Attack Review: जॉन अब्राहम के ऐक्शन पर भारी पड़ी स्क्रिप्ट की कमजोरी, अच्छी कोशिश के बीच कम पड़ गए नए आइडिये
Attack Review: मजबूत एक्शन दृश्यों और आकर्षक वीएफएक्स के बावजूद जॉन अब्राहम (John Abraham) की यह फिल्म जैसा चाहिए वैसा असर पैदा नहीं करती.
लक्ष्य राज आनंद
जॉन अब्राहम, रकुल प्रीत, जैकलीन फर्नांडिस, रजित कपूर, प्रकाश राज, इलहाम एहसास
Attack Review: देशप्रेम की चाशनी में डूबी हालिया फिल्मों में जॉन अब्राहम की अटैक नई कड़ी है. बहादुर फौजियों और स्पेशल मिशन पर अंडर कवर एजेंट के रूप में, देश के दुश्मनों को ठिकाने लगाते आप कई सितारों को देख चुके हैं. अब बात है सुपर सोल्जर प्रोग्राम की. ऐसे सिपाही जो कंप्यूटर या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित हैं. दुनिया के रक्षा और शस्त्र वैज्ञानिक इन्हें युद्ध का भविष्य मानते हैं. अमेरिका, रूस, चीन और इजराइल से लेकर भारत में तक इन पर काम हो रहा है. हॉलीवुड में ऐसे लड़ाके दशकों पहले पर्दे पर आकर धूम मचा चुके हैं. अब बारी बॉलीवुड की है.
थीम यहां पुरानी है, लेकिन रोबोटिक तकनीक से तैयार बहादुर फौजी हीरो के रूप में अंदाज जरा नया है. यहां कैमरावर्क और तकनीक मजबूत है. यही इस फिल्म की जान भी हैं. हालांकि स्क्रिप्ट पर नई सोच से काम किया जाता, किरदारों पर मेहनत होती या एडिटर ने दिल कड़ा करके जैकलीन फर्नांडिस (Jacqueline Fernandez) के अनावश्यक दृश्यों पर कैंची चलाई होती, तो न सिर्फ फिल्म की लंबाई कम होती बल्कि कहानी भटकने से भी बचती.
अटैक की मूल कहानी यह है कि उरी टाइप एक सैन्य ऑपरेशन में जॉन अब्राहम अपनी टुकड़ी के साथ आतंकियों के ठिकाने में घुस जाते हैं. दर्जनों आतंकियों को मार गिराते हैं और उनके सरगना को गिरफ्तार कर लेते हैं. लेकिन एक किशोरवय लड़के पर दया दिखाते हुए, उसे छोड़ देते हैं. जवान होकर यही लड़का (इलहाम एहसास) भारत की संसद पर हमला करता है. तीन सौ से ज्यादा सांसदों से लेकर प्रधानमंत्री तक को बंधक बना लेता है. भारत सरकार से अपनी हर शर्त मनवाता है. क्या जॉन संसद, सांसदों और पीएम को बचाते हुए इस दुश्मन को ठिकाने लगा पाएंगे. बिना बताए भी आप इस सवाल का जवाब अपने अनुभव से जानते हैं.
अटैक की कहानी को मसालेदार बनाने के चक्कर में राइटर-डायरेक्टर लक्ष्य राज आनंद ने जॉन अब्राहम की लव स्टोरी को रिपीट मोड में डाल कर फिल्म कमजोर कर दी. जैकलीन का बार-बार जॉन के सपने में और पर्दे पर आना फिल्म में कुछ नया नहीं जोड़ता. जबकि रोमांटिक ट्रेक रखना ही था तो यहां युवा रोबोटिक साइंटिस्ट के रूप में सबा (रकुल प्रीत) मौजूद थीं. रकुल की प्रतिभा और किरदार का लेखकों तथा निर्देशक ने सही इस्तेमाल नहीं किया. इसी तरह जॉन के जिस्म में चिप फिट होने के बाद उन्हें निर्देश देने वाली इरा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आवाज) के साथ रूमानी और कॉमिक बातचीत की पर्याप्त गुंजाइश यहां थी. यह मौका भी गंवाया गया. कमजोर महिला किरदारों से नतीजा यह आया कि फिल्म भावनात्मक ऊंचाइयों को नहीं छू पाती.
अटैक सौ फीसदी जॉन के कंधों पर है और उन्हें केंद्र में रख कर शुरू से अंत तक चलती है. लेकिन इससे बात बनती नहीं. यह अलग विषय है कि जॉन का अभिनय अपने किरदार के अनुरूप है. पिछली कुछ फिल्मों से जॉन सिर्फ ऐक्शन स्टार होकर रह गए हैं. सत्यमेव जयते (2018), रॉ (2019), बाटला हाउस (2019), मुंबई सागा (2021), सत्यमेव जयते-2 (2021) में उनका एक्शन अवतार ही आया है. ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर कोई बड़ी धूम भी नहीं मचा पाईं. किसी दौर में सनी देओल भी ऐसी ऐक्शन-इमेज से चिपक गए थे और बाहर नहीं निकल सके. जब उन्होंने खुद को बदलने की कोशिश की, तब तक देर हो चुकी थी. अटैक के अंत में फिल्म बताती है कि जल्द ही इसका पार्ट-2 आएगा. यानी जॉन फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित फौजी बनकर लौटेंगे.
अटैक के पहले पार्ट की जान इसके ऐक्शन सीन और वीएफएक्स हैं. मगर दृश्यों की ऐसी कोरियोग्राफी आप हॉलीवुड फिल्मों में देख चुके हैं और यहां कुछ चौंकाता नहीं है. संसद के भीतरी दृश्य औसत हैं. फिल्म में सांसद भेड़ों के झुंड जैसे दिखते हैं और उनके हिस्से एक संवाद तक नहीं है. संसद से बाहर गृहमंत्री के रूप में रजित कपूर ने अपने रोल को ठीक ढंग से निभाया है लेकिन यहां भी समस्या उनके हिस्से आए दृश्यों और संवादों की है. उनका किरदार उभरकर नहीं आता. आतंकियों के लीडर के रूप में अफगानिस्तान में जन्मे ब्रिटिश एक्टर इलहाम एहसास के हिस्से भी ऐसे दृश्य नहीं, जिनमें नयापन हो. रत्ना पाठक शाह और किरण कुमार जैसे ऐक्टरों के लिए यहां करने को कुछ खास नहीं था.
संसद के भीतर आतंकियों के घुस जाने, भीषण हमले और नरसंहार जैसी भयानक घटना का असर पैदा करने वाले मीडिया के दृश्य यहां कमजोर हैं. जनता तो इस मामले में कहीं नजर नहीं आती. कुल मिलाकर अटैक औसत फिल्म साबित होती है, जिसकी स्क्रिप्ट में किरदार निखर कर नहीं आते. यह फिल्म जॉन अब्राहम के फैन्स के साथ वीडियो गेमिंग जैसे एक्शन दृश्यों के दीवानों को ही पसंद आ सकती है.