Gadar 2 Movie Review: सनी देओल ने बिना हैंडपंप उखाड़े ही पाकिस्तान में मचा दिया गदर, मजा आ जाएगा
Gadar 2 Review: सनी देओल की फिल्म गदर 2 सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म देखने का प्लान बना रहे हैं तो पहले जान लीजिए इसका रिव्यू.
अनिल शर्मा
सनी देओल, अमीषा पटेल, उत्कर्ष शर्मा, मनीष वाधवा
Gadar 2 Movie Review: गदर में सनी देओल ने पाकिस्तान ने जो हैंडपंप उखाड़ा था उसे पाकिस्तान आज तक ढूंढ रहा है. इस बार सनी हैंडपंप उखाड़ते नहीं है बस देखते हैं और पाकिस्तानी दुश्मनों के पसीने छूट जाते हैं. गदर एक इमोशन है और गदर 2 देखते हुए ये बात अच्छे से महसूस होती है. जब तारा सिंह पाकिस्तान में दुश्मनों का बैंड बजाता है और हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाता है तो पूरा थिएटर तालियों से गूंज उठता है. इस फिल्म को गदर नाम के इमोशन के लिए ही देख डालिए.
कहानी
ये कहानी गदर से आगे बढ़ती है. तारा सिंह और सकीना का बेटा बड़ा हो गया है और हीरो बनना चाहता है. इसी बीच आर्मी को बॉर्डर पर दुश्मनों से भिड़ने के दौरान तारा सिंह की जरूरत पड़ती है और इस लड़ाई में तारा गायब हो जाता है. परिवार को लगता है कि तारा पाकिस्तान में बंद है. बेटा पाकिस्तान पहुंच जाता है और फिर बेटे को बचाने तारा पाकिस्तान आता है. कहानी ट्रेलर से ही समझ आ गई थी लेकिन यहां आप फिल्म इसलिए देखते हैं कि तारा गदर मचाता कैसे है.
एक्टिंग
सनी देओल एक एक फ्रेम में छाए हुए हैं. उन्हें देखते ही तालियां बजती हैं, सीटियां बजती हैं. उनका अंदाज वैसा ही है जैसा 22 साल पहले था. सनी की स्क्रीन प्रेजेंस और डायलॉग डिलीवरी जबरदस्त लगती है. सनी जब हिंदुस्तान जिंदाबाद बोलते हैं तो पूरा थिएटर हिंदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाता है. अमीषा पटेल बहुत प्यारी लगी है. उन्होंने एक्टिंग भी अच्छी की है. उन्हें देखकर लगा ही नहीं कि उनकी उम्र में 22 साल का फासला आया है. उत्कर्ष शर्मा अच्छे हैं लेकिन अभी उन्हें काफी कुछ सीखना है. सनी देओल को सामने टिकना बहुत बड़ी बता है और अभी उन्हें लंबा सफर तय करना है. सिमरत कौर अच्छी लगी हैं लेकिन उनके लिए भी अभी सफर लंबा है. विलेन के तौर पर मनीष वाधवा ने जबरदस्त काम किया है. पाकिस्तानी जनरल के किरदार को उन्होंने जिस तरह से निभाया है उन्हें देखकर लगता है कि अमरीश पुरी के बाद अगर कोई इस किरदार को निभा सकता था तो वो वही हैं. उनकी स्क्रीन प्रेजेंस से लेकर डायलॉग डिलीवरी सब कमाल है.
कैसी है फिल्म
ये फिल्म एक इमोशन है. फिल्म सकीना और तारा सिंह से शुरू होती है. तारा सिंह जैसे ही मैडम जी बोलते हैं आप 22 साल पीछे चले जाते हैं. तारा और सकीना की केमिस्ट्री बहुत प्यारी लगती है. फर्स्ट हाफ में सनी के बेटे की प्रेम कहानी भी काफी दिखाई गई है और ये कहीं ना कहीं थोड़ी खलती है क्योंकि गदर मतलब तारा सिंह और सकीना तो फर्स्ट हाफ थोड़ा लंबा लगता है लेकिन सेकेंड हाफ में जब तारा पाकिस्तान जाता है और वहां गदर मचाता है तो बस मजा आ जाता है.
डायरेक्शन
अनिल शर्मा का डायरेक्शन अच्छा है. उन्होंने फिल्म के ओऱिजनल फ्लेवर को बरकरार रखा है. हालांकि फर्स्ट हाफ को और बेहतर किया जा सकता था.
म्यूजिक
मिथुन का म्यूजिक अच्छा है. गाने सुनकर मजा आता है. फिल्म के फील के साथ गाने फिट हैं.
कुल मिलाकर गदर देखी जा सकती है. सनी देओल के फैन हैं तो मिस कर ही नहीं सकते और गदर के फैन हैं तो फिर तो देखना बनता है.
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