Devara Part 1 Review: देवरा ने कुछ मांगा तो समझो कह दिया औऱ कह दिया तो, देवरा ने जूनियर एनटीआर ये डायलॉग बोलते है. और उन्होंने एक बार फिर दर्शकों से प्यार मांगा है और उन्हें जरूर मिलेगा. आरआरआर के बाद जूनियर एनटीआर ने वापसी की है और जोरदार वापसी की है. उनके फैंस के लिए ये फिल्म जबरदस्त है और साउथ में ये फिल्म जरूर बवाल काटेगी.


कहानी

ये कहानी समंदर और समंदर किनारे बसे चार गांवों की है जहां के लोग समगलरों के लिए समंदर से उनका माल निकालते हैं. इन्हीं में हैं देवरा यानि जूनियर एनटीआर और भैरा यानि सैफ अली खान, लेकिन जब देवरा को ये पता चलता है कि इस सामान में अवैध हथियार हैं तो वो सबको ये काम करने से रोकता है और समंदर का रक्षक बन जाता है. लेकिन भैरा को तो ये काम करना है और फिर शुरू होती है एक जंग, इसी जंग की कहानी देखने आपको थिएटर जाना पड़ेगा. हालांकि अभी ये पार्ट 1 ही है, आगे की कहानी अगले पार्ट में आएगी.

 

कैसी है फिल्म

ये एक मसाला एंटरटेनर है, जूनियर एनटीआर के फैंस को ये फिल्म काफी पसंद आएगी.  फिल्म का एक्शन रॉ है और जबरदस्त है, अंडरवॉटर सीक्वेंस काफी अच्छे लगते हैं. फर्स्ट हाफ मजेदार लगता है लेकिन उसमें ऐसा लगता है कि कहानी कुछ आगे नहीं बढ़ रही है और कहानी जानी पहचानी सी लगती है लेकिन सेकेंड हाफ में ये शिकायत भी दूर होती है. ट्विस्ट एंड टर्न आते हैं, करीब दो घंटे 45 मिनट की ये फिल्म कहीं बोर नहीं करती. जूनियर एनटीआर जब जब स्क्रीन पर आते हैं छा जाते हैं. एनटीआर और सैफ के सीन कमाल के लगते हैं. साउथ की कई फिल्मों की तरह यहां भी गांव और गांवों से जुड़ी प्रथाओं को अहमियत दी गई है. कुल मिलाकर ये फिल्म मसाला एंटरटेनर है जो एक बार तो बड़े आराम से देखी जा सकती है. 

 

एक्टिंग

जूनियर एनटीआर छाए हुए हैं. उनका एक्शन जबरदस्त है, वो लग भी कमाल के रहे हैं. आंखों से ही वो बहुत बार अपनी बात कह जाते हैं. एनटीआर के फैंस को उनका ये अवतार काफी पसंद आएगी. सैफ अली खान अच्छे लग रहे हैं, लेकिन वो ऐसा गेटअप, ऐसा रोल पहले भी कर चुके हैं और अब मुझे लगता है उन्हें ये और नहीं करना चाहिए. प्रकाश राज का काम अच्छा है. जाह्नवी कपूर को काफी कम स्क्रीन स्पेस दिया गया है लेकिन जितना दिया गया उसमें वो अच्छी लगती हैं. उम्मीद है सेकेंड पार्ट में उनका रोल बड़ा होगा. श्रुति मराठे और तल्लूरी रामेश्वरी का काम भी अच्छा है. 

 

डायरेक्शन और राइटिंग

koratal siva ने फिल्म को लिखा और डायरेक्ट किया है और उनका काम अच्छा है. फर्स्ट हाफ में उन्हें कहानी थोड़ा और तेजी से आगे बढ़ानी चाहिए थी लेकिन ये कसर वो सेकेंड हाफ में पूरी कर देते हैं. जूनियर एनटीआर को उन्होंने अच्छे से इस्तेमाल किया है, कुल मिलाकर उनका काम अच्छा कहा जाएगा.

 

कुल मिलाकर एक बार तो देवरा को देखना बनता है.