Citadel Honey Bunny Review: वरुण-सामंथा और केके मेनन की जबरदस्त एंटरटेनर, राज और डीके निकले कंटेंट के असली सिंघम
Citadel Honey Bunny Review: वरुण धवन, सामंथा रुथ प्रभु की वेब सीरीज सिटाडेल हनी बनी प्राइम वीडियो पर रिलीज हो गई है. अगर आप देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले इसका रिव्यू पढ़ लें.
राज और डीके
वरुण धवन, सामंथा रुथ प्रभु, के के मेनन, सोहम मजूमदार, शिवांकित परिहार , सिमरन बग्गा
ओटीटी
Citadel Honey Bunny Review: इस सीरीज के एक सीन में केके मेनन वरुण धवन को जला हुआ चिकन खिला देते हैं, कुछ ऐसा ही हाल आजकल दर्शकों का भी है. इन दिनों जो कुछ कंटेंट आया है उससे स्वाद थोड़ा बिगड़ गया है लेकिन ये सीरीज आपके स्वाद को ठीक करती है. आपको एक्शन का डोज देती है, वरुण धवन सिंघम साबित होते हैं और सामंथा लेडी सिंघम, राज और डीके ने मिलकर कमाल की भूल भुलैया रची है. जिसमें रोमांच है, इमोशन है, एक्शन है और खूब सारा एंटरटेनमेंट है.
कहानी
वरुण धवन फिल्मों में हीरो का बॉडी डबल बनकर स्टंट करते हैं. वहीं उन्हें एक स्ट्रगलिंग एक्ट्रेस सामंथा मिलती हैं, वरुण उसे एक छोटा सा काम देते हैं जिसमें उसे एक शख्स को 20 मिनट अपनी बातों में उलझाकर रखना है. ये काम करते हुए सामंथा एक अलग ही जाल में फंस जाती है. पता चलता है वरुण तो कुछ और ही हैं और फिर शुरू होती है दो एजेंसियों के बीच एक जंग. कहानी के बारे में इससे ज्यादा बताना सही नहीं, बस इतना जान लीजिए कि प्रियंका चोपड़ा वाली सिटाडेल का ये प्रिक्वल है. प्रियंका के किरदार नाडिया का बचपन इसमें दिखाया गया है.
कैसी है सीरीज
ये सीरीज शुरू हुई तो मुझे लगा ये क्या हो रहा है, ये कभी फ्लैशबैक में जा रही है, तो कभी प्रेजेंट में और कभी कहीं और लेकिन फिर धीरे धीरे ये सीरीज आपको अपनी गिरफ्त में लेना शुरू करती है और फिर एक्शन, इमोशन और ड्रामा का ऐसा डोज मिलता है कि आपको मजा आता है. एक्शन मजेदार है, ट्विस्ट एंड टर्न आपको हैरान करते हैं. कुछ भी ऐसा होता है जो लगे कि पहले से पता है, यहां हीरो हमेशा मारता नहीं रहता है, पिटता भी है, हारता भी है, रोता भी और इसलिए इस सीरीज से आप कनेक्ट कर पाते हैं. यहां हीरो की ग्रैंड एंट्री नहीं होती लेकिन जब होती है तो फिर वो रंग जमा देता है. राज और डीके ने छोटी बच्ची को डालकर जो इमोशन डाला है उससे आप खूब कनेक्ट होते हैं और उस बच्ची के लिए आपको दिल पिघलता है. इस सीरीज में कुल 6 एपिसोड है और हर एपिसोड 40 से 50 मिनट का है. एक्शन, इमोशन और ड्रामा का एक बैलेंस यहां बैठाया गया है जो आपको लगातार एंटरटेन करता रहता है.
एक्टिंग
वरुण धवन का काम शानदार है, इन दिनों बहुत से हीरोज का प्रमोशन किया जा रहा है कि फलाने ने कमाल की एंट्री मारी है, फलाने ने कमाल का एक्शन किया है, लेकिन यहां वरुण ने जो किया है उसे प्रमोशन की जरूरत नहीं है, वो असली सिंघम बने दिखते हैं. एक्शन भी अच्छे से करते हैं, इमोशनल सीन में भी परफेक्ट हैं और केके मेनन के साथ उनके सीन कमाल के हैं. सामंथा क्यों इतने बड़े कद की हीरोइन मानी जाती हैं वो ये सीरीज आपको बता देती हैं. सामंथा की मौजदूगी इस सीरीज को अलग लेवल पर ले जाती है, वो कमाल का एक्शन करती हैं. बेटी के साथ उनके सीन गजब के हैं, वो इतने सधे हुए तरीके से एक्शन करती हैं कि बड़े बड़े हीरो फेल हो जाएं. उनकी स्क्रीन प्रेजेंस अलग ही लेवल की लगती है. केके मेनन तो कमाल के एक्टर हैं ही, जहां उनका नाम आ जाता है वहां अच्छे कंटेंट की गांरटी मिल जाती है. यहां भी वो बाबा के किरदार में जान डाल देते हैं. जिस तरह हर किसी को जला हुआ चिकन खिलाकर और अपनी नकली बीवी से मिलवाकर वो उसे अपने झांसे में लेते हैं, खुद दर्शक को भी भरोसा नहीं होता कि ये झूठ बोल रहे हैं. छोटी नाडिया के किरदार में चाइल्ड एक्टर काश्वी मजमूनदार ने कमाल का काम किया है. ये बच्ची आपको इमोशनल कर देती है और हैरान भी करती है. साकिब सलीम का काम काफी अच्छा है, वो इस रोल में काफी जमे हैं. सिकंदर खेर अच्छे लगे हैं, सोहम मजूमदार, शिवांकित परिहार, सिमरन बग्गा सबका काम अच्छा है, हर कोई अपने रोल में परफेक्ट है.
डायरेक्शन
राज और डीके का डायरेक्शन अच्छा है, उन्होंने ही सीता आर मेनन के साथ मिलकर इस सीरीज को लिखा है और उन्होंने फिर से दिखाया है कि राज और डीके बिना तैयारी के कुछ नहीं करते. यहां भी उनकी तैयारी दिखती है, सीरीज पर उनकी पकड़ जबरदस्त है, एक्टर्स का सेलेक्शन कमाल का है. उन्होंने कहानी को 6 एपिसोड में समेटा ये भी अच्छा है. वर्ना आजकल जबरदस्ती 8 या 9 एपिसोड बना दिए जाते हैं.
कुल मिलाकर ये सीरीज देख डालिए, ना देखने की कोई वजह नहीं है.
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