एक्सप्लोरर

Antim The Final Truth Review: सलमान ने किया आयुष का नुकसान, किसान की कहानी बनी पुलिस और गुंडों की फिल्म

Antim The Final Truth Review: मराठी फिल्म की यह रीमेक आयुष शर्मा को दर्शक दिलाएगी मगर उनकी मेहनत पर सलमान खान का साया लगातार मंडराता है.

Antim The Final Truth Review: अंतिमः द फाइनल ट्रुथ पूरी तरह नेपोटिज्म-फिल्म है. बॉलीवुड में यह ऐसी पहली या अंतिम फिल्म भी नहीं है. इसे देखते हुए आप हर पांच मिनट में अंदाजा लगा सकते हैं कि खान परिवार अपने जमाई राजा को बॉलीवुड में जमा देने के लिए कितना आतुर है. लेकिन इस कुनबा-परस्ती में आयुष शर्मा (Aayush Sharma) का फायदा कम हुआ और नुकसान ज्यादा. फायदा यह कि सलमान (Salman Khan) की वजह से कुछ ज्यादा दर्शक फिल्म को मिल जाएंगे और नुकसान यह कि इस नॉन-ऐक्टर सुपर सितारे की मौजूदगी में आयुष की मेहनत हाशिये पर सरक जाती है. इसमें संदेह नहीं कि डेब्यू फिल्म लव यात्री (2018) के मुकाबले आयुष यहां मंजे हुए हैं. उनका लुक निखरा है. व्यक्तित्व बदला है. वह एक्टिंग करने की कोशिश भी करते हैं. राइटर-डायरेक्टर महेश मांजरेकर ने सब्जी बाजार में मजदूरी के दृश्य में आयुष से असली बोरे उठवाए होते तो उनके हाव-भाव और बॉडी लैंग्वेज निखर आती. यहां लगता है कि हट्टा-कट्टा बदन बनाने के बावजूद आयुष सब्जी के बोरों की जगह बीन बैग्स में भरने वाला मटेरियल उठाए चल रहे हैं.

अंतिमः द फाइनल ट्रुथ मराठी फिल्म मुलशी पैटर्न (2018) का रीमेक है. पुणे जिले में मुलशी एक गांव हैं. बीते एक दशक में महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या का इतिहास खून के आंसू रुलाने वाला है. मुलशी पैटर्न अपनी जमीन खोकर दयनीय होते किसान और उसके शहरों की तरफ पलायन की समस्या दिखाती थी. बॉक्स ऑफिस पर कामयाब थी. मुलशी पैटर्न की तर्ज पर अंतिम भी मुलशी के किसान दत्ता भाऊ (सचिन खेडेकर) से शुरू होती है. कभी महाराष्ट्र केसरी रहे इस पहलवान-किसान ने मजबूरी में अपनी जमीन-खेत बिल्डर को बेचे और उसका चौकीदार हो कर रह गया. ऐसे हजारों किसान हैं. हालात दत्ता भाऊ को अपने बेटे राहुल (आयुष शर्मा) और परिवार के साथ पुणे आकर सब्जी मंडी में मजदूरी करने के लिए मजबूर कर देते हैं.


Antim The Final Truth Review: सलमान ने किया आयुष का नुकसान, किसान की कहानी बनी पुलिस और गुंडों की फिल्म

यहीं से राहुल की नई यात्रा शुरू होती है और होते-होते वह पुणे का डॉन बन जाता है. फिल्मों में हर डॉन की किस्मत में एक पुलिसवाला लिखा होता है. यहां राहुल की किस्मत में सरदार राजवीर सिंह (सलमान खान) लिखा है. इसके आगे आप खुद ही अंदाजा लगा सकते हैं कि डॉन और पुलिस वाले की टक्कर में क्या-क्या हो सकता है. इसमें लोकल पॉलिटिक्स, गुंडों के गैंग-वार, बाप-बेटे के इमोशन और हीरो-हीरोइन का थोड़ा इश्क अपनी तरफ से मिला लीजिए. अंतिम तैयार.

यह एक ठीक-ठाक रीमेक है. जिसमें महेश वी.मांजरेकर ने मूल कहानी का अंदाज-ए-बयां बदल दिया है. वह यहां सीधी कहानी लेकर चले हैं, जबकि मुलशी पैटर्न की संरचना थोड़ी घुमाव-फिराव वाली है. निर्देशकों का अंधविश्वास है कि हिंदी का दर्शक सीधी-सपाट कहानी ही समझ सकता है. उसके पास दिमाग नहीं है. वह घुमा-फिरा कर कही बात नहीं समझ सकता. फिल्म में कुछ दृश्य और मसालेदार संवाद मांजरेकर ने अपने अंदाज में जोड़ दिए हैं. इससे कहानी की लय बिगड़ी है. बावजूद इसके कि अंतिम मौलिक कहानी या विचार सामने नहीं रखती, इसे देखा जा सकता है.


Antim The Final Truth Review: सलमान ने किया आयुष का नुकसान, किसान की कहानी बनी पुलिस और गुंडों की फिल्म

अगर आप नेपोटिज्म के सख्त खिलाफ हैं, तब भी इसे फिल्मी खानदानों के डर को समझने के लिए देख सकते हैं. कैसे वे अपने परिवार के बच्चे को आगे बढ़ाने के लिए जी-जान लगाते हैं. हालांकि इससे आयुष को जबरदस्त नुकसान हुआ है. जब-जब लगता है कि आयुष का काम असर पैदा कर सकता है, वह फिल्म को अपने दम पर बढ़ा सकते हैं, अपना प्लास्टिक अंदाज और संवाद लेकर सलमान खान हाजिर हो जाते हैं. लगता है मानो, सलमान फिल्म का हिस्सा नहीं हैं बल्कि टीवी न्यूज एंकर की तरह दर्शक से बात कर रहे हैं. उनका ट्रेक फिल्म के सहज फ्रेम से बाहर है. वह अंतिम का हिस्सा नहीं होते तो फिल्म और आयुष दोनों के लिए बेहतर होता. सलमान फिल्म के सबसे बड़े सितारे हैं मगर सबसे गैर-जरूरी और सबसे कमजोर कड़ी.


Antim The Final Truth Review: सलमान ने किया आयुष का नुकसान, किसान की कहानी बनी पुलिस और गुंडों की फिल्म

अच्छे अभिनेताओं की किस्मत में कैरेक्टर आर्टिस्ट बन कर सितारों को सहारा देना ही लिखा है. सचिन खेडेकर और उपेंद्र लिमये यहां यही काम करते हैं. टीवी से निकलकर हिंदी फिल्मों में डेब्यू करने वाली महिमा मकवाना प्रभाव नहीं छोड़तीं. फिल्म का म्यूजिक खास नहीं है. सिर्फ भाई का बर्थडे गाना कुछ सुनने-बजाने लायक है. मुलशी पैटर्न के विपरीत अंतिमः द फाइनल ट्रुथ में किसान, उसकी नियति, उसका दर्द, उसका गुस्सा सब खो जाते हैं. यहां सिर्फ एक गुंडा और एक पुलिसवाला बचता है. फिल्म अपना मकसद खो देती है. अगर आपने मुलशी पैटर्न देखी है तो इसे छोड़ सकते हैं लेकिन अगर नहीं देखी तो इसे देखने की वजहें आप ऊपर जान ही चुके हैं.

और देखें
Advertisement
Advertisement
25°C
New Delhi
Rain: 100mm
Humidity: 97%
Wind: WNW 47km/h
Advertisement

टॉप हेडलाइंस

Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
Nana Patekar ने 'गदर' के डायरेक्टर अनिल शर्मा को मजाक-मजाक में कह दिया 'बकवास आदमी', वजह भी खुद बताई
नाना पाटेकर ने बॉलीवुड के इस बड़े डायरेक्टर का उड़ाया मजाक!
IND vs AUS: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में क्यों नहीं खेल रहे हार्दिक पांड्या? टेस्ट टीम में कब तक हो पाएगी वापसी
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में क्यों नहीं खेल रहे हार्दिक पांड्या? टेस्ट टीम में कब तक हो पाएगी वापसी
ABP Premium

वीडियोज

Maharahstra assembly elections 2024: महाराष्ट्र की 47 सीटों के नए Exit Poll में महायुति को मिल रही 38+ सीटें | Elections 2024Arvind Kejriwal News: Delhi चुनाव से पहले शराब घोटाले में केजरीवाल को बड़ा झटका! | ABP NewsBJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?बाबा बागेश्वर की 'सनातन हिन्दू एकता' पदयात्रा शूरू | ABP News

पर्सनल कार्नर

टॉप आर्टिकल्स
टॉप रील्स
Delhi Assembly Elections: BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
BJP-कांग्रेस के लिए क्यों खास है केजरीवाल की पहली लिस्ट?
Axis My India Exit Poll 2024: मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
मराठवाड़ा से मुंबई तक, महाराष्ट्र के किस रीजन में कौन मार रहा बाजी? एग्जिट पोल में सबकुछ साफ
Nana Patekar ने 'गदर' के डायरेक्टर अनिल शर्मा को मजाक-मजाक में कह दिया 'बकवास आदमी', वजह भी खुद बताई
नाना पाटेकर ने बॉलीवुड के इस बड़े डायरेक्टर का उड़ाया मजाक!
IND vs AUS: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में क्यों नहीं खेल रहे हार्दिक पांड्या? टेस्ट टीम में कब तक हो पाएगी वापसी
बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में क्यों नहीं खेल रहे हार्दिक पांड्या? टेस्ट टीम में कब तक हो पाएगी वापसी
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन  के लक्षण और बचाव का तरीका
बुजुर्गों को अक्सर निमोनिया क्यों होता है? जानें इस गंभीर इंफेक्शन के लक्षण और बचाव का तरीका
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
‘इंडिया की बाइक्स चला रहे और पाकिस्तानियों पर लगा दिया बैन‘, यूएई के शेख पर भड़की PAK की जनता
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
10 मिनट स्पॉट जॉगिंग या 45 मिनट वॉक कौन सी है बेहतर, जानें इसके फायदे
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
'बैलिस्टिक मिसाइल हमले पर चुप रहना', जब रूसी प्रवक्ता को लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस में आया कॉल
Embed widget