Kill Review: फिल्म शुक्रवार को रिलीज होनी है, लेकिन सोमवार को ही मीडिया को फिल्म दिखा दी जाती है और यही नहीं फिल्म के खत्म होने के तुरंत बाद मीडिया के सवालों का जवाब देने के लिए फिल्म की स्टारकास्ट मौजूद है, बड़े दिन बाद ऐसा कुछ सुना था, सुनकर लगा कि काफी कॉन्फिडेंस है फिल्ममेकर्स को इस फिल्म पर और जब फिल्म देखी तो लगा कि भाई फिल्म ऐसी बनी हो तो कॉन्फिडेंस होनी भी चाहिए, सिंपल सी कहानी, कोई खास लोकेशन नहीं, सिर्फ एक्शन, एक्शन और एक्शन और एक ऐसी फिल्म जिसे देखने के बाद आप ट्रेन में सफर करने के बारे में सौ बार सोचेंगे.

 

कहानी-

सिंपल सी कहानी है, एक फौजी को एक लड़की से प्यार है, लड़की की शादी किसी से तय हो गई है, फौजी सगाई पर पहुंच जाता है, लड़की से भागकर चलने को कहना है लड़की मना कर देती है, कहती है दिल्ली जाकर मिलूंगी, नहीं ये कहानी का मेन प्लॉट नहीं है, मेन तो ये है, लड़की ट्रेन से जाती है, उसी ट्रेन में फौजी भी अपने एक फौजी दोस्त के साथ सफर करता है, ट्रेन पर डकैत हमला करते हैं और फिर जो होता है वो आपकी आंखें यकीन नहीं कर पाती, ऐसा खूनी खेल कि दिल दहल जाता है.



 

कैसी है फिल्म?

ये फिल्म कमजोर दिल वालों के लिए नहीं है, करीब 100 मिनट की ये फिल्म तुरंत मुद्दे पर आती है और तुरंत इसमें वो सब शुरू होता है जिसके नाम पर फिल्म प्रमोट की गई थी, वॉयलेंस, इसे बॉलीवुड की सबसे वॉयलेंट फिल्म बताया गया है.

 

फिल्म में जमकर खून खराबा होता है लेकिन सब जस्टिफाइड लगता है. फिल्म ट्रेन में ही शूट हुई है लेकिन किसी लोकेशन की कमी नहीं खलती, इतना खून खराबा होता है कि आप हैरान रह जाते हैं, आंखें बंद कर लेते हैं, मुंह से कई बार निकलती है ओ तेरी, लेकिन सब कुछ सही लगता है. लॉजिक ढूंढने की कोशिश आप इसमें कर सकते हैं लेकिन बिना लॉजिक की ऐसी तमाम फिल्में बनी हैं कि गिनती कम पड़ जाए. यहां लॉजिक मत ढूंढिए क्योंकि एक्शन ऐसा है कि आपको मौका नहीं मिलेगा, और एंड में आप ये सोचते हैं कि ये क्या देखा भाई.

 

एक्टिंग

लक्ष्य लालवाली को फिल्म दोस्ताना 2 से लॉन्च होना था, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और ये देखकर लगता है कि सही हुआ. क्योंकि ऐसा लॉन्च तो शायद उन्हें उससे नहीं मिलता. यहां वो एक्शन में इतने कमाल के लगे हैं कि लगता है वो एक्शन के लिए ही जन्मे हैं. उनके एक्सप्रेशन, इमोशन सब परफेक्ट है.

 

वो आपको यकीन दिला देते हैं कि जो खून खराबा वो कर रहे हैं वो सही क्यों है. राघव जुयाल ने हैरान कर दिया, वो विलेन बन सकते हैं और ऐसे खतरनाक विलेन बन सकते हैं. ये आप सोच भी नहीं सकते थे. यहां राघव ने दिखा दिया कि मौका मिले तो एक्टर क्या से क्या कर सकता है. उनके करियर का ग्राफ इस फिल्म के बाद पूरी तरह से बदल जाएगा. तान्या मनिकताला ने अच्छा काम किया है. आशीष विद्यार्थी ने कमाल का काम किया है. हर्ष छाया जबरदस्त हैं. अवदेश मिष्रा का काम शानदार है. छोटे से छोटे कलाकार ने अपनी छाप छोड़ी है.

 

डायरेक्शन 

निखिल भट ने फिल्म को डायरेक्ट किया है और ऐसी फिल्म बनाने के लिए हिम्मत चाहिए. क्योंकि इतने वॉयलेंस को जस्टिफाई करना आसान नहीं, निखिल फिल्म को तुरंत मुद्दे पर लाते हैं और जबरदस्ती बिल्कुल नहीं खींचते. फिल्म पर उनकी पकड़ साफ दिखती है. कुल मिलाकर कमजोर दिल वाले इसे ना देखें, बाकी एक्शन के शौकीन हैं तो मजा आ जाएगा और हां एनिमल से ज्यादा व़ॉयलेंट है ये फिल्म.