Chup Movie Review In Hindi: किसी फिल्म के रिव्यू को लिखते हुए कभी ये नहीं लगा कि अगर किसी को रिव्यू पसंद नहीं आया तो वो जान भी ले सकता है लेकिन इस फिल्म के रिव्यू को लिखते हुए ऐसा लग रहा है.और इसकी वजह कुछ और नहीं फिल्म की कहानी है जो आपको हिला डालती है. सनी देओल (Sunny Deol), दुलकर सलमान (Dulquer Salmaan), पूजा भट्ट (Pooja Bhatt) और श्रेया धनवंतरी (Shreya Dhanwanthary) की फिल्म चुप आज सिनेमाघरों पर रिलीज हो गई है.
कहानी
ये कहानी है एक सीरियल किलर की जो फिल्म का रिव्यू करने वाले क्रिटिक्स का कत्ल कर रहा है और कत्ल भी काफी बेहरमी है. कहीं शरीर पर इतने जख्म छोड़ देता है तो कहीं शरीर के अलग अलग टुकड़े पूरे स्टेडियम में अलग अलग जगह बिखेर देता है लेकिन वो ऐसा क्यों कर रहा है. क्या इसलिए कि उसकी किसी फिल्म का खराब रिव्यू किया गया है लेकिन वो तो अच्छा रिव्यू करने वालों को भी मार रहा है. ऐसा क्यों हो रहा है. यही कहानी है और फिल्म की कहानी अच्छी है. सनी देओल पुलिसवाले के किरदार में हैं और उनपर जिम्मा है उस कातिल को पकड़ने का. फिल्म में दुलकर सलमान एक फूल बेचने वाले के किरदार में हैं. श्रेया धनवंतरी एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट बनी हैं. पूजा भट्ट भी एक खास किरदार में हैं. फिल्म को आर बाल्की ने लिखा और डायरेक्ट किया है और बाल्की ने कहानी को अच्छे तरीके से कहा है. हालांकि फिल्म थोड़ी प्रीडिक्टेबिल हो जाती है लेकिन आपकी दिलचस्पी बनी रही है. आर बाल्की का कहानी कहने का एक अलग और अच्छा अंदाज है और यही उनकी खासियत है जो इस फिल्म में भी दिखती है.
एक्टिंग
दुलकर सलमान इस फिल्म में सबपर भारी हैं. उन्होंने कमाल की एक्टिंग की है. उनका किरदार कब अलग अंदाज में स्विच कर जाता है पता ही नहीं चलता. देखकर लगता है कि ये किरदार उनसे बेहतर कोई नहीं कर सकता है. सनी देओल का काम अच्छा है और अच्छा ये है कि सनी ने किसी 25 साल की हीरोइन से रोमांस नहीं किया. अपनी उम्र के मुताबिक किरदार निभाया. सफेद दाढ़ी और बाल भी नहीं छिपाए और इसलिए वो आपको रियल लगते हैं. श्रेया धनवंतरी का काम भी कमाल का है. उन्होंने एक जर्नलिस्ट के किरदार को काफी अच्छे से निभाया है. पूजा भट्ट को स्क्रीन पर देखकर अच्छा लगता है. कुल मिलाकर एक्टिंग के मामले में फिल्म अच्छी है.
फिल्म का फर्स्ट हाफ कमाल है लेकिन फिर आपको पता चलने लगता है कि ये इस कातिल का राज क्या है. दिलचस्पी कम जरूर होती है लेकिन खत्म नहीं होती. फिल्म में कत्ल के सीन आपको हिला डालते हैं. उन्होंने बहुत बेहरमी से दिखाया गया है. फिल्म की रफ्तार कहीं कम नहीं होती. आप कहीं बोर नहीं होते और यही इस फिल्म का खासियत है.
फिल्म में गुरुदत्त का भी एक प्लॉट दिखाया गया है और इस हिस्से को शानदार तरीके से फिल्माया गया है,देखकर मजा आता है. फिल्म में मीडिया पर भी चुटकी ली गई है लेकिन साथ ही आर बाल्की ने अपने साथी फिल्मकारों को भी नहीं बख्शा और मामला बैलेंस कर दिया.
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