Bholaa Movie Review: एक एंटरटेनिंग फिल्म में क्या चाहिए होता है...एक्शन, ड्रामा, इमोशन, कहानी, अच्छे एक्टर...भोला में वो सब कुछ है जो एक मास फिल्म में चाहिए होता है और इसकी यही खूबी इसकी उस खामी की भी भरपाई कर देती है कि ये तमिल फिल्म 'कैथी' का रीमेक है...ये फिल्म आपको शुरू से आखिर तब वो सब देती है जिसकी उम्मीद लेकर आप जाते हैं और कुछ ऐसा भी देती है जिसकी उम्मीद लेकर आप नहीं जाते ...
कहानी
जिन दर्शकों ने 'कैथी' देखी है उन्हें कहानी पता है, लेकिन जिन्होंने नहीं देखी उन्हें थोड़ी सी बता देते हैं क्योंकि कहानी का मजा थिएटर में ही आएगा. फिल्म में तब्बू एक पुलिस अफसर हैं, वो ड्र्ग्स का बड़ा जखीरा पकड़ लेती हैं और उनके पीछे शहर भर के गुंडे लग जाते हैं. ऐसे में वो 10 साल बाद जेल से बाहर आए 'भोला' की मदद लेती हैं. भोला को अपनी बेटी से मिलना है, फिर क्या होता है...क्या भोला बेटी से मिल पाता है...जाहिर है मिल ही पाएगा ...क्या तब्बू गुंडो को हरा पाती हैं...जाहिर है हरा ही पाएंगी क्योंकि उनके पास भोला है..लेकिन तब भी कहानी में ऐसा क्या है जो आपको बांधता है...इसके लिए थिएटर जाना पड़ेगा.
एक्टिंग
अजय देवगन कमाल हैं...ऐसा नहीं है कि वो हर सीन में अपनी हीरोगीरी ही दिखाते हैं..जहां उन्हें अंडरप्ले करना है वो करते हैं और यही उनकी खूबी है. अपनी बेटी से बात करते हुए जो इमोशन उनके चेहरे पर आते हैं वो आपकी आंखों में आंसू ले आते हैं. एक्शन सीन में वो इतने गजब के लगे हैं कि आप तालियां बजा उठेंगे. तब्बू इस फिल्म की जान हैं. पुलिस अफसर के किरदार में तब्बू इतनी फिट हैं कि लगता ही नहीं कि ये एक्टर हैं, बल्कि पुलिस अफसर ही लगती हैं. साथ ही गजब का एक्शन भी करती हैं. दीपक डोबरियाल का काम जबरदस्त है और उन्हें देखकर लगता है कि इन्हें और मौके मिलना चाहिए. संजय मिश्रा ने भी जबरदस्त काम किया है, वो अपने किरदार से एक छाप छोड़ जाते हैं और थिएटर से निकलने के बाद आपको याद रहते हैं. गजराव राव ने अलग तरह का किरदार निभाया है और वो भी गजब के लगते हैं. विनीत कुमार की एक्टिंग जबरदस्त है. अर्पित रांका का काम भी कमाल का है.
कैसी है फिल्म
पहले सीन से ही फिल्म आपको बांध लेती है और फिल्म हीरो अजय से नहीं तब्बू से शुरू होती है. शायद यही अजय देवगन की खासियत है कि उन्होंने हीरो होने के बावजूद हीरो वाली एंट्री हीरोइन को दी और हर सीन में जबरदस्ती की हीरोगीरी नहीं दिखाई. एक सीन जहां अजय अपनी बेटी से फोन पर बात करते हैं और वो बात नहीं हो पाती, ये सीन आपको आंखें नम कर देता है. फिल्म में कई जगह सीटियों तालियों वाले मूमेंट्स आते हैं. सेकेंड हाफ में भी फिल्म अच्छी पेस से आगे बढ़ती है. गाने फिल्म की कहानी को आगे ले जाते हैं और बोर नहीं करते. एक्शन जबरदस्त है. कई सीन आपको हैरान कर देते हैं...ये एक मसाला फिल्म है जिसे दर्शक खूब एन्जॉय करेंगे.
डायरेक्शन
फिल्म को अजय देवगन ने खुद डायरेक्ट किया है और इसके लिए अजय की तारीफ करनी होगी. वो जितने अच्छे एक्टर हैं उतने अच्छे डायरेक्टर भी साबित हो रहे हैं. कहां किससे कितना काम करवाना है और कहां खुद को कितना फुटेज देना है ये अजय बखूबी जानते हैं. ऐसा नहीं है कि खुद ही डायरेक्टर है खुद हीरो हैं तो हर सीन में खुद को फिट कर दिया. अजय ने चुन चुनकर अच्छे एक्टर भी कास्ट किए हैं. तब्बू का किरदार तो कई बार उनपर भी भारी पड़ जाता है लेकिन यहां लगता है अजय ने एक्टर की बजाय डायरेक्टर होने का फर्ज ज्यादा अच्छे से निभाया और इसके लिए उन्हें फुल मार्क्स.
कहां रह गई कमी
फिल्म की सबसे बड़ी कमी यही कही जा सकती है कि ये एक रीमेक है. अब हम कुछ नए की उम्मीद भी करते हैं और अजय देवगन से खासतौर पर करते हैं. भले उन्होंने इसे शानदार तरीके से बनाया लेकिन वो कुछ नया बनाएंगे तो और मजा आएगा. भोला की पिछली जिंदगी की कहानी को थोड़ा और बेहतर तरीके से दिखाया जा सकता था. भोला और उसकी बेटी के बीच के सीन बहुत जबरदस्त हैं. उन्हें थोड़ा और बढ़ाया जाता तो फिल्म का इमोशनल कनेक्ट और ज्यादा हो जाता.
म्जूजिक
फिल्म का म्यूूजिक Ravi Basrur ने दिया है. गाने अच्छे हैं. फिल्म के पेस को कम नहीं करते. फिल्म का का बैकग्राउंड स्कोर गजब का है और फिल्म को बड़े कमाल के तरीके से आगे ले जाता है. कुल मिलाकर ये एक पैसा वसूल फिल्म है, जिसे देखकर मजा आएगा. आप एंटरटेन होंगे लेकिन थिएटर में देखिएगा और 3D में ये मजा दोगुना हो जाएगा.
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