Afwaah Review: क्या आप सोशल मीडिया पर कोई वीडियो बिना कुछ सोचे शेयर कर देते हैं..क्या व्हॉट्सएप पर कोई वीडियो बिना जांच किए फॉरवर्ड कर देते हैं..अगर हां तो आपको ये फिल्म जरूर देखनी चाहिए क्योंकि ये फिल्म बताती है कि एक गलत अफवाह कितना नुकसान कर सकती है और कैसे खुद फैलाने वाले पर ही भारी पड़ सकती है.
कहानी
ये कहानी है एक अफवाह की जो नवाज और भूमि के बारे में फैलाई जाती है.नवाज विदेश से भारत लौटे हैं और यहां कुछ करना चाहते हैं. भूमि एक राजनेता की बेटी हैं औऱ पिता उनकी शादी एक यंग नेता सुमित व्यास से तय कर देते हैं. भूमि ये शादी करना नहीं चाहती और घर से भाग जाती हैं. मंगेतर के लोग उसे पकड़ने की कोशिश करते हैं और नवाज उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं. नवाज यानि रहाब मुस्लिम धर्म के हैं और भूमि का किरदार हिंदू है. फिर भूमि का मंगेतर ये अफवाह फैला देता है कि एक मुस्लिम शख्स उंनकी हिंदू मंगेतर को लेकर भाग गया है और ये लव जेहाद का मामला है. फिर क्या होता है? इसके लिए आपको ये फिल्म देखनी चाहिए.
ये कहानी है एक अफवाह की जो नवाज और भूमि के बारे में फैलाई जाती है.नवाज विदेश से भारत लौटे हैं और यहां कुछ करना चाहते हैं. भूमि एक राजनेता की बेटी हैं औऱ पिता उनकी शादी एक यंग नेता सुमित व्यास से तय कर देते हैं. भूमि ये शादी करना नहीं चाहती और घर से भाग जाती हैं. मंगेतर के लोग उसे पकड़ने की कोशिश करते हैं और नवाज उन्हें बचाने की कोशिश करते हैं. नवाज यानि रहाब मुस्लिम धर्म के हैं और भूमि का किरदार हिंदू है. फिर भूमि का मंगेतर ये अफवाह फैला देता है कि एक मुस्लिम शख्स उंनकी हिंदू मंगेतर को लेकर भाग गया है और ये लव जेहाद का मामला है. फिर क्या होता है? इसके लिए आपको ये फिल्म देखनी चाहिए.
एक्टिंग
नवाज शानदार एक्टर हैं और यहां भी उनका काम बेहतरीन है.भूमि ने जबरदस्त एक्टिंग की है लेकिन सबसे ज्यादा इमप्रेस किया है सुमित व्यास ने, राजनेता के किरदार को उन्होंने गजब तरीके से निभाया है और अपनी गुड बॉय वाली इमेज को तोड़ा है. शारिब हाशमी का काम भी अच्छा है.
नवाज शानदार एक्टर हैं और यहां भी उनका काम बेहतरीन है.भूमि ने जबरदस्त एक्टिंग की है लेकिन सबसे ज्यादा इमप्रेस किया है सुमित व्यास ने, राजनेता के किरदार को उन्होंने गजब तरीके से निभाया है और अपनी गुड बॉय वाली इमेज को तोड़ा है. शारिब हाशमी का काम भी अच्छा है.
कैसी है फिल्म
शुरुआत में फिल्म मुद्दे पर आने में वक्त लेती है और कुछ मिनट समझ नहीं आती लेकिन जब ये मुद्दे पर आ जाती है तो फिर पेस नहीं छोड़ती है और कई हैरान करने वाले मोमेंट आते हैं. इस फिल्म को देखते हुए आप सोचने पर मजबूर होते हैं कि जिन वीडियोज को लोग बिना सोचे समझे शेयर कर देते हैं अगर वो महज अफवाह फैलाने के लिए पोस्ट किए गए हैं तो कितना नुकसान कर सकते हैं.फिल्म आज के सोशल मीडिया के दौर की पोल अच्छे से खोलती है और आप इससे खुद को रिलेट कर पाते हैं
शुरुआत में फिल्म मुद्दे पर आने में वक्त लेती है और कुछ मिनट समझ नहीं आती लेकिन जब ये मुद्दे पर आ जाती है तो फिर पेस नहीं छोड़ती है और कई हैरान करने वाले मोमेंट आते हैं. इस फिल्म को देखते हुए आप सोचने पर मजबूर होते हैं कि जिन वीडियोज को लोग बिना सोचे समझे शेयर कर देते हैं अगर वो महज अफवाह फैलाने के लिए पोस्ट किए गए हैं तो कितना नुकसान कर सकते हैं.फिल्म आज के सोशल मीडिया के दौर की पोल अच्छे से खोलती है और आप इससे खुद को रिलेट कर पाते हैं
डायरेक्शन
सुधीर मिश्रा ने एक से बढ़कर एक फिल्में बनाई हैं और इस बार भी वो कुछ अलग लाए हैं.आज के दौर में ये फिल्म शायद जरूरी भी है, क्योंकि आजकल फेक न्यूज और अफवाहें बहुत जल्दी फैलती हैं..सुधीर ने फिल्म पर पकड़ बनाए रखी है औऱ हर किरदार को कायदे से इस्तेमाल किया है.
सुधीर मिश्रा ने एक से बढ़कर एक फिल्में बनाई हैं और इस बार भी वो कुछ अलग लाए हैं.आज के दौर में ये फिल्म शायद जरूरी भी है, क्योंकि आजकल फेक न्यूज और अफवाहें बहुत जल्दी फैलती हैं..सुधीर ने फिल्म पर पकड़ बनाए रखी है औऱ हर किरदार को कायदे से इस्तेमाल किया है.