Bawaal Review: इन दिनों बड़ी फिल्में भी सीधे ओटीटी पर रिलीज हो रही हैं. वरुण धवन और जाह्नवी कपूर की फिल्म बवाल अमेजन प्राइम पर आई है.फिल्म को दंगल और छिछोरे जैसी शानदार फिल्में बना चुके नीतेश तिवारी ने डायरेक्ट किया है. फिल्म का ट्रेलर दुबई में रिलीज किया गया था.ओटीटी पर आ रही कंटेंट की सुनामी के बीच क्या ये फिल्म देखने लायक है तो इसका जवाब है हां


कहानी
ये कहानी है वरुण धवन यानि अजय दीक्षित उर्फ अज्जू भैया की जिन्होंने लखनऊ में अपना भौकाल बना रखा है. ये हैं तो टीचर लेकिन पढ़ाने में कोई दिलचस्पी नहीं है. इन्हें अपनी इमेज से बड़ा प्यार है. दूसरी तरफ हैं जाह्नवी कपूर यानि निशा जिन्हें बचपन से दौरे पड़ते हैं और इसी वजह से उनकी जिंदगी में कभी कोई लड़का नहीं आया. वरुण और जाह्नवी की शादी हो जाती है क्योंकि जाह्नवी को वरुण की इमेज अच्छी लगती है और वरुण को लगता है कि जाह्नवी जैसी लड़की से शादी करना उसकी इमेज के लिए और अच्छा होगा. जाह्नवी वरुण को पहले से अपनी बीमारी के बारे में बता चुकी होती है लेकिन सुहागरात को ही उसे फिर से दौरा पड़ता है और पहले ही दिन से इन दोनों में दूरिया आ जाती हैं. फिर अजय को स्कूल से एक महीने के लिए सस्पेंड कर दिया जाता है क्योंकि उसने एक विधायक के बेटे को थप्पड़ मार दिया. नौकरी जाएगी तो इमेज खराब होगी इसलिए अजय तय करता है कि यूरोप जाएगा और वहां वीडियो बनाकर बच्चों को वर्ल्ड वॉर 2 के बारे में पढ़ाएगा. जाह्नवी भी साथ जाती हैं लेकिन फिर क्या होता है? क्या अजय की नौकरी बचती हैं? इन दोनों का रिश्ता बच पाता है? इसके लिए आपको ये फिल्म देखनी होगी 


कैसी है फिल्म
इस फिल्म में कहानी भले दो लोगों के करीब आने की हो लेकिन उसे वर्ल्ड वॉर की जानकारी के बीच परोसा गया और और ये जानकारी बिना बोर किए एंटरटेनिंग तरीक से दी गई है. बच्चों को ये फिल्म जरूर दिखानी चाहिए ताकि उन्हें इस बारे में जानकारी मिल सके.कहीं पर भी फिल्म बोर नहीं करती.अपनी स्पीड से आगे बढ़ती है.लव स्टोरी और जानकारी का एक अच्छा बैलेंस बैठाने में नीतेश तिवारी कामयाब हुये हैं. यूरोप की लोकेशन्स के जरिए वर्ल्ड वॉर को देखना वाकई दिलचस्प लगता है. ये साफ सुथऱी फिल्म है जिसे आराम से पूरी फैमिली के साथ देखा जा सकता है.


एक्टिंग
वरुण धवन ने अच्छी एक्टिंग की है.अज्जू भैया के किरदार में वो जमे हैं.उन्होंने लोकल लहजे को भी अच्छे से पकड़ा है.जाह्नवी कपूर भी अच्छी लगी हैं.सेकेंड हाफ में वो ज्यादा इम्प्रेस करती हैं.वरुण के पापा के किरदार में मनोज पाहवा जमे हैं. वरुण की मां के किरदार में अंजुमन सक्सेना का काम भी अच्छा है.


डायेरक्शन
नीतेश तिवारी का डायरेक्शन अच्छा है लेकिन नीतेश तिवारी ने अपने लिए जो बैंचमार्क सेट किया है उसे वो पार नहीं कर पाए.ये फिल्म दंगल औऱ छिछोरे के लेवल की नहीं लगती. लेकिन अच्छी लगती है.फिल्म देखकर आपको कुछ मिलता है


म्यूजिक
मिथुन, तनिष्क बागची और आकाशदीप सेनगुप्ता ने फिल्म का म्यूजिक दिया है और म्यूजिक अच्छा लगता है.फिल्म में जब गाने आते हैं तो ऐसा नहीं लगता कि कहानी को धीमा कर रहे हैं.फिल्म की पेस और मूड के हिसाब से म्यूजिक फिट बैठता है 


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