Ab Dilli Dur Nahin Movie Review: हर साल छोटे कस्बों और गावों से हजारों युवा अपनी आंखों में IAS बनने का सपना लेकर निकलते हैं. उनके पास रहने के लिए घर और ट्यूशन की फीस नहीं होती लेकिन जुनून होता है कुछ कर दिखाने का... और यही जज्बा उन्हें हर हालात से निकलना सीखा देता है. कुछ शहर की चकाचौंध में खो जाते हैं तो कुछ उसमें होकर भी अपनी हकीकत को नहीं भूलते और आखिरकार अपनी मंजिल पा ही लेते हैं. ऐसी ही इँस्पायर करने वाली फिल्म है अब दिल्ली दूर नहीं.
कहानी
इंसान के पास जब कुछ नहीं होता तो छोटी चीज भी उन्हें जिंदगी में एक मकसद दे जाती है. एक लड़का जिसे बचपन में बहुत जिल्लत उठानी पड़ी. उससे किसी ने कहा कि अगर आईएएस बन जाओ तो ये खत्म हो जाएगा. उसी पल उसने ठान लिया कि अब ऑफिसर बनकर रहेगा.
नाम है अभय और पापा किसान हैं और मां घरों में बर्तन-चौके का काम करती है. अभय दिल्ली पहुचंता है और IAS बन जाता है, लेकिन ये इतना आसान नहीं है. उसे बहुत सारी कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है.
फिल्म में एक प्यारी सी लव स्टोरी भी है जो फिल्म को देखने लायक बनाती है.
फिल्म की ये कहानी IAS ऑफिसर गोविंद जायसवाल की जिंदगी से प्रेरित है. उनके पिता रिक्शा चलाते थे. गोविंद का महज 22 साल में UPSC में सेलेक्शन हुआ और वो एक मिसाल बन गए.
एक्टिंग
इसमें मुख्य भूमिका में इमराज जाहिद और श्रुति सोढ़ी हैं. इमरान जाहिद की एक्टिंग देखने लायक है. बोकारो से ताल्लुक रखने वाले इमरान जाहिद ने अपने किरदार को पर्दे पर जीवंत करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. एक्सेंट से लेकर बॉडी लैंग्वेज तक हर तरह से फिट बैठे हैं. इस फिल्म को देखकर ये कहा जा सकता है कि उनके लिए अब मुंबई दूर नहीं.
इस फिल्म की रिलीज के लिए इमराज जाहिद को 10 साल इंतजार करना पड़ा लेकिन इस दौरान वो थियेटर में लगातार एक्टिव रहे. एक मेहनत फिल्म में पूरी तरह नज़र आती है.
फिल्म में महेश भट्ट भी गेस्ट अपीयरेंस में हैं. यू कहें तो इमराज जाहिद में हीरो महेश भट्ट को पहली बार नज़र आया. दुबई के एक इवेंट में इमराज जाहिद को महेश भट्ट ने कहा कि आप हीरो जैसे दिखते हैं. इसके बाद भट्ट प्रोडक्शन के प्ले द लास्ट सैल्यूट में इमरान जाहिद को मौका मिला. उन्होंने इसमें इराक़ी पत्रकार मुंतज़र अल ज़ैदी की भूमिका निभाई. मुंतजर वही पत्रकार हैं जिन्होंने 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ड डब्ल्यू बुश पर जूता फेंक दिया था.
इसके बाद इमरान गेस्ट भूमिका में फिल्म जिस्म 2 में भी नज़र आ चुके हैं. इसके अलावा महेश भट्ट की अर्थ, डैडी और हमारी अधूरी कहानी जैसी कई फिल्मों के प्ले में मुख्य भूमिका में नज़र आ चुके हैं.
अब दिल्ली दूर नहीं में इमरान के अपोटिज श्रुति सोढ़ी हैं. पंजाबी फिल्मों में श्रुति पहले नज़र आ चुकी हैं. इसमें उनकी एक्टिंग एक्टिंग एकदम फ्रेश लगी है. फिल्म की लव स्टोरी से लोग कनेक्ट करेंगे.दोनों की केमेस्ट्री भी जमी है.
इमरान और श्रुति के अलावा सत्याकाम आनंद इस फिल्म में अपने ऊपर ध्यान खींच ले जाते हैं.
डायरेक्शन
इस कहानी को पर्दे पर उतारने वाले डायरेक्टर हैं कमल चंद्रा और इसे लिखा है दिनेश गौतम ने. एडिशनल स्क्रीनप्ले और डायलॉग राइटिंग में दिनेश का साथ दिया है मोनाजिर आलम और स्वाति ने. ऐसी कहानियां आपने बहुत सुनी होंगी लेकिन जिस तरह से इसे पर्दे पर पेश किया गया है वो खास है.
कॉस्ट्यूम की वजह से भी चर्चा में है फिल्म
ये फिल्म कहानी के अलावा एक और वजह से चर्चा में है. इस फिल्म के कॉस्टूयम तिहाड़ जेल के कैदियों ने डिजाइन किए हैं. बड़े पर्दे पर ऐसा पहली बार हुआ है. डिजाइनर विंकी सिंह की देखरेख में फिल्म के सारे कैरेक्टर्स कपड़े तिहाड़ की महिला कैदियों ने डिजाइन किए हैं.
क्यों देखें
वीकेंड पर मसालेदार और तड़क भड़क से अलग कुछ देखना चाहते हैं तो ये फिल्म जरुर देखें. शहर से हो यां गांव से आप इससे जरुर कनेक्ट कर पाएँगे.