Doctor G Review : Ayushmann Khurrana एंटरटेनमेंट के भी बने डॉक्टर, Rakul Preet और Shefali Shah ने किया बोरडम का इलाज
Doctor G Review: बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना और रकुलप्रीत सिंह की फिल्म 'डॉक्टर जी' आज 14 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो गई हैं. यहां पढ़ें 'डॉक्टर जी' मूवी फुल रिव्यू....
अनुभुति कश्यम
आयुष्मान खुराना,रकुलप्रीत सिंह,शेफाली शाह,शीबा चड्ढा
Ayushmann Khurrana Movie Doctor G Review: आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) की जब भी कोई फिल्म आने वाली होती है तो लगता है कि बंदे ने इस बार क्या नया किया होगा. उन्होंने अपने लिए एक अलग जोनर बना लिया है और इसी वजह से उनसे उम्मीदें बढ़ जाती है और Doctor G का ट्रेलर देखने के बाद ये उम्मीदें और बढ़ गई थी.
कहानी
इसमें आयुष्मान gynecologist बने हैं यानि वो डॉक्टर जो महिलाओं से जुड़ी समस्याओं का इलाज करता है. अब डॉक्टर पुरुष और इलाज महिलाओं का. ये कैसे हो सकता है. आयुष्मान को भी यही लगता है और एक मेल gynecologist के सामने क्या दिक्कतें आती हैं. यही इस फिल्म में दिखाया गया है. फर्स्ट हाफ में दिखाया गया है कि कैसे आयुष्मान को हड्डियों का डॉक्टर बनना है लेकिन उन्हें gynecology डिपार्टमेंट में एडमिशन लेना पड़ता है जहां वो अधूरे मन से काम करते हैं कि अगले साल फिर से एग्जाम दूंगा और ऑर्थो में सेलेक्शन हो जाएगा. यहां उनकी रेगिंग होती है. उनके आगे दिक्कते हैं आती हैं. दूसरे हाफ में दिखाया गया है कि कैसे वो अपने इस पेशे को अपनाते हैं. कहानी में एक औऱ ट्रैक साथ में चलता है जो सेकेंड हाफ में आपको काफी इमोशनल भी करता है . कहानी अच्छी है और इसे दिखाया भी अच्छे से गया है. एक मेल gynecologist को मरीज किस तरह से ट्रीट करते हैं . वो खुद क्या सोचता है ये आप अच्छे से महसूस कर पाते हैं.
एक्टिंग
आयुष्मान खुराना ने कमाल का काम किया है. वो बिल्कुल डॉक्टर उदय गुप्ता लगे हैं. आयुष्मान की खासियत ही ये है कि जब आप उन्हें पर्दे पर देखते हैं तो आप आयुष्मान को नहीं उस किरदार को देखते हैं और महसूस करते हैं. यहां भी कोई हीरोपंती नहीं है. कोई कूद फांद नहीं है. सब रियल लगता है और आप उससे कनेक्ट करते हैं. शेफाली शाह आयुष्मान की सीनियर बनी हैं और उन्हें देखकर यही लगता है कि वो कोई सीनियर डॉक्टर ही हैं. उनका काम परफेक्ट है चेहरे पर सख्ती का भाव शेफाली ने अच्छे से दिखाया है. रकुल प्रीत सिंह भी डॉक्टर के किरदार में हैं और खूब जमी हैं. यहां लव स्टोरी का ट्रैक भी जरा अलग है तो रकुल का एक नया अंदाज भी दिखा है. शीबा चड्ढा आयुष्मान की मां के किरदार में हैं और उन्होंने गजब की एक्टिंग है. क्या बड़ी उम्र की महिलाओं को अपनी जिंदगी जीने का हक नहीं है. इस सवाल को उन्होंने उठाया है और बखूबी उठाया है. वो फिल्म में एक अलग ही फ्लेवर डालती हैं औऱ जब भी स्क्रीन पर आती हैं आपके चेहरे पर मुस्कान आ जाती है.
अनुभूति कश्यप ने ये फिल्म डायरेक्ट की है. वो अनुराग कश्यप की बहन हैं. गैंग्स ऑफ वासेपुर औऱ देव डी जैसी फिल्मों में असिस्ट कर चुकी हैं और डायरेक्टर के तौर पर उनकी ये पहली फिल्म काबिले तरीफ है. आगे उनसे और अच्छी फिल्मों की उम्मीद है. उन्होंने बिना ज्ञान दिए बात को मजेदार तरीके से कहने की कोशिश की है.
फिल्म का म्यूजिक अच्छा है और फिल्म की पेस के हिसाब से सूट करता है. जहां गाना आता है वो सिचुएशन से जुड़ा होता है और आपको बोर नहीं करता है. कुल मिलाकर ये फिल्म देखी जा सकती है. आय़ुष्मान खुराना जोनर की फिल्मों के फैन हैं तो इसे मिस मत कीजिएगा.