का एलान करेंगे.
थोड़ी देर में होगा गठबंधन का एलान. सूत्रों के मुताबिक, समाजवादी पार्टी-41 और बीएसपी-37 पर चुनाव लड़ेगी. समाजवादी पार्टी छोटे दलों को अपने कोटे से सीटें देंगे.
एसपी-बीएसपी के बीच गठबंधन को लेकर बीजेपी हमलावर है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी ने रामलीला मैदान में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा- जितने लोगों को इकठ्ठा होना है हो जाओ, सभी को पटखनी देकर जीतेंगे, हारे हुए मन के लोग एक साथ आ रहे हैं.
वाराणसी सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुकाबले के लिए एसपी-बीएसपी महागठबंधन बनाने की कोशिश में जुटी है. सूत्रों के मुताबिक, यहां से गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल को उम्मीदवार बनाया जा सकता है. एसपी-बीएसपी वाराणसी की सीट पर कांग्रेस को भी साथ लाने की कोशिश में है.
एसपी-बीएसपी के गठबंधन पर यूपी सरकार के मंत्री चेतन चौहान और सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अखिलेश और मायावती के गठबंधन को डर का गठबंधन बताया. सिंह ने कहा पीएम मोदी के काम से घबराए हुए हैं. हम काम के आधार पर जनता के बीच में जाएंगे. इससे पहले पिछले चुनावों में दो बबुआ साथ आए थे और अब बुआ और बबुआ साथ आ रहे हैं. ना पिछली बार उनको कामयाबी मिली थी और ना इस बार मिलेगी.
सूत्रों के मुताबिक, चार से पांच- सीटें आरएलडी को मिलेगी. आज प्रेस कांफ्रेंस में आरएलडी का नाम लिया जाएगा. बागपत से जयंत चौधरी और मुजफ्फरनगर से अजीत सिंह चुनाव लड़ सकते हैं.
अखिलेश यादव और मायावती छोटी पार्टियों को भी साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं. इनमें आरएलडी, पीस पार्टी, निषाद पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी शामिल है. सूत्रों के मुताबिक, पीस पार्टी के मो. अयूब को समाजवादी पार्टी अपने कोटे से एक सीट खलीलाबाद देगी. साथ ही निषाद पार्टी को एक सीट दी जाएगी. ओम प्रकाश राजभर को भी दो सीटें दी जा सकती है. आरएलडी को तीन सीटें दी जा सकती है.

बैकग्राउंड

नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) 25 साल बाद फिर साथ आ चुकी है. औपचारिक ऐलान के लिए लखनऊ के ताज होटल में अखिलेश यादव और मायावती प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों नेताओं के साथ आने की खुशी में यूपी में कार्यकर्ताओं ने जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं. जिसपर मायावती और अखिलेश के फोटो के साथ 'सपा-बसपा आई है. नई क्रांति लाई है' जैसे नारे लिखे हैं.


 


एसपी-बीएसपी गठबंधन में कांग्रेस को जगह नहीं दी गई है. कांग्रेस ने इसे खतरनाक भूल बताया है. आपको बता दें कि 2014 के चुनाव में एसपी, बीएसपी और कांग्रेस अलग-अलग चुनाव लड़ी थी. तब एसपी सिर्फ 5, कांग्रेस दो सीटों पर सिमट गई थी. मायावती की पार्टी बीएसपी खाता खोलने में भी नाकामयाब रही थी. अब आगामी चुनावों के लिए एसपी-बीएसपी ने गठबंधन का एलान किया है.


 


एसपी-बीएसपी गठबंधन में जगह नहीं मिलने की स्थिति में कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है. इसी के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष प्रदेश में जोरदार चुनावी अभियान करने जा रहे हैं. राहुल गांधी फरवरी में उत्तर प्रदेश में 10 जनसभाओं को संबोधित करने वाले हैं. यूपी के नेताओं को रैली का खाका तैयार करने को कहा गया है. इस संबंध में कल बैठक हुई. आज दिल्ली में बैठक बुलाई गई है.


 


समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कन्नौज में ट्विटर चौपाल में कहा कि हमारे साथ आने पर बीजेपी के साथ कांग्रेस के अंदर भी भय व्याप्त है. एसपी-बीएसपी जब पहले साथ आई तो यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव मौर्य अपने-अपने क्षेत्र में उप-चुनाव हार गए. अब यही ताकत लोकसभा चुनावों में भी परचम फहराएगी.

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