Berlin Review: पहली बात तो फिल्म का सिर्फ नाम बर्लिन है, ये बर्लिन की कहानी नहीं है, बर्लिन से इसका क्या लेना देना है ये देखने पे समझ आएगा, शायद एक अच्छी थ्रिलर बनाने की शुरुआत इसके नाम से ही हुई, थ्रिलर फिल्में देखने के शौकीन हैं तो ये फिल्म जरूर देखिए, zee 5 पर आई है, मजा आयेगा


कहानी - एक जांच एजेंसी किसी विदेशी एजेंट ishwaq singh को गिरफ्तार करती है लेकिन वो मूक बधीर है, उसकी बात समझने के लिए एक टीचर apar shakti khurana को उठा लिया जाता है, इन्हे उठता था टीम का हेड राहुल बोस, लेकिन फिर एक और एजेंसी अपार को ले जाती है, अब ऐसा क्यों होता है, इस बीच एक मर्डर भी होता है, अब वो किसने किया, क्या अपार शक्ति के किरदार का इसे लेना देना है, वो कैसे 2 एजेंसियों के बीच फंस गया, मामला है क्या, देखना पड़ेगा, इससे ज्यादा बताया तो स्पॉयलर हो जाएगा


कैसी है फिल्म - ये फिल्म जरा स्लो है लेकिन धीरे धीरे ये शबाब पर जाती है और अपने तरीके से आपको चौंकाती है, कई ट्विस्ट एंड टर्न आते है जो आपको हैरान करते हैं, आपकी दिलचस्पी धीरे धीरे बनती है लेकिन फिर काफी बढ़ जाती है और एंड में मजा आता है, थ्रिलर फिल्मों के शौकीन हैं तो आपको ये फिल्म अच्छी लगेगी लेकिन शुरू के 15 मिनट देखने के बाद बंद मत कीजिएगा


एक्टिंग - अपार शक्ति खुराना का काम कमाल है, वो खुद को कमाल का एक्टर साबित करते जा रहे हैं, ये किरदार उनकी इमेज से उलट है, स्त्री 2 के बाद उन्हें ऐसे देखना आपको बताता है की एक्टर के तौर पर अपार की रेंज जबरदस्त है, ishwaq singh ने बहुत शानदार काम किया है, बिना कोई डायलॉग बोले अपनी छाप छोड़ देना आसान नहीं, एक मुक बाधिर एजेंट, ये ज्यादा देखा सुना नहीं, लेकिन यहां वो इस किरदार को जी गए और एक माइलस्टोन सेट कर गए, राहुल बोस का काम जबरदस्त है, बाकी के सारे कलाकारों ने अच्छा काम किया है


डायरेक्शन - अतुल सभरवाल का डायरेक्शन अच्छा है, वो ऐसा dark content बनाने के मास्टर हैं और यहां से बात उन्होंने फिर साबित की है, बस उन्हें फिल्म को थोड़ा फास्ट करना चाहिए था क्योंकि ott पे दर्शकों को 15 मिनट में मजा नहीं आता तो फिल्म हटा देते हैं


कुल मिलकर अच्छी थ्रिलर है, देख सकते हैं


Rating - 3 stars


ये भी पढ़ें -


‘ये क्या है सैफ’, जब शूटिंग के बीच सैफ अली खान पर भड़की थीं कंगना रनौत, जानिए ऐसा क्या हुआ था