Dil Bekaraar Review: थोड़ा रोमांस, थोड़ी कॉमेडी, अक्षय ओबेराय-सहर बांबा जीतते हैं दिल
Dil Bekaraar Review: यह सीरीज उन चुनिंदा दर्शकों के लिए है जो 1980 के दौर की यादों को ताजा करना चाहते हैं. थोड़ा रूमानी होना चाहते हैं. सितारे भी यहां पुराने हैं. निश्चित ही आप निराश नहीं होंगे.
हबीब फैसल
अक्षय ओबेराय, सहर बांबा, राज बब्बर, पूनम ढिल्लों, पद्मिनी कोल्हापुरे, पंकज कालरा, चंद्रचूड़ सिंह
Dil Bekaraar Review: ओटीटी के इस दौर में एक साथ अलग-अलग जमाने देखने-जीने वाली पीढ़ियां मनोरंजक कंटेंट की उपभोक्ता हैं. मेकर्स के लिए मैदान खुला है और वह हर तरह का कंटेंट बना रहे हैं. इसलिए ओटीटी पर 1980 और 1990 के दशक में स्थापित की गई फिल्में और वेब सीरीज मौजूद हैं. ताजमहल 89, क्वीन, क्लास ऑफ 83, एक थी बेगम, रक्तांचल, स्कैम 1992, ग्रहण. इनमें विषयों की विविधता है. डिज्नी हॉटस्टार अब गुजरे जमाने की एक और कहानी लाया है, दिल बेकरार- सीजन वन. यह सीरीज अनुजा चौहान के उपन्यास द प्राइसी ठाकुर गर्ल्स पर आधारित है. यह सीरीज उन दर्शकों के लिए है जो 1980 के दौर में बड़े हुए. जब दुनिया की खिड़कियां धीरे-धीरे खुल रही थी और बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर बन रही थी. जब टीवी का मतलब दूरदर्शन था. एंबेसडर-पद्मिनी कार, टाइपराइटर, टेलीग्राम और कैंपा कोला का रुतबा था. टीवी के न्यूज रीडर सेलेब्रिटी थे और बॉलीवुaड में एक से दस नंबर तक आसमान को छूता एक ही सितारा था. वह जहां खड़ा हो जाता था, वहीं से लाइन शुरू होती थी.
दिल बेकरार दिल्ली के एक रिटायर्ड जज एल.एन. ठाकुर (राज बब्बर), उनकी पत्नी ममता (पूनम ढिल्लन) और भरे-पूरे परिवार-पास-पड़ोस और समाज की कहानी है. ठाकुर परिवार में पांच बेटियां हैं और उनके नाम अंग्रेजी वर्णमाला के पहले पांच अक्षरों के क्रम में हैं. अंजीनी (सुखमणि सदाना), बिनोदिनी (अंजली आनंद), चंदू, देबजानी (सहर बांबा) और ईश्वरी (मेधा शंकर). पांचों का अपना अंदाज और मिजाज है. ठाकुर साहब के पड़ोसी, दोस्त और भाई ए.एन. ठाकुर (पंकज कालरा), उनकी शक्की पत्नी भूदेवी (पद्मिनी कोल्हापुरे) भी हैं. ठाकुर साहब के बेस्ट फ्रेंड शेखावत (तेज सप्रू) और उनका परिवार अहम भूमिका में है. शेखावत के बड़े बेटे डायलन (अक्षय ओबेराय) का देबजानी से रोमांस कहानी के मुख्य ट्रेक में हैं. कुल जमा यह भरे-पूरे परिवारों, दोस्तियों, रिश्तेदारियों, उनकी रस्साकशी, प्यार-मोहब्बत-डर, हंसी-मजाक-शक और विश्वास के उतार-चढ़ाव की सीरीज है.
कहानी की शुरुआत में देबजानी को सरकारी देश दर्पण न्यूज चैनल में अंग्रजी न्यूज रीडर की नौकरी मिलती है और उधर, मुंबई में डायलन एक अंग्रेजी अखबार में काम करता है. वह महत्वाकांक्षी है और खोजी पत्रकार के रूप में स्कूप ढूंढ-ढूंढ कर लाता है. कहानी का अहम बिंदु बनने वाली भोपाल गैस त्रासदी की खबरों से पहले डायलन अपने एक कॉलम में देबजानी और देश दर्पण की धज्जियां उड़ा देता है. प्रेम कहानी की चिंगारियां छूटने के लिए ऐसी टक्कर काफी मुफीद होती है. इस कहानी में पत्रकारिता के साथ राजनीति की परछाई भी है. भोपाल गैस त्रासदी से जुड़ी राजनीति को यहां प्रमुखता से कवर किया गया है. चंद्रचूड़ सिंह स्वास्थ्य मंत्री हार्दिक मोटला की भूमिका में हैं.
पूरा ताना-बाना ठाकुर साहब की बेटियों के इर्द-गिर्द है. जिसे आने वाले सीजन अधिक विस्तार से दिखाया जाएगा. अंजीनी शादीशुदा है और उसे हमेशा सबका ध्यान चाहिए, बिनोदिनी सदा प्रॉपर्टी में अपने हिस्से को लेकर चिंतित है, चंदू शादी से ठीक पहले एक विदेशी के साथ भाग चुकी है और मां उसका नाम भी नहीं सुनना चाहती, देबजानी को जिंदगी में हमेशा जीने और मोहब्बत करने के लिए ठोस पॉइंट चाहिए और सबसे छोटी ईश्वरी स्कूल के आखिरी बरस में है, मगर उसे पता नहीं कि आगे क्या करना है. ढेर किरदारों और उनकी समस्याओं के बीच दिल बेकरार का पहला सीजन 10 कड़ियों का है. प्रत्येक कड़ी का समय औसतन आधा घंटा है.
अगर आप गुजरे हुए दौर को याद करना या देखना चाहते हैं, आपको पारिवारिक कहानियां पसंद हैं और कंटेंट में सीरियल जैसी फीलिंग चाहते हैं तो यह सीरीज आपके लिए है. निर्देशक हबीब फैसल दर्शकों को फिल्म दो दूनी चार के लिए जरूर याद होंगे. यह सीरीज उन्होंने अच्छे से डायरेक्ट की है. यह इमोशन और रोमांस के साथ मुस्कान पैदा करने वाली कॉमेडी है. ऐसा कुछ नहीं है, जिससे आपके दिल-दिमाग पर जोर पड़े. इस परतदार कहानी की पटकथा सुहानी कंवर और रुचिका रॉय ने लिखी है. उनका परिश्रम दिखाई देता है. 1990 के दशक के सितारे राज बब्बर, पूनम ढिल्लों, पद्मिनी कोल्हापुरे और चंद्रचूड़ सिंह गुजरे दौर की कहानी में फिट हैं.
अक्षय ओबेराय और सहर बांबा की जोड़ी रोमांटिक ट्रेक में जमी है. अक्षय ओटीटी प्लेटफॉर्मों पर जम कर पारी खेल रहे हैं और सहर नई हैं. उन्होंने सनी देओल के बेटे करण के साथ फिल्म पल पल दिल के पास (2019) में डेब्यू किया था. कुल मिला कर यह एक ऐसी सीरीज है जिसे हल्के-फुल्के अंदाज में वक्त गुजारने का मन हो तो देखा जा सकता है.